वाराणसी: बनारस के लगभग 22 साल पुराने चर्चित संवासिनी गृह कांड के मामले में कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला बुधवार को अदालत में पेश हुए. सुरजेवाला को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पंचम एमपी एमएलए की अदालत ने 25 हजार के बन्ध पत्र पर उनके खिलाफ जारी वारंट रद्द कर दिया. कोर्ट ने इस मामले की अगली तारीख 13 नवंबर को निर्धारित की है.
वाराणसी के एसीजेएम पंचम एमपी एमएलए कोर्ट में एनबीडब्ल्यू के मामले में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला पेश हुए. इस दौरान अधिवक्ता संजीव वर्मा के जरिए वह कोर्ट में हाजिर हुए. इस दौरान उन्होंने अदालत से एनबीडब्ल्यू वारंट को रद्द करने की गुहार लगाई. उन्होंने कहा कि अग्रिम कार्यवाही की जानकारी न होने के कारण वह कोर्ट में हाजिर नहीं हो सके. अदालत उनके वारंट को रद्द कर दे. इस दौरान अदालत ने उन्हें 25,000 की बन्ध पत्र पर उनके वारंट को रद्द किया. साथ ही उन्हें यह हिदायत दी कि वह आगे की तारीखों पर स्वयं या अधिवक्ता के जरिए कोर्ट में हाजिर होंगे.
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गौरतलब है कि 22 साल पुराने चर्चित संवासिनी गृह कांड में एक कांग्रेसी नेता का नाम सामने आया था, जिसके विरोध में 21 अगस्त 2000 को मंडलायुक्त कार्यालय में कांग्रेसियों ने जमकर तोड़फोड़ की थी. लगभग 800 की संख्या में प्रदर्शनकारी कार्यालय पहुंचे थे और तोड़फोड़ की थी. इसमें कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला, विजय शंकर पांडे, एसपी गोस्वामी समेत तमाम नेताओं का नाम शामिल था. इस मामले को लेकर कैंट थाने में मुकदमा दर्ज किया था. इस मामले में तारीख पर कोर्ट में हाजिर न होने के बाद अदालत ने उनके खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी किया था, जिसमें बुधवार को उनका वारंट रद्द हुआ.