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खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी शुरू, वोकल फॉर लोकल का दिखा असर

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Published : Nov 23, 2020, 8:04 AM IST

वाराणसी में राज्य स्तरीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी रविवार से शुरू हो गई. इसमें 15 राज्यों के उत्पाद शामिल किए गए हैं. रविवार से तेलियाबाग स्थित खादी और ग्रामोद्योग आयोग के कार्यालय में राज्य स्तरीय प्रदर्शनी शुरू हुई. लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा देने के लिए खादी उत्पाद को प्रदर्शित किया जा रहा है.

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वाराणसी में शुरू हुई राज्य स्तरीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी.

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में वोकलफॉर लोकल का असर दिखने लगा है. जिले में राज्य स्तरीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी लगाई गई हैं, जिसमें 15 राज्यों ने सहभागिता कर अपने अलग-अलग उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई है. ये प्रदर्शनी युवाओं पर केंद्रित है.

15 राज्यों के लगाए गए 85 स्टॉल
प्रदर्शनी में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, पंजाब एवं हरियाणा खादी एवं ग्रामोद्योग संस्थाओं ने अपने कुल 85 स्टॉल लगाए हैं, जिसमे खादी, ऊनी वस्त्र, शॉल, जैकेट, राजस्थान की बीकानेरी नमकीन, हर्बल उत्पाद, पश्चिम बंगाल के आकर्षक सिल्क के उत्पाद, मध्य प्रदेश के चंदेरी साड़ियां, कानपुर के चमड़े से बने उत्पाद, प्रतापगढ़ के मशहूर आंवला उत्पाद की भी बिक्री हो रही है. इसमें महिलाओं के ऊनी वस्त्र व हर्बल उत्पाद लोगों को खासा मन भा रहे हैं.

वाराणसी में राज्य स्तरीय प्रदर्शनी शुरू.
जम्मू कश्मीर के शौकत अली ने बताया कि लगभग एक साल बाद बाजार लगाने का मौका मिल रहा है. हम पहले भी बनारस आए हैं, हमें मुनाफा हुआ है. इस बार भी उम्मीद है कि बाजार अच्छा होगा. वहीं दुकानदार मुन्नीलाल ने बताया कि खादी की भी डिमांड बाजार में बढ़ रही है. युवा इसके प्रति अपनी रुचि दिखा रहे हैं और खरीदारी भी कर रहे हैं.इस वर्ष ज्यादा मुनाफा होने की है उम्मीदआयोग के निदेशक डी एस भाटी ने बताया कि प्रदर्शनी में कुल 15 राज्यों ने सहभागिता की है. इसमें कुल 85 स्टॉल लगाए गए हैं. साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों के लिए एक भव्य स्टेज भी बनाया गया है. इस प्रदर्शनी में कश्मीर के शहद व अन्य हर्बल उत्पाद मिलेंगे, जो कोरोना काल में लोगों के लिए काफी लाभदायक हैं. उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शनी में जम्मू कश्मीर के दुकानदारों को लगभग एक साल बाद इस प्रकार के सामाजिक माहौल में सहभागिता करने का मौका मिल रहा है. इस प्रदर्शनी में हमने वोकल फॉर लोकल के तहत युवाओं को टारगेट किया है. रविवार से प्रदर्शनी शुरू हुई है, लेकिन जिस तरीके से बाजार चल रहा है हमें उम्मीद है कि इस बार हम पिछले वर्ष का भी रिकॉर्ड तोड़ देंगे.

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में वोकलफॉर लोकल का असर दिखने लगा है. जिले में राज्य स्तरीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी लगाई गई हैं, जिसमें 15 राज्यों ने सहभागिता कर अपने अलग-अलग उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई है. ये प्रदर्शनी युवाओं पर केंद्रित है.

15 राज्यों के लगाए गए 85 स्टॉल
प्रदर्शनी में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, पंजाब एवं हरियाणा खादी एवं ग्रामोद्योग संस्थाओं ने अपने कुल 85 स्टॉल लगाए हैं, जिसमे खादी, ऊनी वस्त्र, शॉल, जैकेट, राजस्थान की बीकानेरी नमकीन, हर्बल उत्पाद, पश्चिम बंगाल के आकर्षक सिल्क के उत्पाद, मध्य प्रदेश के चंदेरी साड़ियां, कानपुर के चमड़े से बने उत्पाद, प्रतापगढ़ के मशहूर आंवला उत्पाद की भी बिक्री हो रही है. इसमें महिलाओं के ऊनी वस्त्र व हर्बल उत्पाद लोगों को खासा मन भा रहे हैं.

वाराणसी में राज्य स्तरीय प्रदर्शनी शुरू.
जम्मू कश्मीर के शौकत अली ने बताया कि लगभग एक साल बाद बाजार लगाने का मौका मिल रहा है. हम पहले भी बनारस आए हैं, हमें मुनाफा हुआ है. इस बार भी उम्मीद है कि बाजार अच्छा होगा. वहीं दुकानदार मुन्नीलाल ने बताया कि खादी की भी डिमांड बाजार में बढ़ रही है. युवा इसके प्रति अपनी रुचि दिखा रहे हैं और खरीदारी भी कर रहे हैं.इस वर्ष ज्यादा मुनाफा होने की है उम्मीदआयोग के निदेशक डी एस भाटी ने बताया कि प्रदर्शनी में कुल 15 राज्यों ने सहभागिता की है. इसमें कुल 85 स्टॉल लगाए गए हैं. साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों के लिए एक भव्य स्टेज भी बनाया गया है. इस प्रदर्शनी में कश्मीर के शहद व अन्य हर्बल उत्पाद मिलेंगे, जो कोरोना काल में लोगों के लिए काफी लाभदायक हैं. उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शनी में जम्मू कश्मीर के दुकानदारों को लगभग एक साल बाद इस प्रकार के सामाजिक माहौल में सहभागिता करने का मौका मिल रहा है. इस प्रदर्शनी में हमने वोकल फॉर लोकल के तहत युवाओं को टारगेट किया है. रविवार से प्रदर्शनी शुरू हुई है, लेकिन जिस तरीके से बाजार चल रहा है हमें उम्मीद है कि इस बार हम पिछले वर्ष का भी रिकॉर्ड तोड़ देंगे.
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