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वाराणसी के कुरु गांव में दिखा बाघ, लोगों में दहशत

उत्तर प्रदेश के वाराणसी के कुरू गांव में बाघ आ जाने के कारण दशहत का माहौल है. गांव वालों का कहना है कि बाघ की दशहत के कारण लोग अपने घरों से नहीं निकल पा रहे हैं. गांव वालों का आरोप है कि इसकी सूचना वन विभाग को दे दी गई है, बावजुद इसके वन विभाग महज खानापूर्ति कर रहा है.

कुरु गांव में दिखा बाघ.
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Published : Aug 4, 2019, 9:07 AM IST

वाराणसी: शहर से महज 35 किलोमीटर की दूरी पर कुरु गांव इस समय दहशत की जद में है. दहशत का कारण बाघ का देखे जाने है. लोग शाम पांच बजे तक केवल बाहर घूम रहे हैं, जिसके बाद लोग अपने घरों में कैद हो जाते हैं. क्योंकि कई लोगों ने गांव में बाघ को घूमते हुए देखा है. लोगों का कहना यह भी है कि इसकी सूचना वन विभाग को दे दी गई है, लेकिन वन विभाग भी महज खानापूर्ति कर रहा है.

कुरु गांव में दिखा बाघ.

गांव में दशहत का माहौल

  • कुरु गांव में रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि हम जब अपने खेतों में सुबह गाय-भैंस चराने जाते हैं तो उस समय बाघ दिखता है.
  • कुरु गांव के पास के लगभग 5 गांव ऐसे हैं, जहां के लोग उस बाघ को देखे जाने की बात कर रहे हैं.
  • गांव के लोगों ने शाम 5 बजे के बाद बाहर निकलना भी बंद कर दिया है.
  • वहीं गांव वालों का कहना है कि इसकी सूचना वन विभाग को दे दी गई है.
  • वन विभाग से कहा गया है कि जल्द से जल्द उसको पकड़ा जाए या कहीं गांव से दूर ले जाया जाए.
  • वहीं वन विभाग को जब इसकी सूचना मिली तो वन विभाग मौके पर गया.
  • ग्रामीणों को यह कहा गया कि जब भी वह बाघ दिखाई दे तुरंत फोन करके बताएं.

जिस तरीके से वन विभाग ने लापरवाही दिखाई है. यह बेहद ही निराशाजनक है. क्योंकि बाघ कोई पालतू जानवर नहीं है कभी भी किसी पर भी हमला कर सकता है.
-पप्पू, स्थानीय ग्रामीण

वाराणसी: शहर से महज 35 किलोमीटर की दूरी पर कुरु गांव इस समय दहशत की जद में है. दहशत का कारण बाघ का देखे जाने है. लोग शाम पांच बजे तक केवल बाहर घूम रहे हैं, जिसके बाद लोग अपने घरों में कैद हो जाते हैं. क्योंकि कई लोगों ने गांव में बाघ को घूमते हुए देखा है. लोगों का कहना यह भी है कि इसकी सूचना वन विभाग को दे दी गई है, लेकिन वन विभाग भी महज खानापूर्ति कर रहा है.

कुरु गांव में दिखा बाघ.

गांव में दशहत का माहौल

  • कुरु गांव में रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि हम जब अपने खेतों में सुबह गाय-भैंस चराने जाते हैं तो उस समय बाघ दिखता है.
  • कुरु गांव के पास के लगभग 5 गांव ऐसे हैं, जहां के लोग उस बाघ को देखे जाने की बात कर रहे हैं.
  • गांव के लोगों ने शाम 5 बजे के बाद बाहर निकलना भी बंद कर दिया है.
  • वहीं गांव वालों का कहना है कि इसकी सूचना वन विभाग को दे दी गई है.
  • वन विभाग से कहा गया है कि जल्द से जल्द उसको पकड़ा जाए या कहीं गांव से दूर ले जाया जाए.
  • वहीं वन विभाग को जब इसकी सूचना मिली तो वन विभाग मौके पर गया.
  • ग्रामीणों को यह कहा गया कि जब भी वह बाघ दिखाई दे तुरंत फोन करके बताएं.

जिस तरीके से वन विभाग ने लापरवाही दिखाई है. यह बेहद ही निराशाजनक है. क्योंकि बाघ कोई पालतू जानवर नहीं है कभी भी किसी पर भी हमला कर सकता है.
-पप्पू, स्थानीय ग्रामीण

Intro:एंकर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी शहर से महज 35 किलोमीटर की दूरी पर कुरु गांव इस समय दहशत की जद में है दहशत का कारण बाघ के देखे जाने के बाद है हुआ है लोग शाम पांच बजे तक केवल बाहर घूम रहे हैं जिसके बाद लोग अपने घरों में सहम जा रहे हैं क्योंकि कई लोगों ने गांव में बाघ को घूमते हुए देखा है यही नहीं लोगों का कहना यह भी है कि इसकी सूचना वन विभाग को दे दी गई है लेकिन वन विभाग भी महज खानापूर्ति में लगा हुआ है।Body:वीओ: कुरु गांव में रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि हम जब अपने खेतों में सुबह गाय भैंस चराने जा रहे हैं या फिर अपने खेतों में काम करने जा रहे हैं उसी समय उस भाग को देखे जाने की बातें आ रही है यही नहीं गुरु के अगल-बगल के लगभग 5 गांव ऐसे हैं जहां के लोग उस बात को देखे जाने की बात कर रहे हैं हालांकि उस जानवर के शरीर पर चित्र कपड़े की तरह बना हुआ है जिसकी वजह से लोग बेहद ही डरे और सहमे हुए हैं यही नहीं कुरु गांव के निवासी शाम 5:00 बजे के बाद बाहर निकलना भी बंद कर दिए हैं वहीं गांव वालों का कहना है कि इसकी सूचना वन विभाग को दे दी गई है और वन विभाग से यह कहा गया है कि जल्द से जल्द उसको या पकड़ा जाए या कहीं गांव से दूर ले जाया जाए तभी गांव के लोग सुरक्षित हो सकेंगे।Conclusion:वीओ: वहीं वन विभाग को जब इसकी सूचना मिली तो वन विभाग मौके पर गया मगर जिस ओर या जगह पर बाघ को देखा गया है वहां पर जाने की जहमत वन विभाग में नहीं उठाई और ग्रामीणों को यह कहा गया कि जब भी वह भाग दिखाई दे तुरंत फोन करके बताएं हालांकि गांव वालों का कहना यह है कि जिस तरीके से बंद विभाग ने लापरवाही दिखाई है या बेहद ही निराशाजनक है क्योंकि बाघ कोई पालतू जानवर नहीं है कभी भी किसी पर भी हमला कर सकता है अब देखने वाली बात यह है कि जिस तरीके से गांव के लोग बाघ देखने का दावा कर रहे वह कितना सही साबित होगा और अगर यह सही साबित हुआ तो ग्रामीणों के जान पर भी बन सकती है।

बाइट: पन्नालाल (स्थानीय ग्रामीण)
बाइट: पप्पू (प्रत्यक्षदर्शी)

अमित दत्ता वाराणसी
8299457899
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