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Varanasi News : 14 दिन में सीखना चाहते हैं संस्कृत बोलना तो आइए काशी, करना होगा बस इतना काम

भगवान शिव की नगरी काशी (Varanasi News) का धार्मिक-सांस्कृतिक महत्व अनादि काल से ही देशवासियों के लिए श्रद्धा-विश्वास के साथ विदेशियों के लिए कौतूहल का विषय रहा है. अपनी अनूठी और ईश्वरीय परंपराओं वाली काशी में अब संस्कृत सीखने का अवसर है. संस्कृत भारती ( उत्तर प्रदेश) न्यास काशी के अंतर्गत संवादशाला के माध्यम से लोगों को मात्र 14 दिनों में संस्कृत सिखाई जा रही है.

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Published : Mar 9, 2023, 1:41 PM IST

Updated : Mar 9, 2023, 7:04 PM IST

Varanasi News : 14 दिन में सीखना चाहते हैं संस्कृत बोलना तो आइए काशी,.

वाराणसी : धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी संस्कृत और संस्कृति के विकास के लिए भी जानी जाती है. आदिकाल से इस ऐतिहासिक शहर ने संस्कृत को बढ़ाया है पूरे विश्व में पहुंचाया है. संस्कृत के प्रचार-प्रसार और उसकी उन्नति के लिए इन दिनों अनोखा कार्य किया जा रहा है. 14 दिन में छात्र हो या बुजुर्ग महिला हो या पुरुष सभी को संस्कृत बोलना सिखाया जा रहा है. संस्कृत भारती ( उत्तर प्रदेश) न्यास काशी के अंतर्गत संवादशाला चलायी जा रही है.


प्रत्येक महीने में संस्कृत बोलने के दो सत्र चलाए जाते हैं. प्रथम सत्र 1 तारीख से 14 तारीख तक होता है. जिसमें मोबाइल पूर्ण रूप से प्रतिबंधित होता है. 14 दिनों तक आप मोबाइल का प्रयोग नहीं करेंगे. यह संवाशाला पार्श्वनाथ विद्यापीठ आईआईटी करौंदी लंका में चलाया जाता है. संवादशाला में प्रवेश के साथ ही ज्यादा से ज्यादा संस्कृत में लोग बात करते हैं. हर छोटी बड़ी चीज के लिए वहां पर 14 दिनों तक संस्कृत बोलना अनिवार्य रहता है. हर साइन बोर्ड और ऑफिस कार्यालय पर भी संस्कृत ही लिखा है.



संवादशाला में किसी भी व्यक्ति का प्रवेश बिल्कुल आसान है. भारतीयों के लिए 1000 रुपये 14 दिन का शुल्क है. वहीं विदेशी छात्रों के लिए रुपये 2500 का शुल्क है. जिसमें आपको 14 दिनों तक रहना और खाना है. जिसमें परीक्षा शुल्क पत्रिका शुल्क है. बाकी भोजन आवास और शिक्षा फ्री है. 1 दिन में कुल 6 सत्र चलते हैं. मतलब छह क्लास चलाए जाते हैं. सुबह 5:00 बजे भोर में उठना है. योग और वंदना करना है. संस्कृत भारती पिछले वर्ष 2013 से अब तक लगभग दो लाख लोगों को संस्कृत बोलना सिखा चुकी है. साथ ही सैकड़ों विदेशियों को भी संस्कृत बोलना संस्था ने सिखाया है.



शिक्षण प्रमुख यज्ञ नारायण पांडेय के अनुसार हम संस्कृत बोलने का अवसर देते हैं. हमारी संवादशाला में संस्कृत भारती के अंतर्गत 14 दिन में संस्कृत बोलना सिखाते हैं. जिस प्रकार छोटे बच्चे स्कूल नहीं जाते, लेकिन वातावरण से बोलना सीख जाते हैं. उसी प्रकार हम भी संस्कृत व्याकरण देते हैं. यहां हर कोई संस्कृत में बात करता है. इसलिए वह जल्दी सीख जाते हैं. जो भी विद्यार्थी यहां पर आएगा वह 14 दिन तक यहीं पर रहेगा. संस्कृत भारती का लक्ष्य है कि भारत में ज्यादा से ज्यादा लोग संस्कृत बोलें और भारत एक बार फिर विश्व गुरु बने.


सरल भाषा में सिखाते हैं संस्कृत बोलना : राहुल यहां पर बहुत ही अच्छे से संस्कृत बोलना सिखाया जाता है. पहले साधारण बोलचाल की भाषा सिखाई जाती है. हमारी धारणा है कि संस्कृत कठिन भाषा है, लेकिन यहां पर साधारण शब्दों और साधारण भाषा में आम बोलचाल में अनवरत प्रयास से सिखाया जाता है. मैं 4 दिन में ही संस्कृत बोलने लगा हूं. शिक्षक अनुज कुमार तिवारी ने बताया कि सबसे पहले हम संस्कृत में आम बोलचाल की भाषा बताते हैं कि आपका नाम क्या है, आप कहां से आए हो और अनवरत इसी का सभी लोग प्रयास करते हैं. इसके बाद संस्कृत कैसे पढ़ी जाए यह बताते हैं और संस्कृत के व्याकरण भी बताते हैं. एक दिन में छात्रों को 5 कक्षाएं करनी पड़ती हैं.

