ETV Bharat / state

फेल होता दिख रहा RTO का मास्टर प्लान, DL के मामले में फिसड्डी बनारस - case of driving license

वाराणसी में जनवरी से लेकर अक्टूबर तक 49 हजार वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ, लेकिन महज 16 हजार लोगों ने ही ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदन किया. गौरतलब है कि बनारस में लगातर ड्राइविंग लाइसेंस बनावाने वालों की संख्या कमी देखने को मिल रही है. पढ़ें ये स्पेशल रिपोर्ट.

Etv Bharat
driving license Varanasi
author img

By

Published : Nov 11, 2022, 3:09 PM IST

वाराणसीः बदलते बनारस में वाहनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. लेकिन, चौंकाने वाली बात यह है कि वाहनों की संख्या के अनुसार ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालों की संख्या में कमी देखी जा रही है. आरटीओ विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष में 49 हजार नए वाहन खरीदे गए. लेकिन महज 16 हजार लोगों ने ही लाइसेंस के लिए आवेदन किया है.

ड्राइविंग लाइसेंस के मामले में फिसड्डी हुआ बनारस.

जानकारी के अनुसार, वाहन मालिकों की सुविधा के लिए आरटीओ के ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के कार्यालय को शहर के मध्य के करौंदी इलाके में शिफ्ट किया गया है. ताकि ज्यादा संख्या में लोग यहां पहुंचकर अपना लाइसेंस बनवा सके. मगर इसका परिणाम उलटा देखने को मिल रहे हैं. लगभग 396 लाइसेंस बनाने की क्षमता वाले केंद्र पर महज 125 आवेदक पहुंच रहे हैं. इसमें करीब 30 फीसदी आवेदक टेस्ट में फेल हो जा रहे हैं.

लाइसेंस बनाने में फिसड्डी बनारसः हैरान करने वाली बात यह है कि प्रशासन की ओर से प्रतिदिन चेकिंग अभियान भी चलाया जाता है. इससे लोगों को नियमों व आवश्यक कागजों के विषय में जागरूक किया जा सके. मगर इन सबके बावजूद शहर लाइसेंस के मामले में फिसड्डी है. इस बारे में आरआई सिद्धू कुमार ने बताया कि लगभग 1 साल पहले स्थाई ड्राइवर लाइसेंस की प्रक्रिया को बाबतपुर कार्यालय और चौकाघाट संकुल से हटा करके करौदी में बनाए गए. इस ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में शिफ्ट कर दिया गया था. यहां पर आधुनिक सुविधाओं के साथ कोई भी व्यक्ति डीएल (ड्राइविंग लाइसेंस ) बनवा सकता है.

उन्होंने बताया कि, यहां ड्राइविंग लाइसेंस के लिए प्रक्रिया पूरी करने की क्षमता 396 है, लेकिन वर्तमान में महज 100 से लेकर के 125 व्यक्ति ही लाइसेंस के आवेदन के लिए आ रहे हैं. संख्या में कमी को देखते हुए बीच में स्लॉट को कम करके 180 आवेदकों के लिए सीमित कर दिया गया था. मगर, बाबतपुर और चौकाघाट के निर्धारित 396 आवेदन का स्लॉट फिर से यहां लागू कर दिया गया है. बावजूद इसके लाइसेंस बनवाने वालों की संख्या में कमी देखी जा रही है.

आरआई सिद्धू ने बताया कि यहां पर नियमत 200 के लगभग डीएल बनवाने के लिए आवेदन आना चाहिए. विभाग की ओर से भी लगातार जागरूकता अभियान संचालित किया जा रहा है. समय-समय पर अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. हम लगातार अपील भी कर रहे हैं कि लोग आकर के ज्यादा से ज्यादा संख्या में अपने लाइसेंस को बनवाएं.

सख्ती से बनवाया जा रहा लाइसेंसः बता दे कि चौकाघाट - बाबतपुर में दलाल व अन्य माध्यमों से भी लोग डीएल बनवाने की प्रक्रिया का प्रयोग करते थे. लेकिन, इस सेंटर पर यातायात नियमों के अनुसार वाहन चलाकर के परीक्षा देनी हो रही है. हर व्यक्ति की परीक्षा निर्धारित अधिकारी के द्वारा ली जा रही है. इस वजह से लोग कम संख्या में आवेदन कर रहे हैं और इसके साथ ही लगभग 30 फीसदी लोग लाइसेंस बनाने की परीक्षा में फेल भी हो रहे हैं.

49 हजार वाहनों पर 16 हजार ही लाइसेंस आवेदनः जनवरी से लेकर के अक्टूबर तक के आंकड़ों की बात करें तो वाराणसी में 49000 वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ है. जिनमें महज 16000 लोगों ने ही लाइसेंस बनवाने का आवेदन किया है. बड़ी बात यह है कि, जब डीएल बनवाने की सुविधा शहर से दूर थी तब वहां पर 1 सप्ताह तक का बैकलॉग चल रहा था. लेकिन, जब से इस प्रक्रिया को शहर के बीच करौदी में शिफ्ट कर दिया गया है. यहां पर डीएल के लिए आवेदन की संख्या में कमी देखने को मिल रही है.

