वाराणसी: काशी में सैकड़ों साल से यादव बंधुओं द्वारा हजारों की संख्या में उपस्थित होकर बाबा काशी विश्वनाथ को जल चढ़ाने की परंपरा है, लेकिन आज इस परंपरा का सिर्फ निर्वहन मात्र किया गया. प्रशासन से मिली अनुमति के बाद 5 यादव बंधुओं ने बाबा काशी विश्वनाथ का दर्शन कर जलाभिषेक किया.
परंपरा के अनुसार सावन के पहले सोमवार पर सिर्फ काशी ही नहीं, बल्कि काशी के आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में यादव बंधु बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक के लिए पहुंचते थे. लगभग 25 से 30 हजार की संख्या में यादव बंधुओं का पूरा जनसैलाब बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक के लिए आता था, लेकिन इस बार कोरोना महामारी की वजह से यह जनसैलाब सिर्फ 5 लोगों तक सिमट कर रह गया. प्रशासन से मिली अनुमति के बाद 5 यादव बंधुओं ने बाबा का दर्शन किया, क्योंकि प्रशासन की तरफ से जल पात्र मंदिर में ले जाने की अनुमति नहीं दी गई थी. इसके बाद सिर्फ बाबा का दर्शन कर इस परंपरा को निभाया गया.
इस बात को लेकर यादव बंधुओं का कहना था कि बाबा का दर्शन करना ही हमारे लिए सौभाग्य की बात है और हमने बाबा का दर्शन किया है. परंपराओं का निर्वहन तो हुआ है, लेकिन दुख इस बात का है कि जो उत्साह और उमंग हर साल दिखता था, वह नहीं दिखा. फिर भी बाबा भोलेनाथ का दर्शन कर उनसे यह प्रार्थना की गई कि इस महामारी को जल्द से जल्द खत्म करें, ताकि फिर से जीवन पटरी पर लौट सके.
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