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पिरान कलियर उर्स: कल आएगा पाकिस्तानी जायरीनों का जत्था, साथ ले जाएंगे गंगाजल और दरगाह का तबर्रुक

कल यानी 7 अक्टूबर को पिरान कलियर के 754वें उर्स में शामिल होने पाकिस्तानी जायरीनों का जत्था रुड़की पहुंचेगा. उर्स आयोजन समिति के संयोजक व अंतरराष्ट्रीय शायर अफजल मंगलौरी ने बताया कि वापसी के समय ये जायरीन अपने साथ दरगाह का तबर्रुक और गंगाजल ले जाएंगे. गंगाजल लाहौर गुरु मंदिर और लाहौर शिव मंदिर के लिए भेजा जाएगा.

Piran Kaliyar Urs
पिरान कलियर उर्स
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Published : Oct 6, 2022, 10:20 AM IST

रुड़की: पिरान कलियर में विश्व प्रसिद्ध दरगाह साबिर पाक के 754वें उर्स/मेले में 7 अक्टूबर की सुबह पाकिस्तानी जायरीनों का जत्था रुड़की पहुंचेगा. पुलिस और प्रशासन की कड़ी सुरक्षा के बीच जत्थे को पीरान कलियर के लिए रवाना किया जाएगा. उर्स आयोजन समिति के संयोजक व अंतरराष्ट्रीय शायर अफजल मंगलौरी ने गंगाजल को लेकर भी जानकारी दी.

अफजल मंगलौरी ने बताया कि इस बार दस अक्टूबर को पीरान कलियर में एक कार्यक्रम में पाकिस्तानी जत्थे के लीडर को लाहौर गुरु मंदिर और लाहौर शिव मंदिर के लिए हरिद्वार का पवित्र गंगाजल सांसद डॉ. कल्पना सैनी, पूर्व मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद महाराज के द्वारा भेंट किया जाएगा. साथ ही दरगाह साबिर पाक का तबर्रुक (प्रसाद) वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स द्वारा भेंट किया जायेगा.

वहीं अफजल मंगलौरी के अनुसार भारतीय दूतावास ने इस्लामाबाद ने 166 यात्रियों को पीरान कलियर उर्स का वीजा प्रदान किया है. इनमें से 150 या 155 के करीब जायरीन भारत पहुंच सकेंगे. अफजल मंगलौरी ने बताया कि पांच वर्ष बाद यह जत्था इस बार उर्स/मेले में सद्भावना और विश्व शांति का पैगाम लेकर भारत आ रहा है.
ये भी पढ़ें: CM धामी ने कलियर दरगाह में भेजी सद्भावना चादर, प्रदेश की खुशहाली के लिए मांगी दुआ

साल 2017 में 153 पाकिस्तान के यात्रियों ने उर्स/मेले में भाग लिया था. अफजल मंगलौरी ने बताया कि पाकिस्तान की बड़ी दरगाह बाबा फरीद पकपट्टन, जिनके सबसे अधिक श्लोक सिखों की पवित्र किताब गुरुग्रन्थ साहिब में लिखे हैं के दीवान साहब अहमद मसूद फरीदी भी पहली बार जत्थे में पधार रहे हैं. साथ ही लाहौर की दरगाह दाता दरबार से साहिबजादा मोहम्मद शफी भी जत्थे में शिरकत कर रहे हैं. जत्थे की सुरक्षा और निगरानी के लिए पुलिस प्रशासन व खुफिया विभाग को पूरी तरह से सतर्कता बरतने के आदेश दिए गए हैं.

रुड़की: पिरान कलियर में विश्व प्रसिद्ध दरगाह साबिर पाक के 754वें उर्स/मेले में 7 अक्टूबर की सुबह पाकिस्तानी जायरीनों का जत्था रुड़की पहुंचेगा. पुलिस और प्रशासन की कड़ी सुरक्षा के बीच जत्थे को पीरान कलियर के लिए रवाना किया जाएगा. उर्स आयोजन समिति के संयोजक व अंतरराष्ट्रीय शायर अफजल मंगलौरी ने गंगाजल को लेकर भी जानकारी दी.

अफजल मंगलौरी ने बताया कि इस बार दस अक्टूबर को पीरान कलियर में एक कार्यक्रम में पाकिस्तानी जत्थे के लीडर को लाहौर गुरु मंदिर और लाहौर शिव मंदिर के लिए हरिद्वार का पवित्र गंगाजल सांसद डॉ. कल्पना सैनी, पूर्व मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद महाराज के द्वारा भेंट किया जाएगा. साथ ही दरगाह साबिर पाक का तबर्रुक (प्रसाद) वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स द्वारा भेंट किया जायेगा.

वहीं अफजल मंगलौरी के अनुसार भारतीय दूतावास ने इस्लामाबाद ने 166 यात्रियों को पीरान कलियर उर्स का वीजा प्रदान किया है. इनमें से 150 या 155 के करीब जायरीन भारत पहुंच सकेंगे. अफजल मंगलौरी ने बताया कि पांच वर्ष बाद यह जत्था इस बार उर्स/मेले में सद्भावना और विश्व शांति का पैगाम लेकर भारत आ रहा है.
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साल 2017 में 153 पाकिस्तान के यात्रियों ने उर्स/मेले में भाग लिया था. अफजल मंगलौरी ने बताया कि पाकिस्तान की बड़ी दरगाह बाबा फरीद पकपट्टन, जिनके सबसे अधिक श्लोक सिखों की पवित्र किताब गुरुग्रन्थ साहिब में लिखे हैं के दीवान साहब अहमद मसूद फरीदी भी पहली बार जत्थे में पधार रहे हैं. साथ ही लाहौर की दरगाह दाता दरबार से साहिबजादा मोहम्मद शफी भी जत्थे में शिरकत कर रहे हैं. जत्थे की सुरक्षा और निगरानी के लिए पुलिस प्रशासन व खुफिया विभाग को पूरी तरह से सतर्कता बरतने के आदेश दिए गए हैं.

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