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पीएम की अपील को हकीकत में साकार कर रहे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, कहा- अब गांव गांव से भी खत्म होगी टीवी

वाराणसी में पीएम मोदी के टीबी मुक्त आंदोलन को हकीकत बनाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने तैयारी शुरू कर दी है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि अब गांव से भी खत्म होगी टीबी. इसके लिए किसी भी मरीज का पता चलने पर उसे तुरंत वेलनेस सेंटर पर ले जाएं और प्रोटोकॉल का पालन करें.

केंद्र स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया
केंद्र स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया
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Published : Mar 25, 2023, 10:56 PM IST

केंद्र स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया.

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वाराणसी से टीबी को लेकर के एक बड़े आंदोलन की शुरुआत की. जिसके तहत 2025 तक देश से टीबी को समाप्त करने का संकल्प लिया गया. इस अभियान को लेकर के बकायदा बनारस में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का भी आयोजन किया गया है. जिसमें 40 देश से लगभग 200 मेहमान शामिल हुए हैं. प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को काशी से टीबी की जंग जीतने के लिए टीबी मुक्त पंचायत अभियान की भी शुरुआत की. जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया जमीन पर उतारने की कवायद में जुट गए है.

उन्होंने बकायदा देशवासियों से अपील की है कि वह गांव पंचायतों में भी सक्रिय रहकर टीबी की जंग को जीतने में मदद करें. उन्होंने कहा कि "आज मैं पीएम मोदी की मुहिम को लेकर देश की जनता से ग्राम पंचायत से यह आग्रह करना चाहूंगा कि हम सभी लोग देखें कि उनके गांव में कोई भी टीबी मरीज नहीं होना चाहिए. यदि कोई टीबी का मरीज पहचान में आए तो तुरंत नजदीकी वेलनेस सेंटर को बताए. गांव के प्रधान गांव पंचायत के नसदस्य जागरूकता से काम करें. जिससे गांव को टीबी मुक्त हो, ताकि देश टीबी मुक्त हो सके.'

71 हजार निक्षय मित्रों ने 10 लाख मरीजों को लिया गोद: उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करेंगे. इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए हमने निक्षय मित्र योजना शुरू की है. जिसके तहत हम जनभागीदारी से देश को टीबी मुक्त करें. आज 71 हजार निक्षय मित्र बने हैं, उसमें कॉरपोरेट सेक्टर, एनजीओ, जनप्रतिनिधि, पत्रकार मित्र सरकारी अधिकारी व्यक्तिगत तौर पर इन सभी लोगों ने 10 लाख टीबी पेशेंट को गोद लिया है.

वह प्रति महीने एक पोषण पोटली उन मरीजों के घर तक पहुंचाते हैं, उनको दवाई लेने के लिए प्रेरित करते हैं. इसके साथ ही सरकार की ओर से सभी टीबी मरीजों को निःशुल्क दवा के साथ प्रति माह 500 रुपए उनके खाते में भेजा जाता है. इसके साथ ही उनके साथ रहने वाले को टीबी ना हो उसको लेकर के दवा चालू करने के लिए भी व्यवस्था शुरू की है.

40 देश के प्रतिनिधि कर रहे काशी में मंथन: काशी में आयोजित मंथन के बाबत उन्होंने बताया कि, 25 व 26 2 दिन के लिए काशी में स्टाफ टीबी की बोर्ड मीटिंग चल रही है. बोर्ड मीटिंग में 40 देशों के 198 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. बीते दिन सभी प्रतिनिधियों ने वाराणसी डिस्ट्रिक्ट के 8 वेलनेस सेंटर देखें. जहां निक्षय मित्र,आशा बहन व टीवी मरीजों से संवाद किया. इसके साथ ही मेहमानों ने भारत में जो निक्षय मित्र जन सहभागिता से टीबी को मिटाने का अभियान चल रहा है, उसकी सराहना भी की.

नए वेरिएंट्स नहीं है कोई रिस्क: वहीं, देश में मिले कोविड के नए वैरिएंट को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जो इन दिनों देश मे नया वैरिएंट दिखाई दे रहा है. वह हमारे देश में चल रहे XXX1 वैरिएंट का ही म्यूटेंट भाग है. हमें सतर्क अवश्य रहना है लेकिन, घबराने की आवश्यकता नहीं है. आज तक देश में 216 नए वेरिएंट अब तक पाए गए हैं कोई भी नया वारंट आता है, तो हमें जिनोम सीक्वेंसिंग से पता चलता है और फिर उसे आइसोलेट किया जाता है. उस पर हमारी मेडिसिन का इफेक्ट है कि नहीं उसको लेकर स्टडी की जाती है. आज तक जितने भी म्यूटेंट मिले हैं, उन सब पर हमारी वैक्सीन इफेक्टिव रही है. हम सभी लोग वैक्सीनेटेड हैं इसलिए ज्यादा रिस्क नहीं है. लेकिन यदि कोई कोविड स्व संक्रमित है, तो वह प्रोटोकॉल का पालन करें.

