उत्तराखंड: हरिद्वार में पतंजलि विश्वविद्यालय के खेल प्रांगण में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति स्वामी रामदेव तथा कुलपति आचार्य बालकृष्ण के सानिध्य में ‘होलिकोत्सव यज्ञ’ का आयोजन किया गया. इसमें बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने सभी देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए सभी उपस्थित बच्चों और साधकों के साथ होली मनाई और फूलों की होली खेली.
पतंजलि योगपीठ में फूलों की होली: होली महोत्सव में पतंजलि विश्वविद्यालय, पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज, पतंजलि गुरुकुलम्, आचार्यकुलम्, पतंजलि संन्यासाश्रम के विद्यार्थीगण, शिक्षकगण, कर्मचारी, संन्यासी भाई और साध्वी उपस्थित रहे. इस दौरान स्वामी रामदेव ने सभी से अपील की कि वे अपने भीतर आत्मग्लानि, आत्मविस्मृति, आत्मसम्मोहन आदि न आने दें. सदा सत्य में आरूढ़ रहते हुए अपने सत्य पथ पर, सनातन पथ पर, वेद पथ पर आगे बढ़ते रहें.
बाबा रामदेव ने बताए सात्विकता के गुर: बाबा रामदेव का कहना है कि आत्मग्लानि, आत्मविस्मृति, आत्मसम्मोहन आदि न आने दें. सदा सत्य में आरूढ़ रहते हुए अपने सत्य पथ, सनातन धर्म के रास्ते पर, वेद के बताए रास्ते पर, ऋषियों द्वारा दिखाए रास्ते पर सात्विकता के साथ आगे बढ़ते रहें. बाबा रामदेव ने कहा कि नूतन सोपान चलते रहें, बढ़ते रहें. सच बात तो यह है कि जिसके जीवन में कोई समर्थ गुरु होता है, उसके लिए तो हर दिन ही होली और दिवाली है.
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बाबा रामदेव ने छात्र के लिए गुरु की महत्ता बताई: ऐसे समर्थ गुरु के सानिध्य में हमारे छोटे छोटे पतंजलि के गुरुकुलम के बालक बालिकाओं से लेकर के आचार्यकुलम के सभी प्रज्ञावान समर्थ बालकों से लेकर के पतंजलि विश्वविद्यालय पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज पतंजलि संन्यास आश्रम के सभी हमारे आचार्य, ब्रह्मचारियों का विकास संभव है. हमारे सभी ब्रह्मवादिनी बहन बेटियां एक बहुत ही पावनता के साथ जीवन के नव सोपान यहां पर चढ़ रहे हैं और निरंतर जीवन में और प्रकाश फैलाते हुए आगे बढ़ें.