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भाजपा से सावधान रहें, वोट की खातिर उसने कृषि कानून वापस लिए : अखिलेश

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जंयत चौधरी ने शुक्रवार को साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा सरकार और सीएम योगी पर निशाना साधा. इसके साथ ही अखिलेश यादव ने किसानों को सावधान रहने की अपील करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ दल (भाजपा) की सरकार ने सिर्फ वोट की खातिर अपने विवादास्पद कृषि कानून वापस लिए हैं.

Akhilesh Yadav and Jayant Chaudhary
अखिलेश यादव व जयंत चौधरी
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Published : Jan 28, 2022, 4:51 PM IST

Updated : Jan 28, 2022, 8:52 PM IST

मुजफ्फरनगर (उप्र): समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी से किसानों को सावधान रहने की अपील करते हुए शुक्रवार को कहा कि सत्तारूढ़ दल (भाजपा) की सरकार ने सिर्फ वोट की खातिर अपने विवादास्पद कृषि कानून वापस लिए हैं. उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि यदि उनके (सपा के) गठबंधन की सरकार बनी तो वे राज्य में इस तरह के किसी किसान विरोधी कानून को लागू नहीं होने देंगे.

पूर्व मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) प्रमुख जयंत चौधरी के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह कहा. रालोद, सपा के साथ गठबंधन कर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ रहा है. विधानसभा चुनाव से पहले, भाजपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट मतदाताओं से संपर्क साध रही है. इस क्षेत्र से समुदाय के सदस्यों ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर साल भर चले प्रदर्शन में हिस्सा लिया था.

भाजपा नेताओं ने रालोद प्रमुख से भगवा पार्टी से हाथ मिलाने को भी कहा था. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को दिल्ली में जाट नेताओं के साथ एक बैठक की थी. जयंत ने कहा कि सपा के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन बहुत मजबूत है और किसानों के हितों के लिए काम करने का लक्ष्य रखता है. अखिलेश ने कहा, 'भाजपा ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन वह किसान विरोधी तीन कानून ले आई. किसानों ने सरकार को इन कानूनो को वापस लेने के लिए मजबूर कर दिया. भाजपा ने वोट की खातिर इन कानूनों को वापस लिया. भाजपा एक ऐसी पार्टी है जो कोई चीज कहे बगैर कानून ले आती है.'

ये भी पढ़ें - UP Election 2022: भाजपा ने जारी की 91 प्रत्याशियों की सूची

पूर्व मुख्यमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि सत्ता में आने पर उनकी पार्टी राज्य में इस तरह का कोई कानून लागू नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि जयंत, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और दिवंगत किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत द्वारा किसानों के हितों से जुड़े मुद्दों की पैरोकारी को आगे बढ़ा रहे हैं. जयंत ने कहा कि पहले लोगों को संदेह था कि क्या दोनों दलों के बीच गठबंधन होगा.

उन्होंने अपने दादा चौधरी चरण सिंह को याद करते हुए कहा, 'हमारा मेल काफी पहले हो गया था. हम उप्र का विकास करना चाहते हैं और गठबंधन किया क्योंकि हम चौधरी चरण सिंह की लड़ाई को आगे ले जाना चाहते हैं.' अखिलेश संवाददाता सम्मेलन के लिए मुजफ्फरनगर देर से पहुंचे. उन्होंने इससे पहले दिन में दावा किया था कि वह दिल्ली में फंस गये थे क्योंकि उनके हेलीकॉप्टर को उड़ने की अनुमति नहीं दी गई.

उन्होंने एक ट्वीट में पृष्ठभूमि में एक हेलीकॉप्टर के साथ अपनी तस्वीर साझा की. उन्होंने ट्वीट में कहा, 'मेरे हेलीकॉप्टर को अभी भी बिना किसी कारण बताए दिल्ली में रोककर रखा गया है और मुजफ्फरनगर नहीं जाने दिया जा रहा है. जबकि भाजपा के एक शीर्ष नेता अभी यहां से रवाना हुए हैं. हारती हुई भाजपा की ये हताशा भरी साजिश है. जनता सब समझ रही है.'

मुजफ्फरनगर (उप्र): समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी से किसानों को सावधान रहने की अपील करते हुए शुक्रवार को कहा कि सत्तारूढ़ दल (भाजपा) की सरकार ने सिर्फ वोट की खातिर अपने विवादास्पद कृषि कानून वापस लिए हैं. उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि यदि उनके (सपा के) गठबंधन की सरकार बनी तो वे राज्य में इस तरह के किसी किसान विरोधी कानून को लागू नहीं होने देंगे.

पूर्व मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) प्रमुख जयंत चौधरी के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह कहा. रालोद, सपा के साथ गठबंधन कर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ रहा है. विधानसभा चुनाव से पहले, भाजपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट मतदाताओं से संपर्क साध रही है. इस क्षेत्र से समुदाय के सदस्यों ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर साल भर चले प्रदर्शन में हिस्सा लिया था.

भाजपा नेताओं ने रालोद प्रमुख से भगवा पार्टी से हाथ मिलाने को भी कहा था. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को दिल्ली में जाट नेताओं के साथ एक बैठक की थी. जयंत ने कहा कि सपा के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन बहुत मजबूत है और किसानों के हितों के लिए काम करने का लक्ष्य रखता है. अखिलेश ने कहा, 'भाजपा ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन वह किसान विरोधी तीन कानून ले आई. किसानों ने सरकार को इन कानूनो को वापस लेने के लिए मजबूर कर दिया. भाजपा ने वोट की खातिर इन कानूनों को वापस लिया. भाजपा एक ऐसी पार्टी है जो कोई चीज कहे बगैर कानून ले आती है.'

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पूर्व मुख्यमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि सत्ता में आने पर उनकी पार्टी राज्य में इस तरह का कोई कानून लागू नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि जयंत, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और दिवंगत किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत द्वारा किसानों के हितों से जुड़े मुद्दों की पैरोकारी को आगे बढ़ा रहे हैं. जयंत ने कहा कि पहले लोगों को संदेह था कि क्या दोनों दलों के बीच गठबंधन होगा.

उन्होंने अपने दादा चौधरी चरण सिंह को याद करते हुए कहा, 'हमारा मेल काफी पहले हो गया था. हम उप्र का विकास करना चाहते हैं और गठबंधन किया क्योंकि हम चौधरी चरण सिंह की लड़ाई को आगे ले जाना चाहते हैं.' अखिलेश संवाददाता सम्मेलन के लिए मुजफ्फरनगर देर से पहुंचे. उन्होंने इससे पहले दिन में दावा किया था कि वह दिल्ली में फंस गये थे क्योंकि उनके हेलीकॉप्टर को उड़ने की अनुमति नहीं दी गई.

उन्होंने एक ट्वीट में पृष्ठभूमि में एक हेलीकॉप्टर के साथ अपनी तस्वीर साझा की. उन्होंने ट्वीट में कहा, 'मेरे हेलीकॉप्टर को अभी भी बिना किसी कारण बताए दिल्ली में रोककर रखा गया है और मुजफ्फरनगर नहीं जाने दिया जा रहा है. जबकि भाजपा के एक शीर्ष नेता अभी यहां से रवाना हुए हैं. हारती हुई भाजपा की ये हताशा भरी साजिश है. जनता सब समझ रही है.'

Last Updated : Jan 28, 2022, 8:52 PM IST
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