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पैंटी पर लगने वाले स्राव के धब्बे देते हैं, संक्रमण की चेतावनी

महिलाओं में योनि से होने वाला स्राव एक आम बात है, जो कि सामान्य अवस्था में पारदर्शी होता है, लेकिन कई बार महिलाओं की पेंटी पर गहरे रंग के धब्बे भी नजर आते हैं। योनि से होने वाले स्राव का बदलता रंग किसी संक्रमण या रोग की चेतावनी भी हो सकता है।

Panty stain warn health problems
पैंटी पर दाग दे स्वास्थ्य समस्याओं को चेतावनी
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Published : Mar 5, 2021, 10:47 AM IST

Updated : Mar 5, 2021, 11:29 AM IST

जब भी हम किसी महिला से पहली बार मिलते हैं, तो सबसे पहले जो चीजें हमारा ध्यान आकर्षित करती है, उनमें से एक होती है उसकी लिपस्टिक का रंग. गहरे या हल्के रंग की लिपस्टिक कहीं ना कहीं उस महिला के व्यक्तित्व को दर्शाती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि महिला की पैंटी पर लगने वाला उसकी योनि से होने वाले स्राव के धब्बे का रंग उसकी प्रजनन प्रणाली के स्वास्थ्य को दर्शाता है! इस विषय पर ETV भारत सुखीभव को विस्तार से जानकारी देते हुए महिला रोग व प्रजनन विशेषज्ञ तथा ऑब्सटेट्रिशियन डॉक्टर पूर्वा सहाकारी बताती है कि महिला प्रजनन प्रणाली जिसमें गर्भाशय, योनि और फलोपियन ट्यूब आते है, जिसमें होने वाले किसी भी प्रकार के संक्रमण या रोग के चलते योनि से होने वाले स्राव का रंग बदल सकता है।

कैसे जाने योनि से होने वाला स्राव सामान्य है या नहीं

डॉ. पूर्वा बताती है कि महिलाओं की योनि से नियमित स्राव एक आम बात है और आमतौर पर पैंटी पर लगने वाले धब्बे महिलाओं की योनि से होने वाले स्राव के कारण ही होते हैं। सामान्य अवस्था में महिलाओं की योनि से रंगहीन और बदबू रहित स्राव होता रहता है, जिसमें योनि स्राव और ग्रीवा स्राव दोनों मिश्रित होते है। कई बार हार्मोन में बदलाव होने या मासिक चक्र के आसपास के समय में योनि स्राव के रंग और उसकी मात्रा में हल्का फुल्का परिवर्तन आना भी एक सामान्य बात ही है।

महिलाओं की योनि में पाया जाने वाला अच्छा बैक्टीरिया लैक्टोबैसिलस योनि के पीएच बैलेंस को बनाए रखने में मदद करता है। साथ ही कई बाहरी संक्रमण से भी बचाता है। योनि स्राव के रंग, मात्रा और उसके गाढ़ेपन से हम निम्न प्रकार से संक्रमण के होने या ना होने का पता लगा सकते है।

  1. गर्भावस्था में शरीर में हार्मोन्स की मात्रा बढ़ने के चलते सामान्य स्राव यानी पारदर्शी या हल्के सफेद स्राव की मात्रा बढ़ जाती है, लेकिन यह एक सामान्य बात है।
  2. महिलाओं में ओव्यूलेशन के समय पर भी योनि से ज्यादा मात्रा में गाढ़ा और बलगम जैसा लोचदार लेकिन बदबूरहित स्राव होता है। जो सामान्य है।
  3. खुजली के साथ सफेद गाढ़ा दही जैसा और गुच्छे में होने वाला स्राव गुप्तांगों में कवक संक्रमण या फंगल इनफेक्शन के कारण हो सकता है।
  4. मछली की बदबू बाला सलेटी सफेद स्राव बैक्टीरियल-वेजाइनोसिस या एक साथ एक से ज्यादा संक्रमण होने के कारण हो सकता है।
  5. मछली की बदबू लिए हल्के पीले रंग का डिस्चार्ज एसटीडी यानी सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज या रति संचारित रोग तथा ट्राइकोमोनिएसिस यानी योनि के संक्रमण के कारण हो सकता है।
  6. कई बार योनि में अलग-अलग कारणों से इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुएं जैसे पेसरी और टैम्पोन के योनि में जरूरत से ज्यादा समय तक रह जाने के चलते भी संक्रमण की आशंका रहती है। इस अवस्था में योनि से हल्के पीले रंग का स्राव होता है, जिससे बहुत तीव्र बदबू भी आती है।

क्यों आती हैं स्राव के साथ रक्त या लाल रंग की बूंदे

कई बार मासिक चक्र के अलावा भी पैंटी पर लाल रंग के धब्बे नजर आते है। लाल रंग की यह स्पॉटिंग या कई बार सहवास के बाद होने वाली स्पॉटिंग गर्भाशय के मुख यानी सरविक्स पर होने वाले छालो, पॉलिप और इरोशन के कारण भी हो सकती है। डॉ. पूर्वा बताती हैं की यदि रजोनिवृत्ति यानी मेनोपॉज के बाद भी महिलाओं को लाल रंग या रक्त की स्पॉटिंग हो, तो उन्हें तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि यह गर्भाशय संबंधित बीमारी का लक्षण हो सकता है।

