बारिश के मौसम में त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए ज्यादा सावधान रहने की जरूरत होती है। जिसके लिए छोटी-छोटी आदतों को अपने नियमित दिनचर्या में शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा हम क्या खाते हैं और किस फैब्रिक का कपड़ा पहनते हैं, इसका प्रभाव भी हमारी त्वचा पर पड़ता है। बारिश के मौसम में कैसे त्वचा की देखभाल की जा सकती है इस बारे में ज्यादा जानकारी लेने के लिए ETV भारत सुखीभवा ने अपनी ब्यूटी एक्सपर्ट सविता कुलकर्णी तथा आहार व पोषण विशेषज्ञ डॉ. संगीता मालू से बात की।
आहार पर दें ध्यान
आहार एवं पोषण विशेषज्ञ डॉ. संगीता मालू बतातीे हैं कि पुरातन काल से ही मॉनसून के मौसम में कुछ विशेष प्रकार के खाद्य पदार्थों से परहेज की बात कही जाती है। चूंकि मॉनसून का मौसम संक्रमण का मौसम कहलाता है, और संक्रमण फैलाने वाले कारकों में भोजन भी महत्वपूर्ण होता है। इसलिए बहुत जरूरी है कि इस मौसम में मसालेदार तथा ज्यादा तेल मसाले वाले खाने से परहेज किया जाए या उनका कम से कम सेवन किया जाए। इस मौसम में हल्के-फुल्के ताजा तथा सुपाच्य आहार का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा फलों का ज्यादा मात्रा में सेवन भी स्वास्थ्य के लिये अच्छा रहता है क्योंकि फलों के पौष्टिक तत्व शरीर को ऊर्जा तो देते ही हैं साथ ही इन में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट हमारे शरीर के विषाक्त कणों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करते हैं। इसके अलावा इस मौसम में बिना पकी या कच्ची सब्जियां और सलाद खाने से भी बचना चाहिए क्योंकि इस मौसम में आम तौर पर हरी सब्जियों में कीड़े पड़ने लगते हैं। साथ ही शरीर को हाइड्रेटेड रखना भी इस मौसम की सबसे बड़ी जरूरत है, इसलिए ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पीना चाहिए।
त्वचा की नियमित देखभाल जरूरी
हमारी ब्यूटी एक्सपर्ट सविता कुलकर्णी बताते हैं कि मानसून के मौसम में वातावरण में नमी बढ़ने से ना सिर्फ महिलाओं बल्कि पुरुषों में भी त्वचा की समस्याएं बढ़ने लगती हैं, विशेष तौर पर ऑइली या मिश्रित त्वचा वाले लोगों को इस तरह की समस्याओं का ज्यादा सामना करना पड़ता है। इसलिए बहुत जरूरी है कि इस मौसम में कुछ विशेष आदतों को अपनी नियमित स्किन केयर दिनचर्या में शामिल किया जाए जिससे महिलाओं और पुरुषों को त्वचा संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिल सके। यह आदतें इस प्रकार हैं।
- नियमित तौर पर फेस वॉश से दिन में कम से कम दो से तीन बार (सुबह सोकर उठने के बाद और सोने से पहले विशेषकर) चेहरा धोएं। इससे चेहरे पर जमा पसीना, बैक्टीरिया तथा धूल-मिट्टी के कण साफ हो जाते हैं। लेकिन बहुत जरूरी है कि फेस वाश काफी माइल्ड यानी हल्का हो जिसमें रसायनिक तत्व कम मात्रा में हों तथा वह त्वचा की प्रकृति के अनुरूप ही हो।
- इस मौसम में त्वचा के छिद्रों को बंद करने और मृत कोशिकाओं को हटाने के लिए त्वचा को नियमित तौर पर एक्सफोलिएट करना भी बहुत जरूरी होता है। जिसके लिए पपीते या अन्य फलों से बने पैक और दही का उपयोग किया जा सकता है।
- लगातार बदलता मौसम हमारी त्वचा के रोम छिद्रों को भी प्रभावित करता है। आमतौर पर लोग इस बारे में ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं और रोम छिद्रों में गंदगी जमा होने से त्वचा पर मुहांसों जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इसलिए त्वचा की नियमित टोनिंग भी काफी जरूरी है। त्वचा की टोनिंग के लिए बाजार में मिलने वाले हल्के या कम रसायनिक टोनर का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा घर में ही नींबू का रस, खीरे का पानी और ग्रीन टी जैसे पदार्थो का भी प्राकृतिक टोनर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
- इस मौसम में रात को सोने से पहले त्वचा को हल्के फेस वॉश से धोने के उपरांत उस पर यदि गुलाब जल का छिड़काव किया जाए तो भी त्वचा को काफी फायदा मिलता है।
सविता कुलकर्णी बताती हैं कि इस मौसम में ज्यादातर सूती कपड़ों को पहनने में प्राथमिकता देनी चाहिए। साथ ही यह भी ध्यान देना चाहिए कि कपड़े शरीर पर ज्यादा कसे हुए ना हों और खुले व हवादार हों। इसके अतिरिक्त चेहरे को पौंछने में इस्तेमाल होने वाला रुमाल या तौलिया भी यदि संभव हो तो सूती ही इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि यह नमी को ज्यादा बेहतर तरीके से सोखने में सक्षम होता है।