यह भी पढ़ें : Varanasi News : अस्सी घाट पर गंगा आरती के दौरान भक्तों पर बरसे फूल, खुशी से झूमे लोग

Varanasi News : 14 दिन में सीखना चाहते हैं संस्कृत बोलना तो आइए काशी,.

वाराणसी : धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी संस्कृत और संस्कृति के विकास के लिए भी जानी जाती है. आदिकाल से इस ऐतिहासिक शहर ने संस्कृत को बढ़ाया है पूरे विश्व में पहुंचाया है. संस्कृत के प्रचार-प्रसार और उसकी उन्नति के लिए इन दिनों अनोखा कार्य किया जा रहा है. 14 दिन में छात्र हो या बुजुर्ग महिला हो या पुरुष सभी को संस्कृत बोलना सिखाया जा रहा है. संस्कृत भारती ( उत्तर प्रदेश) न्यास काशी के अंतर्गत संवादशाला चलायी जा रही है.


प्रत्येक महीने में संस्कृत बोलने के दो सत्र चलाए जाते हैं. प्रथम सत्र 1 तारीख से 14 तारीख तक होता है. जिसमें मोबाइल पूर्ण रूप से प्रतिबंधित होता है. 14 दिनों तक आप मोबाइल का प्रयोग नहीं करेंगे. यह संवाशाला पार्श्वनाथ विद्यापीठ आईआईटी करौंदी लंका में चलाया जाता है. संवादशाला में प्रवेश के साथ ही ज्यादा से ज्यादा संस्कृत में लोग बात करते हैं. हर छोटी बड़ी चीज के लिए वहां पर 14 दिनों तक संस्कृत बोलना अनिवार्य रहता है. हर साइन बोर्ड और ऑफिस कार्यालय पर भी संस्कृत ही लिखा है.



संवादशाला में किसी भी व्यक्ति का प्रवेश बिल्कुल आसान है. भारतीयों के लिए 1000 रुपये 14 दिन का शुल्क है. वहीं विदेशी छात्रों के लिए रुपये 2500 का शुल्क है. जिसमें आपको 14 दिनों तक रहना और खाना है. जिसमें परीक्षा शुल्क पत्रिका शुल्क है. बाकी भोजन आवास और शिक्षा फ्री है. 1 दिन में कुल 6 सत्र चलते हैं. मतलब छह क्लास चलाए जाते हैं. सुबह 5:00 बजे भोर में उठना है. योग और वंदना करना है. संस्कृत भारती पिछले वर्ष 2013 से अब तक लगभग दो लाख लोगों को संस्कृत बोलना सिखा चुकी है. साथ ही सैकड़ों विदेशियों को भी संस्कृत बोलना संस्था ने सिखाया है.



शिक्षण प्रमुख यज्ञ नारायण पांडेय के अनुसार हम संस्कृत बोलने का अवसर देते हैं. हमारी संवादशाला में संस्कृत भारती के अंतर्गत 14 दिन में संस्कृत बोलना सिखाते हैं. जिस प्रकार छोटे बच्चे स्कूल नहीं जाते, लेकिन वातावरण से बोलना सीख जाते हैं. उसी प्रकार हम भी संस्कृत व्याकरण देते हैं. यहां हर कोई संस्कृत में बात करता है. इसलिए वह जल्दी सीख जाते हैं. जो भी विद्यार्थी यहां पर आएगा वह 14 दिन तक यहीं पर रहेगा. संस्कृत भारती का लक्ष्य है कि भारत में ज्यादा से ज्यादा लोग संस्कृत बोलें और भारत एक बार फिर विश्व गुरु बने.


सरल भाषा में सिखाते हैं संस्कृत बोलना : राहुल यहां पर बहुत ही अच्छे से संस्कृत बोलना सिखाया जाता है. पहले साधारण बोलचाल की भाषा सिखाई जाती है. हमारी धारणा है कि संस्कृत कठिन भाषा है, लेकिन यहां पर साधारण शब्दों और साधारण भाषा में आम बोलचाल में अनवरत प्रयास से सिखाया जाता है. मैं 4 दिन में ही संस्कृत बोलने लगा हूं. शिक्षक अनुज कुमार तिवारी ने बताया कि सबसे पहले हम संस्कृत में आम बोलचाल की भाषा बताते हैं कि आपका नाम क्या है, आप कहां से आए हो और अनवरत इसी का सभी लोग प्रयास करते हैं. इसके बाद संस्कृत कैसे पढ़ी जाए यह बताते हैं और संस्कृत के व्याकरण भी बताते हैं. एक दिन में छात्रों को 5 कक्षाएं करनी पड़ती हैं.

यह भी पढ़ें : Varanasi News : अस्सी घाट पर गंगा आरती के दौरान भक्तों पर बरसे फूल, खुशी से झूमे लोग

Last Updated : Mar 9, 2023, 7:04 PM IST
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