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सर्वधर्म समभाव का प्रतीक है BHU का गांधी चबूतरा - वाराणसी न्यूज

वाराणसी में एनएसयूआई ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के रजत जयंती समारोह में आने के 79 वर्ष पूरे होने पर कार्यक्रम का आयोजन किया. इस दौरान बनारस के साथ महात्मा गांधी के संबंध पर चर्चा की गयी.

गांधी चबूतरा पर संगोष्ठी का आयोजन.
गांधी चबूतरा पर संगोष्ठी का आयोजन.
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Published : Jan 22, 2021, 7:11 AM IST

वाराणसी : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बीएचयू रजत जयंती समारोह में आने के 79 वर्ष पूरे होने पर 'बीएचयू स्थापना समारोह की स्मृतियां- बापू की सीख, हमारा संकल्प' विषयक संगोष्ठी विश्वविद्यालय परिसर स्थिति गांधी चबूतरा पर आयोजित की गई. बापू की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. इस दौरान बनारस के साथ महात्मा गांधी के संबंध पर चर्चा की गयी. वहीं कार्यक्रम का समापन सर्वधर्म प्रार्थना के साथ किया गया. इस कार्यक्रम का आयोजन एनएसयूआई बीएचयू ने किया था.

इस दौरान डॉ. शशिकांत ने कहा कि बापू के काशी प्रवास को स्वतंत्रता आंदोलन के एक महत्वपूर्ण भाग के रूप में देखना चाहिए. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान का पहला गांधी आश्रम बनारस में ही स्थापित हुआ. आज युवा पीढ़ी की यह जिम्मेदारी है कि हम गांधी के विचारों को आने वाली पीढ़ियों तक ले जाए. भारतीय संस्कृति के प्रति गांधी के विचारों को हमें गंभीरता से आत्मसात करने की कोशिश करनी चाहिए. वहीं युवा गांधीवादी आयुष चतुर्वेदी ने कहा कि हमें महात्मा गांधी के आदर्शों से सीख लेकर समाज को गांधीवादी बनाना चाहिए. साथ ही डॉ. विकास सिंह ने कहा कि गांधी जी के व्यक्तित्व पर चर्चा करते हुए कहा कि उनकी नैतिक बल की आभा ही उनकी ताकत रही. उनके विचार हमेशा ही प्रासंगिक रहेंगे, छात्रों को गांधी जी के विचारों को आत्मसात करना चाहिए.

इस कार्यक्रम का संचालन विक्रान्त सिंह ने किया. वहीं इस दौरान, डॉ. अवधेश सिंह, डॉ. शार्दूल चौबे, डॉ. विकास सिंह, अभिनव मणि त्रिपाठी, अनिक देव सिंह, रितेश सिंह, राणा रोहित, मोहम्मद आमिद, कपीश्वर मिश्रा, देवेश उपाध्याय, विद्या भारती, ऋषभ पाण्डेय, शानू पाण्डेय, आकाश सिंह, अमित यादव, प्रशान्त पाण्डेय, लेखराज, आदि छात्र मौजूद रहे.

वाराणसी : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बीएचयू रजत जयंती समारोह में आने के 79 वर्ष पूरे होने पर 'बीएचयू स्थापना समारोह की स्मृतियां- बापू की सीख, हमारा संकल्प' विषयक संगोष्ठी विश्वविद्यालय परिसर स्थिति गांधी चबूतरा पर आयोजित की गई. बापू की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. इस दौरान बनारस के साथ महात्मा गांधी के संबंध पर चर्चा की गयी. वहीं कार्यक्रम का समापन सर्वधर्म प्रार्थना के साथ किया गया. इस कार्यक्रम का आयोजन एनएसयूआई बीएचयू ने किया था.

इस दौरान डॉ. शशिकांत ने कहा कि बापू के काशी प्रवास को स्वतंत्रता आंदोलन के एक महत्वपूर्ण भाग के रूप में देखना चाहिए. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान का पहला गांधी आश्रम बनारस में ही स्थापित हुआ. आज युवा पीढ़ी की यह जिम्मेदारी है कि हम गांधी के विचारों को आने वाली पीढ़ियों तक ले जाए. भारतीय संस्कृति के प्रति गांधी के विचारों को हमें गंभीरता से आत्मसात करने की कोशिश करनी चाहिए. वहीं युवा गांधीवादी आयुष चतुर्वेदी ने कहा कि हमें महात्मा गांधी के आदर्शों से सीख लेकर समाज को गांधीवादी बनाना चाहिए. साथ ही डॉ. विकास सिंह ने कहा कि गांधी जी के व्यक्तित्व पर चर्चा करते हुए कहा कि उनकी नैतिक बल की आभा ही उनकी ताकत रही. उनके विचार हमेशा ही प्रासंगिक रहेंगे, छात्रों को गांधी जी के विचारों को आत्मसात करना चाहिए.

इस कार्यक्रम का संचालन विक्रान्त सिंह ने किया. वहीं इस दौरान, डॉ. अवधेश सिंह, डॉ. शार्दूल चौबे, डॉ. विकास सिंह, अभिनव मणि त्रिपाठी, अनिक देव सिंह, रितेश सिंह, राणा रोहित, मोहम्मद आमिद, कपीश्वर मिश्रा, देवेश उपाध्याय, विद्या भारती, ऋषभ पाण्डेय, शानू पाण्डेय, आकाश सिंह, अमित यादव, प्रशान्त पाण्डेय, लेखराज, आदि छात्र मौजूद रहे.

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