वाराणसी: कोविड-19 ने भारत में अपना आतंक मचा रखा है. कोरोना के कारण हालात इतने खराब हो गए, कि देश भर में लॉकडाउन लगाना पड़ा. लॉकडाउन के कारण लोगों से उनका रोजगार छिन गया. भूखों मरने की नौबत आ गई. जिससे दूसरे राज्यों में काम कर रहे मजदूरों को अपने घरों की ओर पलायन करना पड़ा. लॉकडाउन ने बहुत लोगों की जिंदगी को तबाह कर दिया. लगभग 70 दिनों तक हर तरफ तालाबंदी की वजह से कंपनियां घाटे में गई, और हालात यह हुए कि लोगों की नौकरियां जाने लगीं. हर सेक्टर से कर्मचारियों को कम करने की कवायद शुरू हुई, जिसके बाद हालात बिगड़ते गए. वाराणसी में भी बहुत से युवा ऐसे हैं जो इस महामारी की वजह से हुए लॉकडाउन में बेरोजगार हो गए हैं. हालात यह है कि नौकरी जाने के बाद कोई घर पर बैठा है तो कोई बाइक पर मास्क, सैनिटाइजर बेचकर अपने परिवार का पेट पालने की जुगत कर रहा है.
बाइक पर मास्क, सैनिटाइजर बेचकर पाल रहे पेट
लखनऊ में बतौर होटल एग्जीक्यूटिव काम करने वाले अमित यादव की सैलरी भी 30,000 रुपये महीने से ऊपर थी. लेकिन लॉकडाउन में जब यह बनारस आए तो यहीं फंस गए. जब स्थितियां सुधरीं तो कंपनी ने इनको मेल भेजकर जॉब से निकाले जाने की जानकारी दे दी. अमित का कहना है कि उनके परिवार में 6 महीने की बेटी, पत्नी और एक छोटा भाई है, सभी के खर्च की जिम्मेदारी उनके ऊपर है. अमित की नौकरी चली गई तो अब वह अपनी बाइक पर मास्क और पेड़ के नीचे सैनिटाइजर बेचकर परिवार का पेट पालने की कोशिश कर रहे हैं.
छंटनी में गई नौकरी, अब कैसे चलेगा परिवार का खर्च
इस समस्या से जूझने वाले अमित अकेले नहीं हैं. एक अन्य बड़ी कंपनी में काम करने वाले लोहता इलाके के अंकित तिवारी को मई के महीने में ऑफिस से मेल आया कि छंटनी की वजह से आपको नौकरी से निकाला जा रहा है. नवंबर महीने में अंकित ने कंपनी ज्वाइन की थी. 6 महीने उन्होंने अच्छे से काम किया, टारगेट पूरे किए, लेकिन कंपनी ने उनको नौकरी से निकालते वक्त एक बार भी नहीं सोचा. घर पर डेढ़ साल की बेटी, पत्नी और माता-पिता की जिम्मेदारी अंकित के कंधों पर है. अब अंकित परेशान हैं कि आखिर घर का खर्च चलाएं तो कैसे.
लॉकडाउन में धंधा चौपट, बेच रहे प्याज और आलू
बाजारों में भी बहुत सी ऐसी दुकानें हैं जो बंद हो चुकी हैं. इन दुकानों पर अब सब्जियां बेचीं जा रही हैं. अर्दली बाजार इलाके के रहने वाले आरिफ ने लगभग पांच लाख रुपये लगाकर जूस कॉर्नर खोला था. 3 महीने जूस कॉर्नर में अच्छी सेल हुई, लेकिन होली के बाद वायरस की चपेट में आए देश में लॉकडाउन की वजह से धंधा ऐसा चौपट हुआ कि अब इस जूस कॉर्नर पर आरिफ प्याज और आलू बेच रहे हैं. आरिफ का कहना है जूस यदि बेचता भी हूं तो कोई खरीदने को तैयार नहीं है. हर कोई अपने आपको सुरक्षित रखना चाह रहा है, इस वजह से घर का खर्च चलाने के लिए जूस कॉर्नर पर सब्जियां बेच रहे हैं.