यह भी पढ़ें: वाराणसी के सैकड़ों गांवों में जलसंकट का खतरा, 160 फीट नीचे खिसका वॉटर लेवल

केंद्र स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया.

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वाराणसी से टीबी को लेकर के एक बड़े आंदोलन की शुरुआत की. जिसके तहत 2025 तक देश से टीबी को समाप्त करने का संकल्प लिया गया. इस अभियान को लेकर के बकायदा बनारस में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का भी आयोजन किया गया है. जिसमें 40 देश से लगभग 200 मेहमान शामिल हुए हैं. प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को काशी से टीबी की जंग जीतने के लिए टीबी मुक्त पंचायत अभियान की भी शुरुआत की. जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया जमीन पर उतारने की कवायद में जुट गए है.

उन्होंने बकायदा देशवासियों से अपील की है कि वह गांव पंचायतों में भी सक्रिय रहकर टीबी की जंग को जीतने में मदद करें. उन्होंने कहा कि "आज मैं पीएम मोदी की मुहिम को लेकर देश की जनता से ग्राम पंचायत से यह आग्रह करना चाहूंगा कि हम सभी लोग देखें कि उनके गांव में कोई भी टीबी मरीज नहीं होना चाहिए. यदि कोई टीबी का मरीज पहचान में आए तो तुरंत नजदीकी वेलनेस सेंटर को बताए. गांव के प्रधान गांव पंचायत के नसदस्य जागरूकता से काम करें. जिससे गांव को टीबी मुक्त हो, ताकि देश टीबी मुक्त हो सके.'

71 हजार निक्षय मित्रों ने 10 लाख मरीजों को लिया गोद: उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करेंगे. इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए हमने निक्षय मित्र योजना शुरू की है. जिसके तहत हम जनभागीदारी से देश को टीबी मुक्त करें. आज 71 हजार निक्षय मित्र बने हैं, उसमें कॉरपोरेट सेक्टर, एनजीओ, जनप्रतिनिधि, पत्रकार मित्र सरकारी अधिकारी व्यक्तिगत तौर पर इन सभी लोगों ने 10 लाख टीबी पेशेंट को गोद लिया है.

वह प्रति महीने एक पोषण पोटली उन मरीजों के घर तक पहुंचाते हैं, उनको दवाई लेने के लिए प्रेरित करते हैं. इसके साथ ही सरकार की ओर से सभी टीबी मरीजों को निःशुल्क दवा के साथ प्रति माह 500 रुपए उनके खाते में भेजा जाता है. इसके साथ ही उनके साथ रहने वाले को टीबी ना हो उसको लेकर के दवा चालू करने के लिए भी व्यवस्था शुरू की है.

40 देश के प्रतिनिधि कर रहे काशी में मंथन: काशी में आयोजित मंथन के बाबत उन्होंने बताया कि, 25 व 26 2 दिन के लिए काशी में स्टाफ टीबी की बोर्ड मीटिंग चल रही है. बोर्ड मीटिंग में 40 देशों के 198 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. बीते दिन सभी प्रतिनिधियों ने वाराणसी डिस्ट्रिक्ट के 8 वेलनेस सेंटर देखें. जहां निक्षय मित्र,आशा बहन व टीवी मरीजों से संवाद किया. इसके साथ ही मेहमानों ने भारत में जो निक्षय मित्र जन सहभागिता से टीबी को मिटाने का अभियान चल रहा है, उसकी सराहना भी की.

नए वेरिएंट्स नहीं है कोई रिस्क: वहीं, देश में मिले कोविड के नए वैरिएंट को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जो इन दिनों देश मे नया वैरिएंट दिखाई दे रहा है. वह हमारे देश में चल रहे XXX1 वैरिएंट का ही म्यूटेंट भाग है. हमें सतर्क अवश्य रहना है लेकिन, घबराने की आवश्यकता नहीं है. आज तक देश में 216 नए वेरिएंट अब तक पाए गए हैं कोई भी नया वारंट आता है, तो हमें जिनोम सीक्वेंसिंग से पता चलता है और फिर उसे आइसोलेट किया जाता है. उस पर हमारी मेडिसिन का इफेक्ट है कि नहीं उसको लेकर स्टडी की जाती है. आज तक जितने भी म्यूटेंट मिले हैं, उन सब पर हमारी वैक्सीन इफेक्टिव रही है. हम सभी लोग वैक्सीनेटेड हैं इसलिए ज्यादा रिस्क नहीं है. लेकिन यदि कोई कोविड स्व संक्रमित है, तो वह प्रोटोकॉल का पालन करें.

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