कब हो जाता है चिकित्सीय परामर्श जरूरी

योनि से स्राव में निम्नलिखित परिवर्तन नजर आने पर तुरंत चिकित्सीय सलाह लेनी चाहिए;

  • पीला या हरे रंग का स्राव होने पर।
  • काला लोचदार सफेद स्राव होने पर।
  • योनि में खुजली, लाली या गुप्तांगों में पीड़ा होने पर।
  • पेट के निचले हिस्से में लगातार दर्द होने पर।
  • योनि से होने वाले स्राव की मात्रा में असामान्य बढ़ोतरी।
  • सहवास के उपरांत महिलाओं की योनि से रक्त की बूंदे आना या स्पॉटिंग होना।
  • रजोनिवृत्ति के उपरांत रक्त स्राव होना।

पढ़े : शारीरिक संबंध के उपरांत जरूरी है निजी अंगों की साफ-सफाई

योनि में संक्रमण और असामान्य डिस्चार्ज से कैसे करें बचाव

  1. वेजाइनल डाउचिंग यानी योनि को पानी और सिरके आदि के मिश्रण से धोने से बचें।
  2. ऐसे खुशबूदार सेनेटरी नैपकिन या टैंपोन का इस्तेमाल करने से बचें, जो योनि के पीएच संतुलन को बाधित करते हैं।
  3. गुप्तांगो विशेषकर योनि को धोने के लिए खुशबूदार तथा तेज रसायन युक्त साबुन का उपयोग करने से बचें।
  4. मल त्याग हो या मूत्र त्याग हर बार अपने गुप्तांगों को अच्छे से धो कर किसी कपड़े या टिशू पेपर की मदद से सुखा लें।
  5. गुप्तांगो को धोते समय हमेशा आगे से पीछे की ओर पानी डालें यानी सबसे पहले योनि को धोयें, उसके बाद मल द्वार को।
  6. कोशिश करें कि हमेशा सूती कपड़े वाली पैंटी का इस्तेमाल करें, क्योंकि यह गुप्तांगों में आने वाले पसीने और नमी को सोखती है और योनि को कई प्रकार के संक्रमण से बचाती है।
  7. सेक्सुअल ट्रांसमिटेड रोगों से बचने के लिए हमेशा सुरक्षित शारीरिक संबंध के लिए प्रयास करें, जिसके लिए कंडोम का उपयोग अवश्य करें।
  8. गुप्तांगों को धोने से पहले और बाद में हमेशा साबुन से अपने हाथों को धोए।

इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर पुर्वा सहकारी से purvapals@yahoo.co.in पर संपर्क किया जा सकता है।

जब भी हम किसी महिला से पहली बार मिलते हैं, तो सबसे पहले जो चीजें हमारा ध्यान आकर्षित करती है, उनमें से एक होती है उसकी लिपस्टिक का रंग. गहरे या हल्के रंग की लिपस्टिक कहीं ना कहीं उस महिला के व्यक्तित्व को दर्शाती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि महिला की पैंटी पर लगने वाला उसकी योनि से होने वाले स्राव के धब्बे का रंग उसकी प्रजनन प्रणाली के स्वास्थ्य को दर्शाता है! इस विषय पर ETV भारत सुखीभव को विस्तार से जानकारी देते हुए महिला रोग व प्रजनन विशेषज्ञ तथा ऑब्सटेट्रिशियन डॉक्टर पूर्वा सहाकारी बताती है कि महिला प्रजनन प्रणाली जिसमें गर्भाशय, योनि और फलोपियन ट्यूब आते है, जिसमें होने वाले किसी भी प्रकार के संक्रमण या रोग के चलते योनि से होने वाले स्राव का रंग बदल सकता है।

कैसे जाने योनि से होने वाला स्राव सामान्य है या नहीं

डॉ. पूर्वा बताती है कि महिलाओं की योनि से नियमित स्राव एक आम बात है और आमतौर पर पैंटी पर लगने वाले धब्बे महिलाओं की योनि से होने वाले स्राव के कारण ही होते हैं। सामान्य अवस्था में महिलाओं की योनि से रंगहीन और बदबू रहित स्राव होता रहता है, जिसमें योनि स्राव और ग्रीवा स्राव दोनों मिश्रित होते है। कई बार हार्मोन में बदलाव होने या मासिक चक्र के आसपास के समय में योनि स्राव के रंग और उसकी मात्रा में हल्का फुल्का परिवर्तन आना भी एक सामान्य बात ही है।

महिलाओं की योनि में पाया जाने वाला अच्छा बैक्टीरिया लैक्टोबैसिलस योनि के पीएच बैलेंस को बनाए रखने में मदद करता है। साथ ही कई बाहरी संक्रमण से भी बचाता है। योनि स्राव के रंग, मात्रा और उसके गाढ़ेपन से हम निम्न प्रकार से संक्रमण के होने या ना होने का पता लगा सकते है।

