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Medicine From Drone: ड्रोन से पहुंची दुर्गम इलाके में दवा, ऋषिकेश एम्स ने 44KM दूर टिहरी के मरीज को दी डिलीवरी - ऋशिकेश एम्स ने 75KM दूर टिहरी में मरीजों को

उत्तराखंड के साथ ही देश के मेडिकल इतिहास के लिए आज यादगार दिन है. आज एम्स ऋषिकेश ने ड्रोन के जरिए पहाड़ी जिले टिहरी के लिए दवाई भेजी. 2000 मीटर की ऊंचाई पर उड़कर ड्रोन ने 29 मिनट में एम्स ऋषिकेश से टिहरी तक 3 किलो की दवाई का पैकेट ड्रॉप किया. एम्स ऋषिकेश उत्तराखंड का पहला संस्थान बन गया है जो ड्रोन से दवाई डिलीवरी कर रहा है. इस सफलता से एम्स ऋषिकेश का प्रबंधन खुश है.

Medicine From Drone
एम्स ऋषिकेश
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Published : Feb 16, 2023, 12:25 PM IST

Updated : Feb 16, 2023, 4:20 PM IST

एम्स ऋषिकेश ने ड्रोन से भेजी पहाड़ पर दवाई.

उत्तराखंड: एम्स ऋषिकेश ने पहाड़ी इलाकों के दुर्गम क्षेत्रों में दवाई पहुंचाने के लिए नई तकनीक से सेवा देनी शुरू कर दी है. ड्रोन कंपनी के माध्यम से दवाइयां मरीजों तक पहुंचाए जाने की योजना आज से शुरू हो गई है. एम्स की प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह और ड्रोन कंपनी के अधिकारियों ने पहली ड्रोन सेवा से तीन किलो भार की दवाई का पैकेट नई टिहरी के लिए रवाना किया. 29 मिनट में ड्रोन ने टिहरी पहुंचकर मरीज को दवाई उपलब्ध कराई.

एम्स ऋषिकेश ने ड्रोन से भेजी दवाई: एम्स ऋषिकेश में आज ड्रोन के सहारे पहाड़ के दुर्गम क्षेत्रों में दवाई पहुंचाने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसका शुभारंभ एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह और ड्रोन कंपनी के अधिकारी गौरव कुमार ने किया. लगभग तीन किलो की दवाई का पार्सल ड्रोन के माध्यम से नई टिहरी के लिए रवाना किया गया.
पढ़ें- Rishikesh AIIMS में होगा डीएनए जांच, प्रयोगशाला का हुआ शुभारंभ

ड्रोन से पहली बार भेजी गई दवाई: मीनू सिंह ने बताया कि पहले ही एम्स पहाड़ के दुर्गम इलाकों में दवाई भेजने के लिए सड़क मार्ग का उपयोग कर रहा है. लेकिन कई बार सड़क मार्ग से दवाइयां पहुंचाने में समय बहुत लगता है. इसलिए ड्रोन के माध्यम से समय को बचाने के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया गया है. पहले ट्रायल के तौर पर ड्रोन को पहाड़ के अलग-अलग क्षेत्रों में भेजा गया. ट्रायल सफल होने के बाद आज पहली बार नई टिहरी में दवाइयां ड्रोन के माध्यम से भेजी गई हैं.

80 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है ड्रोन: मीनू सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने की दिशा में एम्स ऋषिकेश लगातार नए नए आयाम स्थापित कर रहा है. राज्य के किसी भी कोने में आसानी से दवाइयां पहुंचाई जा सकें, इसके प्रयास जारी हैं. ड्रोन टेक्निकल टीम के सदस्य गौरव कुमार ने बताया कि एक बार में ड्रोन 80 किलोमीटर तक की उड़ान भर सकता है. फिलहाल पहाड़ी इलाकों में मैक्सिमम 42 किलोमीटर की फ्लाइंग ड्रोन ने भरी है.

ड्रोन से दवाई भेजने वाला पहला एम्स बना ऋषिकेश: एम्स निदेशक प्रोफेसर डॉक्टर मीनू सिंह ने बताया कि एम्स ऋषिकेश देश का पहला एम्स है, जहां पर ड्रोन के माध्यम से दवाइयां पहुंचाने की सुविधा शुरू की गई है. अभी तक किसी भी एम्स में इस तरह की सुविधा नहीं है.