ये भी पढ़ेंः मेरठ की अर्चना गौतम को बिग बॉस से बाहर करने पर फैंस नाराज, जानिए घर से बेघर होने की असली वजह

वाराणसीः बदलते बनारस में वाहनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. लेकिन, चौंकाने वाली बात यह है कि वाहनों की संख्या के अनुसार ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालों की संख्या में कमी देखी जा रही है. आरटीओ विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष में 49 हजार नए वाहन खरीदे गए. लेकिन महज 16 हजार लोगों ने ही लाइसेंस के लिए आवेदन किया है.

ड्राइविंग लाइसेंस के मामले में फिसड्डी हुआ बनारस.

जानकारी के अनुसार, वाहन मालिकों की सुविधा के लिए आरटीओ के ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के कार्यालय को शहर के मध्य के करौंदी इलाके में शिफ्ट किया गया है. ताकि ज्यादा संख्या में लोग यहां पहुंचकर अपना लाइसेंस बनवा सके. मगर इसका परिणाम उलटा देखने को मिल रहे हैं. लगभग 396 लाइसेंस बनाने की क्षमता वाले केंद्र पर महज 125 आवेदक पहुंच रहे हैं. इसमें करीब 30 फीसदी आवेदक टेस्ट में फेल हो जा रहे हैं.

लाइसेंस बनाने में फिसड्डी बनारसः हैरान करने वाली बात यह है कि प्रशासन की ओर से प्रतिदिन चेकिंग अभियान भी चलाया जाता है. इससे लोगों को नियमों व आवश्यक कागजों के विषय में जागरूक किया जा सके. मगर इन सबके बावजूद शहर लाइसेंस के मामले में फिसड्डी है. इस बारे में आरआई सिद्धू कुमार ने बताया कि लगभग 1 साल पहले स्थाई ड्राइवर लाइसेंस की प्रक्रिया को बाबतपुर कार्यालय और चौकाघाट संकुल से हटा करके करौदी में बनाए गए. इस ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में शिफ्ट कर दिया गया था. यहां पर आधुनिक सुविधाओं के साथ कोई भी व्यक्ति डीएल (ड्राइविंग लाइसेंस ) बनवा सकता है.

उन्होंने बताया कि, यहां ड्राइविंग लाइसेंस के लिए प्रक्रिया पूरी करने की क्षमता 396 है, लेकिन वर्तमान में महज 100 से लेकर के 125 व्यक्ति ही लाइसेंस के आवेदन के लिए आ रहे हैं. संख्या में कमी को देखते हुए बीच में स्लॉट को कम करके 180 आवेदकों के लिए सीमित कर दिया गया था. मगर, बाबतपुर और चौकाघाट के निर्धारित 396 आवेदन का स्लॉट फिर से यहां लागू कर दिया गया है. बावजूद इसके लाइसेंस बनवाने वालों की संख्या में कमी देखी जा रही है.

आरआई सिद्धू ने बताया कि यहां पर नियमत 200 के लगभग डीएल बनवाने के लिए आवेदन आना चाहिए. विभाग की ओर से भी लगातार जागरूकता अभियान संचालित किया जा रहा है. समय-समय पर अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. हम लगातार अपील भी कर रहे हैं कि लोग आकर के ज्यादा से ज्यादा संख्या में अपने लाइसेंस को बनवाएं.

सख्ती से बनवाया जा रहा लाइसेंसः बता दे कि चौकाघाट - बाबतपुर में दलाल व अन्य माध्यमों से भी लोग डीएल बनवाने की प्रक्रिया का प्रयोग करते थे. लेकिन, इस सेंटर पर यातायात नियमों के अनुसार वाहन चलाकर के परीक्षा देनी हो रही है. हर व्यक्ति की परीक्षा निर्धारित अधिकारी के द्वारा ली जा रही है. इस वजह से लोग कम संख्या में आवेदन कर रहे हैं और इसके साथ ही लगभग 30 फीसदी लोग लाइसेंस बनाने की परीक्षा में फेल भी हो रहे हैं.

49 हजार वाहनों पर 16 हजार ही लाइसेंस आवेदनः जनवरी से लेकर के अक्टूबर तक के आंकड़ों की बात करें तो वाराणसी में 49000 वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ है. जिनमें महज 16000 लोगों ने ही लाइसेंस बनवाने का आवेदन किया है. बड़ी बात यह है कि, जब डीएल बनवाने की सुविधा शहर से दूर थी तब वहां पर 1 सप्ताह तक का बैकलॉग चल रहा था. लेकिन, जब से इस प्रक्रिया को शहर के बीच करौदी में शिफ्ट कर दिया गया है. यहां पर डीएल के लिए आवेदन की संख्या में कमी देखने को मिल रही है.

ये भी पढ़ेंः मेरठ की अर्चना गौतम को बिग बॉस से बाहर करने पर फैंस नाराज, जानिए घर से बेघर होने की असली वजह

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.