वाराणसीः टीबी मरीजों को पौष्टिक भोजन देने पर प्रदेश की राज्यपाल आपको सम्मानित कर सकती हैं. इस संबंध में राज्य क्षय नियंत्रण अधिकारी (State Tuberculosis Control Officer ) एवं संयुक्त निदेशक (क्षय) ने प्रदेश के सभी जिला क्षय अधिकारियों को बुधवार को पत्र लिख कर उत्कृष्ट कार्य करने वाले सर्वश्रेष्ठ निक्षय मित्र का विवरण मांगा है.
बता दें कि निक्षय मित्र योजना (Nikshay Mitra Scheme) के तहत कोई भी व्यक्ति टीबी (क्षय) रोग के खिलाफ शुरू की गई राष्ट्रव्यापी जंग में अपना योगदान दे सकता है. ऐसे व्यक्तियों और संस्थाओं को प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा सम्मानित भी किया जाएगा. इस मुहिम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी और जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. पीयूष राय भी निक्षय मित्र बनाए गए हैं. इसके साथ ही सीएमओ ने लोगों से निक्षय मित्र बनकर टीबी के खिलाफ जंग को मजबूती देने का आह्वान किया है.
सीएमओ डॉक्टर संदीप चौधारी ने कहा कि जिस तरह देश ने सम्मलित प्रयासों से पोलियो और कोरोना के खिलाफ जंग जीती है. उसी प्रकार टीबी के खिलाफ जंग को जीतने के लिए सम्मिलित प्रयास किया जाना है. वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य है. इसके लिए बीते दिनों प्रधानमंत्री ने टीबी मुक्त भारत अभियान लांच किया है. इस अभियान को जन-आंदोलन बनाने के लिए निक्षय मित्र योजना की भी शुरुआत की गई है.
क्या है निक्षय मित्र योजना
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. पीयूष राय ने बताया कि निक्षय मित्र योजना टीबी से पीड़ित लोगों को गोद लेने की योजना है. इस योजना के तहत कोई भी स्वयंसेवी संस्था, औद्योगिक इकाई या संगठन, राजनीतिक दल या कोई भी व्यक्ति टीबी मरीज को गोद ले सकेगा ताकि वह इलाज में उसकी मदद करा सके और उसके लिए हर माह पौष्टिक आहार की व्यवस्था करा सके.
टीबी रोगियों को लेना होगा गोद
इस अभियान के तहत निक्षय मित्र बनने वाले व्यक्ति या संस्था को कम से कम एक साल के लिए और अधिक से अधिक तीन साल के लिए किसी ब्लॉक, वार्ड या जिले के टीबी रोगियों को गोद लेकर उन्हें भोजन, पोषण आदि जरूरी मदद उपलब्ध करानी होती है. इस अभियान से जुड़ने के लिए आप निक्षय पोर्टल www.nikshay.in पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. इसके अतिरिक्त एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय स्थित जिला क्षय रोग केंद्र पर संपर्क किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिले में 17 निक्षय मित्र हैं. इसके अलावा इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.
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योजना का उद्देश्य
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के डीपीसी संजय चौधरी व डीपीपीएमसी नमन गुप्ता ने बताया कि इस अभियान को जन-आंदोलन बनाकर आमजन को बताना होगा कि इस बीमारी की रोकथाम संभव है. इसका इलाज आसान और नि:शुल्क है. उन्होंने कहा कि लोगों को यह भी बताना होगा कि टीबी के कीटाणु हर व्यक्ति के शरीर में मौजूद होते हैं लेकिन जब रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है तो व्यक्ति में यह रोग दिखता है. इलाज से इस बीमारी से छुटकारा मिल सकता है. ये सभी बातें लोगों तक पहुंचने के बाद ही टीबी से प्रभावित लोग इलाज की सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे.
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