29 मिनट में टिहरी पहुंचा ड्रोन: एम्स ऋषिकेश से दवाई लेकर टिहरी रवाना हुआ ड्रोन 29 मिनट में ही वहां पहुंच गया. टिहरी के बौराड़ी की हवाई दूरी एम्स ऋषिकेश से 44 किलोमीटर है. अगर सड़क मार्ग से जाया जाए तो 75 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है.

एम्स ऋषिकेश ने ड्रोन से भेजी पहाड़ पर दवाई.

उत्तराखंड: एम्स ऋषिकेश ने पहाड़ी इलाकों के दुर्गम क्षेत्रों में दवाई पहुंचाने के लिए नई तकनीक से सेवा देनी शुरू कर दी है. ड्रोन कंपनी के माध्यम से दवाइयां मरीजों तक पहुंचाए जाने की योजना आज से शुरू हो गई है. एम्स की प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह और ड्रोन कंपनी के अधिकारियों ने पहली ड्रोन सेवा से तीन किलो भार की दवाई का पैकेट नई टिहरी के लिए रवाना किया. 29 मिनट में ड्रोन ने टिहरी पहुंचकर मरीज को दवाई उपलब्ध कराई.

एम्स ऋषिकेश ने ड्रोन से भेजी दवाई: एम्स ऋषिकेश में आज ड्रोन के सहारे पहाड़ के दुर्गम क्षेत्रों में दवाई पहुंचाने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसका शुभारंभ एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह और ड्रोन कंपनी के अधिकारी गौरव कुमार ने किया. लगभग तीन किलो की दवाई का पार्सल ड्रोन के माध्यम से नई टिहरी के लिए रवाना किया गया.
पढ़ें- Rishikesh AIIMS में होगा डीएनए जांच, प्रयोगशाला का हुआ शुभारंभ

ड्रोन से पहली बार भेजी गई दवाई: मीनू सिंह ने बताया कि पहले ही एम्स पहाड़ के दुर्गम इलाकों में दवाई भेजने के लिए सड़क मार्ग का उपयोग कर रहा है. लेकिन कई बार सड़क मार्ग से दवाइयां पहुंचाने में समय बहुत लगता है. इसलिए ड्रोन के माध्यम से समय को बचाने के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया गया है. पहले ट्रायल के तौर पर ड्रोन को पहाड़ के अलग-अलग क्षेत्रों में भेजा गया. ट्रायल सफल होने के बाद आज पहली बार नई टिहरी में दवाइयां ड्रोन के माध्यम से भेजी गई हैं.

80 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है ड्रोन: मीनू सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने की दिशा में एम्स ऋषिकेश लगातार नए नए आयाम स्थापित कर रहा है. राज्य के किसी भी कोने में आसानी से दवाइयां पहुंचाई जा सकें, इसके प्रयास जारी हैं. ड्रोन टेक्निकल टीम के सदस्य गौरव कुमार ने बताया कि एक बार में ड्रोन 80 किलोमीटर तक की उड़ान भर सकता है. फिलहाल पहाड़ी इलाकों में मैक्सिमम 42 किलोमीटर की फ्लाइंग ड्रोन ने भरी है.

ड्रोन से दवाई भेजने वाला पहला एम्स बना ऋषिकेश: एम्स निदेशक प्रोफेसर डॉक्टर मीनू सिंह ने बताया कि एम्स ऋषिकेश देश का पहला एम्स है, जहां पर ड्रोन के माध्यम से दवाइयां पहुंचाने की सुविधा शुरू की गई है. अभी तक किसी भी एम्स में इस तरह की सुविधा नहीं है.

29 मिनट में टिहरी पहुंचा ड्रोन: एम्स ऋषिकेश से दवाई लेकर टिहरी रवाना हुआ ड्रोन 29 मिनट में ही वहां पहुंच गया. टिहरी के बौराड़ी की हवाई दूरी एम्स ऋषिकेश से 44 किलोमीटर है. अगर सड़क मार्ग से जाया जाए तो 75 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है.

Last Updated : Feb 16, 2023, 4:20 PM IST
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