वाराणसी : कैंट से गोदौलिया के बीच प्रस्तावित रोपवे के पायलट प्रोजेक्ट को प्रदेश सरकार ने हरी झंडी दे दी है. पांच किलोमीटर लंबी इस परियोजना पर खर्च होने वाले 424 करोड़ रुपये का पूरा खाका भारत सरकार की सहयोगी कंपनी वैपकॉस ने तैयार कर दिया है. लखनऊ और वाराणसी के अधिकारियों के बीच हुई वर्चुअल बैठक में इस परियोजना को धरातल पर उतारने की सहमति बन गई है.
मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया कि वर्चुअल बैठक में रोपवे परियोजना को सहमति दी गई है. इस पर शासन के निर्देश पर आगे का निर्णय लिया जाएगा. 31 अगस्त तक परियोजना का पूरा खाका तैयार कर लिया जाएगा.
कैंट से गोदौलिया के बीच पांच किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना में चार स्टेशन बनाए जाएंगे. कैंट स्टेशन से इसकी शुरुआत होगी और साजन तिराहा, रथयात्रा पर ठहराव के विकल्प के बाद गोदौलिया पर अंतिम स्टेशन होगा. प्रतिदिन सात से 10 हजार यात्रियों को इससे लाभ होने की उम्मीद है. सर्वे करने वाले एजेंसी ने आंकलन किया है कि इस परियोजना से शहर के विभिन्न मार्गों पर जाम की समस्या का निदान हो जाएगा.
दरअसल, मेट्रो परियोजना में आ रही अड़चन के चलते शहर में रोपवे संचालन का विकल्प दिया गया था. इसमें वाराणसी कैंट से गोदौलिया के बीच पहले रोपवे लाइन के पायलट प्रोजेक्ट का प्रस्ताव दिया गया है. इसमें 31 अगस्त तक इस परियोजना पर खर्च होने वाली धनराशि में भारत सरकार और प्रदेश सरकार की हिस्सेदारी पर निर्णय कर लिया जाएगा.
माना जा रहा है कि इसी साल बनारस को रोपवे की सौगात मिल जाएगी. पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर पूरी होने वाली इस परियोजना में वैबिलिटी गैप फंडिंग का भी आंकलन किया जाएगा. इसमें बताया गया कि परियोजना में लागत लगने के बाद उसकी आय और मेंटेनेंस पर भी कार्ययोजना बनाई जाएगी.