वाराणसीः शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) में जहां एक ओर बेटियों को देवी मानकर लोग पूजा कर रहे हैं. वहीं, वाराणसी के अस्सी घाट से मानवता को शर्मशार करने वाली एक घटना सामने आई है. यहां घाट पर एक मां ने अपनी 2 माह की बेटी को गंंगा के तट के किनारे छोड़ दिया. घाट पर भेलपूरी का ठेला लगाने वाली महिला बच्ची को लेकर अपने घर चली आई. जहां बच्ची को दूध पिलाकर और कपड़े पहनाकर उसका नाम अष्टमी रख दिया. हालांकि, सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई.
रविवार को अष्टमी तिथि पर वाराणसी के अस्सी घाट से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई. काशी के अस्सी घाट पर नौनिहाल बच्ची को लेकर घटित घटना ने हर किसी को हैरत में डाल दिया. यहां अस्सी घाट पर ही भेलपूरी का ठेला वाली महिला सविता ने मीडिया को बताया कि 3 बजकर 30 मिनट के करीब वह अपने ठेले पर मौजूद थी. इसी दौरान घाट पर पहुंची एक महिला एक मासूम बच्ची को वहीं छोड़कर जाने लगी. उसके द्वारा दौड़ाने पर भी वह महिला भागने में सफल रही. घाट पर पहुंचकर उसने बच्ची को गोद में उठा लिया.
सविता ने बताया कि वह महिला इसकी मां थी या कोई और थी. इसके बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है. वह बच्ची को लेकर अन्य लोगों के साथ घंटों घाट पर इंतजार करती रही. लेकिन, वह महिला नहीं आई. सविता ने बताया कि बच्ची को घाट पर रखने वाली महिला ने पीले रंग की साड़ी पहन रखी थी. उसमें हरे रंग का आंचल भी लगा हुआ था. बच्ची को वह अपने पास ही रखेगी. इस मामले की जानकारी पुलिस को भी दे गई है. चौकी से कुछ पुलिसकर्मी उसके घर बच्ची के बारे में पूछताछ करने आए थे. लेकिन, उसने कहा कि बच्ची को गोद ले लिया है. वह बच्ची का ध्यान रखेगी. जब तक उस बच्ची के माता-पिता आ नहीं जाते हैं.
बता दें कि अष्टमी तिथि पर जहां एक बच्ची अपनी सगी मां से अलग हुई, उसी दौरान उसे दूसरी मां मिल गई. कहा जाता है कि देवी मां हर किसी की रक्षा करती हैं. सविता ने कहा कि अष्टमी तिथि को उन्हें यह बच्ची मिली है. इसलिए इसका नाम वह अष्टमी ही रखेंगी. बता दें कि सविता के पास पहले से ही एक लड़की है. वह अपने पति के साथ वाराणसी के अस्सी घाट पर भेलपूरी की दुकान लगाती है.
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