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कोविड अस्पताल में कर्मचारियों का हंगामा, लगाए गंभीर आरोप - पंडित राजन मिश्रा हॉस्पिटल

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में डीआरडीओ द्वारा बनाए गए पंडित राजन मिश्रा हॉस्पिटल में शनिवार को हाउसकीपिंग कर्मचारियों ने खूब हंगामा किया. किसी तरह से कर्मचारियों को शांत किया गया.

वाराणसीः
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Published : Jun 6, 2021, 7:42 AM IST

वाराणसीः जिले के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के एमपीथियेटर ग्राउंड में डीआरडीओ द्वारा बनाए गए पंडित राजन मिश्रा हॉस्पिटल में शनिवार को हाउसकीपिंग कर्मचारियों ने हंगामा किया. कर्मचारियों ने डीआरडीओ अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

वाराणसीः

ये थी वजह
हंगामे की सूचना मिलते ही बीएचयू प्रॉक्टोरियल बोर्ड सहित तमाम अधिकारी पहुंच गए. डीआरडीओ अस्पताल के बाहर उनको समझाया. वहीं, घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे मीडिया कर्मियों को भी वहां तैनात लोगों ने कैमरा चलाने से मना किया और अंदर जाने से मना कर दिया. बाद में हंगामे की वजह के बारे में कर्मचारी मनीष शर्मा ने बताया डीआरडीओ अस्पताल में हाउसकीपिंग का कार्य करने वाले लोग शनिवार को जब अस्पताल के अंदर जाने लगे तो उनको रोक दिया गया. अंदर जाने से मना किया गया. जिसके बाद इन लोगों ने कारण पूछा तो कहा काम नहीं है, आप लोग घर जाइए. यही नहीं, साथी महिलाओं के साथ अभद्रता की गई. सभी महिला-पुरुषों के आई कार्ड छीन लिए गए. मनीष शर्मा का आरोप है कि 18000 रुपये महीने पर हमारी नियुक्ति हुई थी, अब काटकर ₹9000 कर दिए हैं.

इसे भी पढ़ेंः यूपी मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज, राधा मोहन सिंह आज राज्यपाल से करेंगे मुलाकात !

लगाए गंभीर आरोप
ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत करते हुए रेनू ने बताया कि डीआरडीओ द्वारा यह निकाला गया था कि 18000 रुपये महीने के हिसाब से 6 महीने पर हमें कार्य करना है. लेकिन अब उसे 9000 रुपये कर दिया गया. एक महीना होने जा रहा है अभी तक हमें वेतन नहीं मिला है. हम लोग 50 से 60 लोग यहां पर कार्य करते हैं आज सुबह हम लोगों को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है. हम हाउसकीपिंग के लिए यहां पर नियुक्त किए गए हैं लेकिन बाकी नर्स के भी काम हम लोग करते हैं यहां बीएचयू और अन्य जगहों के भी लोग कार्य कर रहे हैं.

पीएम फंड से बना अस्पताल
गौरतलब है कि वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी के दूसरी वेब के दौरान अधिकारियों के साथ मीटिंग की थी और इसके बाद 250 आईसीयू बेड का डीआरडीओ अस्पताल बनाया गया था. इसमें 500 सामान्य बेड हैं. अस्पताल पीएम के फंड से बनाया गया है.

वाराणसीः जिले के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के एमपीथियेटर ग्राउंड में डीआरडीओ द्वारा बनाए गए पंडित राजन मिश्रा हॉस्पिटल में शनिवार को हाउसकीपिंग कर्मचारियों ने हंगामा किया. कर्मचारियों ने डीआरडीओ अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

वाराणसीः

ये थी वजह
हंगामे की सूचना मिलते ही बीएचयू प्रॉक्टोरियल बोर्ड सहित तमाम अधिकारी पहुंच गए. डीआरडीओ अस्पताल के बाहर उनको समझाया. वहीं, घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे मीडिया कर्मियों को भी वहां तैनात लोगों ने कैमरा चलाने से मना किया और अंदर जाने से मना कर दिया. बाद में हंगामे की वजह के बारे में कर्मचारी मनीष शर्मा ने बताया डीआरडीओ अस्पताल में हाउसकीपिंग का कार्य करने वाले लोग शनिवार को जब अस्पताल के अंदर जाने लगे तो उनको रोक दिया गया. अंदर जाने से मना किया गया. जिसके बाद इन लोगों ने कारण पूछा तो कहा काम नहीं है, आप लोग घर जाइए. यही नहीं, साथी महिलाओं के साथ अभद्रता की गई. सभी महिला-पुरुषों के आई कार्ड छीन लिए गए. मनीष शर्मा का आरोप है कि 18000 रुपये महीने पर हमारी नियुक्ति हुई थी, अब काटकर ₹9000 कर दिए हैं.

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लगाए गंभीर आरोप
ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत करते हुए रेनू ने बताया कि डीआरडीओ द्वारा यह निकाला गया था कि 18000 रुपये महीने के हिसाब से 6 महीने पर हमें कार्य करना है. लेकिन अब उसे 9000 रुपये कर दिया गया. एक महीना होने जा रहा है अभी तक हमें वेतन नहीं मिला है. हम लोग 50 से 60 लोग यहां पर कार्य करते हैं आज सुबह हम लोगों को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है. हम हाउसकीपिंग के लिए यहां पर नियुक्त किए गए हैं लेकिन बाकी नर्स के भी काम हम लोग करते हैं यहां बीएचयू और अन्य जगहों के भी लोग कार्य कर रहे हैं.

पीएम फंड से बना अस्पताल
गौरतलब है कि वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी के दूसरी वेब के दौरान अधिकारियों के साथ मीटिंग की थी और इसके बाद 250 आईसीयू बेड का डीआरडीओ अस्पताल बनाया गया था. इसमें 500 सामान्य बेड हैं. अस्पताल पीएम के फंड से बनाया गया है.

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