ETV Bharat / bharat

97th Episode Of Mann Ki Baat today : पीएम मोदी ने की मन की बात, बोले- लोकतंत्र हमारी रगों में, हमारी संस्कृति में है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मन की बात की. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री देश-विदेश के लोगों के साथ अपने विचार साझा कर रहे हैं. आपको बता दें कि मासिक रेडियो कार्यक्रम की 97वीं कड़ी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम में संबोधित किए जाने वाले विषयों पर लोगों से उनके विचार करने के लिए कहा है.

97th Episode Of Mann Ki Baat today
प्रतिकात्मक तस्वीर
author img

By

Published : Jan 29, 2023, 7:00 AM IST

Updated : Jan 29, 2023, 11:34 AM IST

नई दिल्ली: आज देशवासियों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात की. यह मन की बात का 97वां एपिसोड था. यह साल 2023 का पहला एपिसोड भी था. मन की बात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2023 की यह पहली मन की बात और उसके साथ-साथ इस कार्यक्रम का 97वें एपिसोड में एक बार फिर बातचीत करके मुझे बहुत खुशी हो रही है. उन्होंने कहा कि हर साल जनवरी का महीना काफी इवेंटफुल होता है. इस महीने में उत्तर से लेकर दक्षिण तक त्योहार मनाए जाते हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि इस बार भी गणतन्त्र दिवस समारोह में अनेक पहलुओं की काफी प्रशंसा हो रही है. जमीनी स्तर पर अपने समर्पण और सेवा-भाव से उपलब्धि हासिल करने वालों को पीपुल्स पद्मा को लेकर भी कई लोगों ने अपनी भावनाएं साझा की हैं. जनजातीय जीवन, शहरों की भागदौड़ से अलग होता है, उसकी चुनौतियां भी अलग होती हैं. इसके बावजूद जनजातीय समाज अपनी परम्पराओं को सहेजने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि इस बार पद्म पुरस्कार से सम्मानित होने वालों में जनजातीय समुदाय और जनजातीय जीवन से जुड़े लोगों का अच्छा-खासा प्रतिनिधत्व रहा है. धानीराम टोटो, जानुम सिंह सोय और बी. रामकृष्ण रेड्डी जी के नाम, अब तो पूरा देश उनसे परिचित हो गया है. ऐसे ही टोटो, हो, कुइ, कुवी और मांडा जैसी जनजातीय भाषाओं पर काम करने वाले कई महानुभावों को पद्म पुरस्कार मिले हैं. यह हम सभी के लिए गर्व की बात है.

जनजातीय समुदाय हमारी धरती, हमारी विरासत का अभिन्न हिस्सा रहे हैं. देश और समाज के विकास में उनका योगदान बहुत महत्वपूर्ण है. उनके लिए काम करने वाले व्यक्तित्वों का सम्मान, नई पीढ़ी को भी प्रेरित करेगा. पीएम मोदी ने कहा कि इस साल पद्म पुरस्कारों की गूंज उन इलाकों में भी सुनाई दे रही है, जो नक्सल प्रभावित हुआ करते थे. अपने प्रयासों से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में गुमराह युवकों को सही राह दिखाने वालों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है.

इसी प्रकार नॉर्थ-ईस्ट में अपनी संस्कृति के संरक्षण में जुटे रामकुईवांगबे निउमे, बिक्रम बहादुर जमातिया और करमा वांगचु को भी सम्मानित किया गया है. पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र हमारी रगों में है, हमारी संस्कृति में है- सदियों से यह हमारे कामकाज का भी एक अभिन्न हिस्सा रहा है. स्वभाव से, हम एक Democratic Society हैं. डॉ अम्बेडकर ने बौद्ध भिक्षु संघ की तुलना भारतीय संसद से की थी. उन्होंने उसे एक ऐसी संस्था बताया था, जहां Motions, Resolutions, Quorum (कोरम), Voting और वोटों की गिनती के लिए कई नियम थे.

पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह लोगों ने व्यापक स्तर पर सक्रिय भागीदारी करके योग और फिटनेस को अपने जीवन का हिस्सा बनाया है उसी तरह मिलेट्स को भी लोग बड़े पैमाने पर अपना रहे हैं. लोग अब मिलेट्स को अपने खानपान का हिस्सा बना रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि आज हिंदुस्तान के कोने-कोने में G-20 की समिट लगातार चल रही है और मुझे खुशी है कि देश के हर कोने में जहां भी G-20 की समिट हो रही है, मिलेट्स से बने पौष्टिक और स्वादिष्ट व्यंजन उसमें शामिल होते हैं.

आप कल्पना कर सकते हैं कि देश का ये प्रयास और दुनिया में बढ़ने वाली मिलेट्स (Millets) की डिमांड हमारे छोटे किसानों को कितनी ताकत देने वाली है. पीएम मोदी ने कहा कि आंध्र प्रदेश के के नांदयाल जिले के रहने वाले केवीं रामा सुब्बा रेड्डी जी ने Millets के लिए अच्छी खासी सैलरी वाली नौकरी छोड़ दी. मां के हाथों से बने Millets के पकवानों का स्वाद कुछ ऐसा रचा-बसा था कि इन्होंने अपने गांव में बाजरे की प्रोसेसिंग यूनिट ही शुरू कर दी. उन्होंने महाराष्ट्र में अलीबाग के पास केनाड गांव की रहने वाली शर्मीला ओसवाल जी के बारे में भी बताया. पीएम ने कहा कि पिछले 20 सालों से Millets की पैदावार में यूनिक तरीके से योगदान दे रही हैं. वो किसानों को Smart agriculture की training दे रही हैं. उनके प्रयासों से सिर्फ Millets की उपज बढ़ी है.

पीएम आज के मन की बात में पीएम मोदी न्यू इंडिया की प्रगति की कहानी शेयर की.

पढ़ें : मास्क और हाथ धुलने जैसी सावधानियों का रखें ख्याल : मन की बात में पीएम मोदी

पिछले मन की बात में पीएम मोदी ने गिनाई थी 2022 की उपलब्धियां : पिछले साल 25 दिसंबर को अपनी अंतिम मन की बात में कहा था कि साल 2022 की कई सफलताओं में एक सफलता यह भी है कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया. अपने मासिक रेडियो प्रसारण 'मन की बात' में पीएम ने कहा था कि 2022 में 220 करोड़ टीकों के अविश्वसनीय आंकड़े को पार करने का भारत का रिकॉर्ड भी एक मील का पत्थर है.

प्रधान मंत्री ने 2022 की उपलब्धियों को सूचीबद्ध करते हुए कहा था कि भारत ने 2022 में 400 अरब डॉलर के जादुई निर्यात आंकड़े को पार कर लिया. खेलों में, चाहे वह राष्ट्रमंडल खेल हों या हमारी महिला हॉकी टीम की जीत, हमारे युवाओं ने जबरदस्त क्षमता दिखाई है. उन्होंने कहा था कि इसके सबके साथ ही मोदी ने 'कालाजार' की चुनौती के बारे में भी बताया था और कहा था कि निरंतर प्रयासों से कालाजार नाम की बीमारी अब तेजी से खत्म हो रही है. उन्होंने कहा था कि अभी हाल तक कालाजार का कहर चार राज्यों के 50 से ज्यादा जिलों में फैल चुका था.

पढ़ें : 'मन की बात' में मोदी के भाषणों का संकलन छापने के नाम पर ठगी को लेकर प्रकाशक गिरफ्तार

लेकिन अब यह बीमारी बिहार और झारखंड के चार जिलों तक ही सीमित है. मुझे यकीन है, बिहार-झारखंड के लोगों की ताकत और जागरूकता 'कालाजार' को खत्म करने के सरकार के प्रयासों में मदद करेगी. मन की बात कार्यक्रम का अप्रैल में 100वां एपिसोड होगा. 100वें एपिसोड के लिए केंद्र सरकार ने लोगो और जिंगल बनाने का कॉम्पटीशन रखा है. यह 18 जनवरी से शुरू हो चुका है और इसके तहत अपने बनाए लोगो और जिंगल सब्मिट करने की आखिरी तारीख 1 फरवरी है. इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आप mygov.in पर अप्लाई कर सकते हैं.