  1. गर्भावस्था में शरीर में हार्मोन्स की मात्रा बढ़ने के चलते सामान्य स्राव यानी पारदर्शी या हल्के सफेद स्राव की मात्रा बढ़ जाती है, लेकिन यह एक सामान्य बात है।
  2. महिलाओं में ओव्यूलेशन के समय पर भी योनि से ज्यादा मात्रा में गाढ़ा और बलगम जैसा लोचदार लेकिन बदबूरहित स्राव होता है। जो सामान्य है।
  3. खुजली के साथ सफेद गाढ़ा दही जैसा और गुच्छे में होने वाला स्राव गुप्तांगों में कवक संक्रमण या फंगल इनफेक्शन के कारण हो सकता है।
  4. मछली की बदबू बाला सलेटी सफेद स्राव बैक्टीरियल-वेजाइनोसिस या एक साथ एक से ज्यादा संक्रमण होने के कारण हो सकता है।
  5. मछली की बदबू लिए हल्के पीले रंग का डिस्चार्ज एसटीडी यानी सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज या रति संचारित रोग तथा ट्राइकोमोनिएसिस यानी योनि के संक्रमण के कारण हो सकता है।
  6. कई बार योनि में अलग-अलग कारणों से इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुएं जैसे पेसरी और टैम्पोन के योनि में जरूरत से ज्यादा समय तक रह जाने के चलते भी संक्रमण की आशंका रहती है। इस अवस्था में योनि से हल्के पीले रंग का स्राव होता है, जिससे बहुत तीव्र बदबू भी आती है।

क्यों आती हैं स्राव के साथ रक्त या लाल रंग की बूंदे

कई बार मासिक चक्र के अलावा भी पैंटी पर लाल रंग के धब्बे नजर आते है। लाल रंग की यह स्पॉटिंग या कई बार सहवास के बाद होने वाली स्पॉटिंग गर्भाशय के मुख यानी सरविक्स पर होने वाले छालो, पॉलिप और इरोशन के कारण भी हो सकती है। डॉ. पूर्वा बताती हैं की यदि रजोनिवृत्ति यानी मेनोपॉज के बाद भी महिलाओं को लाल रंग या रक्त की स्पॉटिंग हो, तो उन्हें तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि यह गर्भाशय संबंधित बीमारी का लक्षण हो सकता है।

कब हो जाता है चिकित्सीय परामर्श जरूरी

योनि से स्राव में निम्नलिखित परिवर्तन नजर आने पर तुरंत चिकित्सीय सलाह लेनी चाहिए;

  • पीला या हरे रंग का स्राव होने पर।
  • काला लोचदार सफेद स्राव होने पर।
  • योनि में खुजली, लाली या गुप्तांगों में पीड़ा होने पर।
  • पेट के निचले हिस्से में लगातार दर्द होने पर।
  • योनि से होने वाले स्राव की मात्रा में असामान्य बढ़ोतरी।
  • सहवास के उपरांत महिलाओं की योनि से रक्त की बूंदे आना या स्पॉटिंग होना।
  • रजोनिवृत्ति के उपरांत रक्त स्राव होना।

पढ़े : शारीरिक संबंध के उपरांत जरूरी है निजी अंगों की साफ-सफाई

योनि में संक्रमण और असामान्य डिस्चार्ज से कैसे करें बचाव

  1. वेजाइनल डाउचिंग यानी योनि को पानी और सिरके आदि के मिश्रण से धोने से बचें।
  2. ऐसे खुशबूदार सेनेटरी नैपकिन या टैंपोन का इस्तेमाल करने से बचें, जो योनि के पीएच संतुलन को बाधित करते हैं।
  3. गुप्तांगो विशेषकर योनि को धोने के लिए खुशबूदार तथा तेज रसायन युक्त साबुन का उपयोग करने से बचें।
  4. मल त्याग हो या मूत्र त्याग हर बार अपने गुप्तांगों को अच्छे से धो कर किसी कपड़े या टिशू पेपर की मदद से सुखा लें।
  5. गुप्तांगो को धोते समय हमेशा आगे से पीछे की ओर पानी डालें यानी सबसे पहले योनि को धोयें, उसके बाद मल द्वार को।
  6. कोशिश करें कि हमेशा सूती कपड़े वाली पैंटी का इस्तेमाल करें, क्योंकि यह गुप्तांगों में आने वाले पसीने और नमी को सोखती है और योनि को कई प्रकार के संक्रमण से बचाती है।
  7. सेक्सुअल ट्रांसमिटेड रोगों से बचने के लिए हमेशा सुरक्षित शारीरिक संबंध के लिए प्रयास करें, जिसके लिए कंडोम का उपयोग अवश्य करें।
  8. गुप्तांगों को धोने से पहले और बाद में हमेशा साबुन से अपने हाथों को धोए।

इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर पुर्वा सहकारी से purvapals@yahoo.co.in पर संपर्क किया जा सकता है।

Last Updated : Mar 5, 2021, 11:29 AM IST
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