वाराणसी: छठ का त्यौहार शुरू हो चुका है लोग बड़ी ही श्रद्धा के साथ छठ मैया की पूजा अर्चना कर रहे हैं. वाराणसी प्रशासन का दावा है कि छठ को देखते हुए नदी और तालाबों की साफ सफाई की गई है. लेकिन प्रशासन के इस दावे की पोल खोल रही है बनारस की वरुणा नदी. इस नदी में गंदगी का इतना अंबार लगा है कि पानी काला पड़ चुका है. छठ के अवसर पर व्रती महिलाएं नदी में पुण्य की डुबकी लगाती हैं. लेकिन नदी की हालत देखकर महिलाएं सोचने को मजबूर हैं आखिर इस नदी में वह डूबकी कैसे लगाएंगी.
वाराणसी के शास्त्रि घाट पर वरुणा का पानी में गंदगी फैली नजर आ रही है नगर निगम और प्रशासन की यह अनदेखी श्रद्धालुओं पर भारी पड़ सकती है. हर वर्ष ज्ञानपुर पंप कैनाल से गंगा का पानी वरुणा नदी में छोड़ा जाता रहा है जो एक सप्ताह का सफर तय कर वाराणसी पहुंचता है. वाराणसी के शास्त्रिघाट की देखरेख करने वाली समिति ने जिलाधिकारी को वरुणा के जल के विषय मे अवगत कराया है. लोगों का कहना है कि ज्ञानपुर स्थित पम्प कैनल से पानी छोड़ा गया है जो धीरे धीरे प्रवाहित हो रहा है, लेकिन वर्तमान में अभी भी वरुणा का पानी काफी गंदा है. घाटों की साफ-सफाई का कार्य जारी है.
शास्त्रिघाट समिति के सभाजीत तिवारी ने कहा कि हम लोग प्रयास में है और जिलाधिकारी को अवगत भी कराया गया है कि वरुणा में जल छोड़ा जाए, जिससे साफ पानी आ जाए और छठ पर्व पर आमजनमानस को सुविधा हो जाए. वहीं घाट किनारे मंदिर के पुजारी काशी नाथ पांडेय ने कहा कि छठ का पर्व नदी या सरोवर के किनारे ही मनाया जाता है. प्रशासन को नदी की स्वच्छता पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि इस वरुणा नदी की उत्पत्ति भगवान विष्णु के दाहिने अंग से हुई है. वरुणा नदी को स्वच्छ और निर्मल रखा जाए.