लखनऊ/सोनभद्र : उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में कुछ दिन पहले मिड-डे मील में भारी अनियमितता देखने को मिली थी, जहां बच्चों को रोटी के साथ नमक परोसा गया था. वहीं सोनभद्र जनपद के चोपन विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत कोटा के सलईबनवां प्राथमिक विद्यालय में एक लीटर दूध में एक बाल्टी से ज्यादा पानी मिलाकर उसे 81 बच्चों को पिला दिया गया.
शिक्षा विभाग में मचा हड़कम्प
यह मामला बुधवार का है. बुधवार को मिड-डे मील में तहरी के साथ बच्चों को 200ml दूध दिया जाता है, लेकिन ऐसा नहीं किया गया.
वहीं मामला प्रकाश में आने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कम्प मच गया है. अधिकारियों का कहना है कि उस दिन एक ही पैकेट दूध था और दूध मंगाया गया था, लेकिन इस दौरान दाई ने दूध दे दिया, लेकिन तत्काल भूल को सुधारते हुए दोबारा बच्चों को दूध पिलाया गया.
आमजन व गरीबों के बच्चों को शिक्षा मिल सके, इसके लिए सरकार परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को मुफ्त में शिक्षा, मिड-डे मील, ड्रेस और किताब सहित जरूरी चीजें उपलब्ध कराती है,
लेकिन सलईबनवांं प्राथमिक विद्यालय में एक लीटर दूध में पानी मिलाकर 81 बच्चों को पिला दिया गया. ऐसा इसलिए किया गया, ताकि बच्चों को लगे कि उन्हें जितना दूध मिलना चाहिए, उतना मिला है.
वीडियो वायरल
सलईबनवां प्राथमिक विद्यालय में भगोने में एक बाल्टी पानी में एक लीटर दूध डालने का वीडियो वायरल हो गया है. वहीं स्कूल में खाना बनाने वाली दाई, वहां के शिक्षामित्र और सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी ने माना कि एक लीटर दूध 81 बच्चों को पिलाया गया. एकतरफ सरकार का दावा है कि परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को मेन्यू के अनुसार मिड-डे मील दिया जा रहा है. वहीं यह वीडियो प्रशासन के दावे की पोल खोलता नजर आ रहा है.
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इस मामले को प्रकाश में लाने वाले स्थानीय पत्रकार राजन चौबे का कहना है - 'हमें ग्रामीणों के माध्यम से सूचना मिली थी कि सलईबनवां विद्यालय में बच्चों को कम दूध पिलाया जाता है. बच्चों को पानी डालकर दूध पिलाया जाता है.
जब मैं विद्यालय पर पहुंचा तो देखा कि एक कम्पनी का एक डिब्बा दूध रखा हुआ था. रसोइए ने एक बाल्टी पानी दूध में डाल दिया. मैंने जब उससे इसके बारे में पूछा तो उसने बताया कि यहां अक्सर ऐसा होता है. जो मिलता है, हम वही पिलाते हैं.
-राजन चौबे, स्थानीय पत्रकार
एक पैकेट दूध था. सर ने कहा बना दो तो मैंने बना दिया. एक पैकेट दूध डालकर उसमें एक बाल्टी पानी डाल दिया और बच्चों को वही दूध पिलाया गया.
-फूलमती, रसोईया
इस मामले में विद्यालय में तैनात शिक्षामित्र कबीर यादव शिक्षा विभाग का बचाव करते नजर आए. उन्होंने कहा कि एक लीटर दूध पहले से था और दाई लोगों को मालूम नहीं था. वहीं मौके पर जांच करने पहुंचे सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी मुकेश कुमार भी स्कूल के पक्ष में बोलते नजर आए.
मैं दूध लाने गया था, जब हम लेकर आए तो दाई ने दूध गरमा दिया था. जितने बच्चे थे, सभी को दिया था. उसके बाद 2 बजकर 30 मिनट के आसपास बच्चों को दोबारा दूध पिलाया गया.
-कबीर यादव, शिक्षामित्र