वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय देश की सर्वविद्या की राजधानी माना जाता है. लेकिन, यहां पर कुछ भी सुरक्षित नहीं है. यहां की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होने के लाख दावे किए जाते हैं. लेकिन, हकीकत उलटे सामने है. आज बीएचयू के आयुर्वेद संकाय के द्रव्य विभाग से चंदन की बेशकीमती लकड़ियां चोरी होने का मामला सामने आया है. चीफ प्रॉक्टर ऑफिस की तरफ से लंका थाना में FIR दर्ज कराई गई है. लेकिन, ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है. कैंपस में छात्राओं की सुरक्षा से लेकर विश्वविद्यालय की संपत्ति की सुरक्षा पर सवाल उठते रहे हैं. इस चोरी की घटना के बाद से विश्वविद्यालय प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है.
चौकीदार दीपक ने कंट्रोल रूम को दी जानकारी: विश्वविद्यालय के आयुर्वेद संकाय के द्रव्य गुण विभाग से चंदन के पेड़ों की चोरी हुई है. इनकी कीमत लाखों में बताई जा रही है. चीफ प्रॉक्टर ऑफिस ने लंका पुलिस से इस मामले में लिखित शिकायत की है. शुक्रवार सुबह करीब 6 बजकर 15 मिनट पर चौकीदार दीपक ने कंट्रोल रूम को जानकारी दी कि विभाग के 3 बेशकीमती पेड़ गायब हो गए हैं. मौके पर उनकी लकड़ियां भी नहीं है. शिकायत मिलने के बाद प्रॉक्टरोरियल बोर्ड की टीम मौके पर पहुंची. जांच के बाद जब लकड़ियां और पेड़ नहीं पाए गए. चीफ प्रॉक्टर ने कहा है कि इस मामले में जांच की जा रही है.
सीसीटीवी फुटेज में दिखे तीन संदिग्ध: इस मालमे में द्रव्य गुण विभाग के विभागाध्यक्ष डीराम का कहना है कि विभाग में भोर के समय तीन से चार बजे के बीच में यह घटना हुई है. सीसीटीवी फुटेज में तीन संदिग्धों को देखा गया है. इन लोगों ने तीन चंदन के पेड़ काटे हैं. पेड़ के बीच का ही कुछ भाग ले गए हैं, बाकी सारा छोड़कर गए हैं. ये सभी आरोपी 22-24 साल की उम्र के लग रहे हैं. सीसीटीवी फुटेज को प्रॉक्टोरियल बोर्ड को देंगे. प्रॉक्टोरियल बोर्ड नियमानुसार जिला प्रशासन से इस बारे में शिकायत करेगा. हम चाहते हैं कि वे आरोपी पकड़े जाएं और उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई हो, जिससे कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों.
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इससे पहले भी चोरी हुई हैं चंदन के पेड़: लंका थाना पुलिस ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद मौके पर जांच शुरू कर दी गई है. जल्द ही मामले का पता लगा लिया जाएगा. बता दें कि विश्वविद्यालय में विभाग से चोरी होने का मामला कोई समान्य घटना नहीं है. प्रॉक्टोरियल बोर्ड दावा करता है कि पूरा कैंपस सीसीटीवी कैमरों से लैस है और सुरक्षा व्यवस्था काफी मजबूत है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि विश्वविद्यालय में इतनी संख्या में गार्ड और सीसीटीवी होने और सालभर में करोड़ों सुरक्षा पर खर्च होने के बाद भी चोरी की घटना कैसे हो रही है. इससे पहले भी द्रव्य गुण विभाग से चंदन के पेड़ों की चोरी हुई थी, जिसकी कीमत लगभग 50-60 लाख रुपये थी.
कैंपस में लगातार होती रहीं हैं चोरी की घटनाएं: बीते 6 महीने पहले छात्रों ने विश्वविद्यालय से ट्रैक्टर-ट्रॉली में सरिया और एलुमिनियम के प्लेट ले जाते हुए लोगों को पकड़ा था. इस मामले की शिकायत चीफ प्रॉक्टर से की गई थी. आरोप लगा कि प्रॉक्टोरियल बोर्ड और एक प्रोफेसर की मदद से ये छूट जा रहे हैं. वहीं, इसी साल मार्च में पुलिस ने बाइक चोर गिरोह को पकड़ा था जो बीएचयू सहित अन्य स्थानों से बाइक चुरा रहे थे. खुलासे में पता चला कि विश्वविद्यालय से भी कई बाइक चोरी की गई थी. इतना ही नहीं साल 2018 में आयुर्वेद संकाय के द्रव्यगुण विभाग स्थित उद्यान से चंदन के चार पेड़ काटकर चोर बाहर निकल गए थे. इस मामले की सुरक्षाकर्मियों को भनक तक नहीं लगी थी.
चप्पे-चप्पे पर तैनात हैं सुरक्षाकर्मी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है. इनकी संख्या इतनी है कि सुरक्षा व्यवस्था में ही सालभर में करोड़ों खर्च हो जाते होंगे. हर चौराहे पर आपको सुरक्षाकर्मी दिख जाएंगे. उसके बाद भी इस तरह की घटनाएं सुरक्षा पर सवाल खड़े करती हैं. कुछ दिन पहले ही कैंपस में एक प्रोफेसर की कुछ लड़कों ने पिटाई कर दी थी. इतना ही नहीं कैंपस में सेंट्रल लाइब्रेरी में भी छात्राओं ने छेड़खानी का आरोप लगाया था. कैंपस में भी इस तरह की घटनाएं होती रही हैं. ऐसे में देश के इतने बड़े विश्वविद्यालय में इस तरह की घटनाएं कई तरह के सवाल सामने लाकर रखती हैं.
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