वाराणसी : चिरईगांव में शादी के समय अग्नि को साक्षी मानकर जिंदगीभर साथ निभाने के वादे के बाद भी पति-पत्नी के बीच ऐसा मन मुटाव हुआ कि पत्नी को पति के साथ रहने के लिए पति के घर के सामने बेटी के संग धरना देने की नौबत आ गयी. चार दिन से मुन्नी यादव पत्नी उपेंद्र यादव रमना गांव में पति के घर के गेट के सामने बेटी दीपाली (6 वर्ष) को लेकर धरने पर बैठी हैं.
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ससुर नहीं दे रहा घर में प्रवेश
विवाहिता के ससुर महेंद्र प्रसाद यादव का कहना है कि पुत्रवधू मुन्नी पारिवारिक न्यायालय में पति के खिलाफ मुकदमा कर चुकी है. ऐसी स्थिति में घर में प्रवेश कैसे दे सकते हैं. वहीं, मुन्नी यादव का कहना है कि लगभग नौ वर्ष पूर्व उसकी शादी रमना निवासी उपेंद्र यादव के साथ हुई. शुरू में सब कुछ ठीक था. बाद में ससुराल पक्ष और मायके वालों के बीच विवाद शुरू हो गया.
गुजारा भत्ता के लिए एक साल से की थी न्यायालय में अपील
ससुराल पक्ष और मायके वालों के बीच विवाद को लेकर पंचायत भी कई बार हुई लेकिन बात नहीं बनी. बेटी की परवरिश और खुद की जीवन यापन को लेकर परेशान और विवश होकर परिवार न्यायालय में गुहार लगाई. गुजारा भत्ता देने का न्यायालय ने आदेश भी दिया लेकिन पति की तरफ से अभी तक गुजारा भत्ता नहीं मिला. आर्थिक समस्या इतनी जटिल हो गई कि जीवनयापन दुरुह हो गया. वहीं, ससुर ने बताया कि जब तक न्यायालय का निर्णय नहीं हो जाता, तब तक पुत्रवधू को यहां कैसे रख सकते हैं. पति उपेंद्र घर पर नहीं है. वहीं, स्थानीय पुलिस भी पूरे मामले में तटस्थ हैं. ससुर को सीसीटीवी कैमरा लगवाने की सलाह दी है.