पढ़ें : जी-20 की अध्यक्षता, हमारे लिए एक बड़ा अवसर: पीएम मोदी

नई दिल्ली: आज देशवासियों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात की. यह मन की बात का 97वां एपिसोड था. यह साल 2023 का पहला एपिसोड भी था. मन की बात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2023 की यह पहली मन की बात और उसके साथ-साथ इस कार्यक्रम का 97वें एपिसोड में एक बार फिर बातचीत करके मुझे बहुत खुशी हो रही है. उन्होंने कहा कि हर साल जनवरी का महीना काफी इवेंटफुल होता है. इस महीने में उत्तर से लेकर दक्षिण तक त्योहार मनाए जाते हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि इस बार भी गणतन्त्र दिवस समारोह में अनेक पहलुओं की काफी प्रशंसा हो रही है. जमीनी स्तर पर अपने समर्पण और सेवा-भाव से उपलब्धि हासिल करने वालों को पीपुल्स पद्मा को लेकर भी कई लोगों ने अपनी भावनाएं साझा की हैं. जनजातीय जीवन, शहरों की भागदौड़ से अलग होता है, उसकी चुनौतियां भी अलग होती हैं. इसके बावजूद जनजातीय समाज अपनी परम्पराओं को सहेजने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि इस बार पद्म पुरस्कार से सम्मानित होने वालों में जनजातीय समुदाय और जनजातीय जीवन से जुड़े लोगों का अच्छा-खासा प्रतिनिधत्व रहा है. धानीराम टोटो, जानुम सिंह सोय और बी. रामकृष्ण रेड्डी जी के नाम, अब तो पूरा देश उनसे परिचित हो गया है. ऐसे ही टोटो, हो, कुइ, कुवी और मांडा जैसी जनजातीय भाषाओं पर काम करने वाले कई महानुभावों को पद्म पुरस्कार मिले हैं. यह हम सभी के लिए गर्व की बात है.

जनजातीय समुदाय हमारी धरती, हमारी विरासत का अभिन्न हिस्सा रहे हैं. देश और समाज के विकास में उनका योगदान बहुत महत्वपूर्ण है. उनके लिए काम करने वाले व्यक्तित्वों का सम्मान, नई पीढ़ी को भी प्रेरित करेगा. पीएम मोदी ने कहा कि इस साल पद्म पुरस्कारों की गूंज उन इलाकों में भी सुनाई दे रही है, जो नक्सल प्रभावित हुआ करते थे. अपने प्रयासों से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में गुमराह युवकों को सही राह दिखाने वालों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है.

इसी प्रकार नॉर्थ-ईस्ट में अपनी संस्कृति के संरक्षण में जुटे रामकुईवांगबे निउमे, बिक्रम बहादुर जमातिया और करमा वांगचु को भी सम्मानित किया गया है. पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र हमारी रगों में है, हमारी संस्कृति में है- सदियों से यह हमारे कामकाज का भी एक अभिन्न हिस्सा रहा है. स्वभाव से, हम एक Democratic Society हैं. डॉ अम्बेडकर ने बौद्ध भिक्षु संघ की तुलना भारतीय संसद से की थी. उन्होंने उसे एक ऐसी संस्था बताया था, जहां Motions, Resolutions, Quorum (कोरम), Voting और वोटों की गिनती के लिए कई नियम थे.

पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह लोगों ने व्यापक स्तर पर सक्रिय भागीदारी करके योग और फिटनेस को अपने जीवन का हिस्सा बनाया है उसी तरह मिलेट्स को भी लोग बड़े पैमाने पर अपना रहे हैं. लोग अब मिलेट्स को अपने खानपान का हिस्सा बना रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि आज हिंदुस्तान के कोने-कोने में G-20 की समिट लगातार चल रही है और मुझे खुशी है कि देश के हर कोने में जहां भी G-20 की समिट हो रही है, मिलेट्स से बने पौष्टिक और स्वादिष्ट व्यंजन उसमें शामिल होते हैं.

