नई दिल्ली : उद्योगपति गौतम अडाणी समूह को लेकर अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट कई दिनों से चर्चा में है. ग्रुप के कई शेयरों पर भले ही इसका असर पड़ा, लेकिन अडाणी एंटरप्राइजेज के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग (एफपीओ) पर इसका असर कतई नजर नहीं आया. अडाणी समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री मंगलवार को गैर-खुदरा निवेशकों द्वारा भारी मात्रा में बोली लगाने के बाद पूरी तरह से सब्सक्राइब हुई.
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Adani FPO getting subscribed is bad news for notorious #Hindenburg &ilk,who wanted to target LIC& SBI,eventually
— Sanju Verma (@Sanju_Verma_) January 31, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Interest Cover Ratio of #AdaniEnt is 1.9x,better than Infra firms globally
3x is ideal,but most Infra firms globally have 1.2x,so Adani,much better off in that sense pic.twitter.com/pV3e4iGlve
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यानी एफपीओ 100 प्रतिशत सब्सक्राइब हुआ. देश ही नहीं विदेशी इनवेस्टर में भी इसको लेकर खासा उत्साह देखा गया. अबु धाबी की कंपनी ने अडाणी एंटरप्राइजेज के एफपीओ में 40 करोड़ डॉलर का निवेश किया. वे 3200 करोड़ रु. का निवेश करेंगे.
स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों से मिली जानकारी के मुताबिक 4.55 करोड़ के ऑफर के मुकाबले 4.62 करोड़ शेयर मांगे गए. बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, गैर-संस्थागत निवेशकों ने उनके लिए आरक्षित 96.16 लाख शेयरों के तीन गुना से अधिक के लिए बोलियां लगाईं, जबकि योग्य संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) के लिए आरक्षित 1.28 करोड़ शेयरों को लगभग पूरी तरह से सब्सक्राइब किया गया.
हालांकि, खुदरा निवेशकों और कंपनी के कर्मचारियों की एफपीओ के प्रति उदासीनता देखने को मिली. खुदरा निवेशकों के लिए लगभग आधा निर्गम आरक्षित था, जबकि उन्होंने अपने लिए आरक्षित 2.29 करोड़ शेयरों में से केवल 11 प्रतिशत के लिए बोली लगाई. कर्मचारियों के लिए आरक्षित 1.6 लाख शेयरों में 52 फीसदी के लिए बोलियां आईं.
अबु धाबी की कंपनी ने किया 40 करोड़ डॉलर का निवेश किया : अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में आ रही गिरावट के बीच अबु धाबी की कंपनी इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (आईएचसी) ने अडाणी समूह की अडाणी एंटरप्राइजेज के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) में 40 करोड़ डॉलर का निवेश किया है.
आईएचसी ने एक बयान में बताया कि इस एफपीओ में निवेश उसने अपनी अनुषंगी ग्रीन ट्रांसमिशन इन्वेस्टमेंट होल्डिंग आरएससी लिमिटेड के जरिए किया है. आईएचसी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सैयद बसर शोएब ने कहा, 'अडाणी समूह में हमारी दिलचस्पी का कारण अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के बुनियादी सिद्धांतों में हमारा भरोसा और विश्वास है. दीर्घकालिक नजरिए से हमें वृद्धि की मजबूत संभावना और हमारे शेयरधारकों के लिए अधिक मूल्य देखने को मिल रहा है.'
क्या है 'एफपीओ' : यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक कंपनी, जो पहले से ही एक्सचेंज में सूचीबद्ध है, निवेशकों या मौजूदा शेयरधारकों, आमतौर पर प्रमोटरों को नए शेयर जारी करती है. FPO का उपयोग कंपनियां अपने इक्विटी आधार में विविधता लाने के लिए करती हैं. कंपनी आईपीओ की प्रक्रिया से गुजरने के बाद एफपीओ का उपयोग करती है और जनता के लिए अपने अधिक शेयर उपलब्ध कराने या ऋण का विस्तार करने या भुगतान करने के लिए पूंजी जुटाने का फैसला करती है.
24 जनवरी को आई थी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट : हिंडनबर्ग की रिपोर्ट अडाणी एंटरप्राइजेज की तरफ से 20,000 करोड़ रुपये का अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) लाने के ऐन पहले 24 जनवरी को आई थी. दरअसल फोरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च करने वाली अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग ने दावा किया है कि ग्रुप ने टैक्स बचाने के लिए विदेशों में बनाई गई कंपनियों का इस्तेमाल किया है. रिपोर्ट आने के बाद अडाणी ग्रुप के शेयर गिर रहे हैं. हिंडनबर्ग रिसर्च मुख्य रूप से फोरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च का काम करती है. कंपनी अपने आप को इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट इंडस्ट्री का एक्सपर्ट बताती है.
कंपनी का दावा है कि वह टिपिकल सोर्सेस से जानकारी जुटाकर उन परिणामों को सामने रखती है. अकाउंटिंग में गड़बड़ियां ढूंढी जाती हैं. अवैध तरीके या फिर अनैतिक तरीके से बिजनेस करने वाली कंपनियों को सामने लाती है.
अडाणी ने 413 पन्नों का जवाब जारी किया : हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों को सिरे से खारिज किया है. अडाणी समूह ने 'भारत, उसकी संस्थाओं और विकास की गाथा पर सुनियोजित हमला' बताते हुए कहा कि आरोप 'झूठ के सिवाए कुछ नहीं' हैं. अडाणी समूह ने 413 पन्नों के जवाब में कहा है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट 'मिथ्या धारणा बनाने' की 'छिपी हुई मंशा' से प्रेरित है, ताकि अमेरिकी फर्म को वित्तीय लाभ मिल सके. समूह ने कहा है, 'यह केवल किसी विशिष्ट कंपनी पर एक अवांछित हमला नहीं है, बल्कि भारत, भारतीय संस्थाओं की स्वतंत्रता, अखंडता और गुणवत्ता, तथा भारत की विकास गाथा और महत्वाकांक्षाओं पर एक सुनियोजित हमला है.'
शेयरों में गिरावट का सिलसिला जारी : एफपीओ भले ही 100 प्रतिशत सब्सक्राइब हुआ लेकिन अडाणी समूह की ज्यादातर कंपनियों के शेयरों में मंगलवार को गिरावट का सिलसिला जारी रहा. बीएसई पर लगातार चौथे दिन समूह की कंपनियों के शेयर टूटे. शुरुआती कारोबार में अडाणी टोटल गैस का शेयर 10 प्रतिशत टूट गया. वहीं, अडाणी ग्रीन एनर्जी 9.60 प्रतिशत, अडाणी ट्रांसमिशन 8.62 प्रतिशत, अडाणी विल्मर पांच प्रतिशत, अडाणी पावर 4.98 प्रतिशत, एनडीटीवी 4.98 प्रतिशत और अडाणी पोर्ट्स का शेयर 1.45 फीसदी टूटा.
हालांकि, अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 5.26 प्रतिशत चढ़ गया, अंबुजा सीमेंट्स का शेयर 5.25 प्रतिशत और एसीसी का 2.91 प्रतिशत चढ़ गया. वहीं, एलआईसी का शेयर मंगलवार सुबह 0.82 प्रतिशत टूटा जबकि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) का 3.74 प्रतिशत चढ़ा. अडाणी समूह की ज्यादातर कंपनियों के शेयरों में सोमवार को भी गिरावट आई थी.
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