आप कल्पना कर सकते हैं कि देश का ये प्रयास और दुनिया में बढ़ने वाली मिलेट्स (Millets) की डिमांड हमारे छोटे किसानों को कितनी ताकत देने वाली है. पीएम मोदी ने कहा कि आंध्र प्रदेश के के नांदयाल जिले के रहने वाले केवीं रामा सुब्बा रेड्डी जी ने Millets के लिए अच्छी खासी सैलरी वाली नौकरी छोड़ दी. मां के हाथों से बने Millets के पकवानों का स्वाद कुछ ऐसा रचा-बसा था कि इन्होंने अपने गांव में बाजरे की प्रोसेसिंग यूनिट ही शुरू कर दी. उन्होंने महाराष्ट्र में अलीबाग के पास केनाड गांव की रहने वाली शर्मीला ओसवाल जी के बारे में भी बताया. पीएम ने कहा कि पिछले 20 सालों से Millets की पैदावार में यूनिक तरीके से योगदान दे रही हैं. वो किसानों को Smart agriculture की training दे रही हैं. उनके प्रयासों से सिर्फ Millets की उपज बढ़ी है.

पीएम आज के मन की बात में पीएम मोदी न्यू इंडिया की प्रगति की कहानी शेयर की.

पढ़ें : मास्क और हाथ धुलने जैसी सावधानियों का रखें ख्याल : मन की बात में पीएम मोदी

पिछले मन की बात में पीएम मोदी ने गिनाई थी 2022 की उपलब्धियां : पिछले साल 25 दिसंबर को अपनी अंतिम मन की बात में कहा था कि साल 2022 की कई सफलताओं में एक सफलता यह भी है कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया. अपने मासिक रेडियो प्रसारण 'मन की बात' में पीएम ने कहा था कि 2022 में 220 करोड़ टीकों के अविश्वसनीय आंकड़े को पार करने का भारत का रिकॉर्ड भी एक मील का पत्थर है.

प्रधान मंत्री ने 2022 की उपलब्धियों को सूचीबद्ध करते हुए कहा था कि भारत ने 2022 में 400 अरब डॉलर के जादुई निर्यात आंकड़े को पार कर लिया. खेलों में, चाहे वह राष्ट्रमंडल खेल हों या हमारी महिला हॉकी टीम की जीत, हमारे युवाओं ने जबरदस्त क्षमता दिखाई है. उन्होंने कहा था कि इसके सबके साथ ही मोदी ने 'कालाजार' की चुनौती के बारे में भी बताया था और कहा था कि निरंतर प्रयासों से कालाजार नाम की बीमारी अब तेजी से खत्म हो रही है. उन्होंने कहा था कि अभी हाल तक कालाजार का कहर चार राज्यों के 50 से ज्यादा जिलों में फैल चुका था.

पढ़ें : 'मन की बात' में मोदी के भाषणों का संकलन छापने के नाम पर ठगी को लेकर प्रकाशक गिरफ्तार

लेकिन अब यह बीमारी बिहार और झारखंड के चार जिलों तक ही सीमित है. मुझे यकीन है, बिहार-झारखंड के लोगों की ताकत और जागरूकता 'कालाजार' को खत्म करने के सरकार के प्रयासों में मदद करेगी. मन की बात कार्यक्रम का अप्रैल में 100वां एपिसोड होगा. 100वें एपिसोड के लिए केंद्र सरकार ने लोगो और जिंगल बनाने का कॉम्पटीशन रखा है. यह 18 जनवरी से शुरू हो चुका है और इसके तहत अपने बनाए लोगो और जिंगल सब्मिट करने की आखिरी तारीख 1 फरवरी है. इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आप mygov.in पर अप्लाई कर सकते हैं.

पढ़ें : जी-20 की अध्यक्षता, हमारे लिए एक बड़ा अवसर: पीएम मोदी

Last Updated : Jan 29, 2023, 11:34 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.