वाराणसी: पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश और राजस्थान समेत मध्य प्रदेश में जल प्रलय की स्थिति के बाद अब चंबल बेतवा और गंगा के अन्य सहायक नदियों में हो बढ़ोतरी हो रही है. जिसकी वजह से लगातार अलग-अलग राज्यों में खोले जा रहे बांधों के कारण वाराणसी में गंगा के जलस्तर में बहुत तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. हालात ये है कि वाराणसी में गंगा गुरुवार दोपहर 2:00 बजे वार्निंग लेवल 70.26 मीटर के स्तर को पार करते हुए 70.33 मीटर के जल स्तर पर बह रही है. 5 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा में बढ़ोतरी जारी है, जो शाम या कल सुबह तक गंगा को खतरे के निशान के करीब भी पहुंचा देगा. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी प्रसासन से फोन के जरिए बाढ़ के हालात की जानकारी ली है.
वाराणसी में गंगा के जलस्तर में बीते लगभग 1 महीने से बढ़ोतरी के बाद कुछ दिनों तक शांत हुई थी. जिससे गंगा का जलस्तर नीचे जाना शुरू हो गया था. लेकिन राजस्थान समेत उत्तराखंड में हो रही लगातार भारी बारिश का असर गंगा समेत उसकी सहायक नदियों पर पड़ रहा है. राजस्थान और मध्य प्रदेश में बारिश के बाद लगातार बांध खोले जा रहे हैं. जिसकी वजह से गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी जारी है. वाराणसी में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 71.26 मीटर के करीब पहुंच चुका है. जबकि वार्निंग लेबल 70.26 मीटर से ऊपर 70.33 मीटर पर गंगा बह रही है. यानी वार्निंग लेवल से लगभग 7 सेंटीमीटर ऊपर गंगा का पानी वाराणसी में वर्तमान समय में है.
केंद्रीय जल आयोग (Central Water Commission) के अधिकारियों का कहना है कि गंगा के जलस्तर में मौजूदा समय में कमी संभव ही नहीं है. क्योंकि गंगा और उसकी सहायक नदियों में लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. इस पानी आने की वजह से 5 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है. जो अपने वास्तविक स्तर से काफी तेज है. यदि 5 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा में बढ़ोतरी होती है तो गुरुवार की रात तक गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच जाएगा.
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गंगा के लगातार बढ़ोतरी का असर गंगा के घाटों, सड़कों और गलियों में भी दिखने लगा है. दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट पर गंगा का पानी सीढ़ियों से होता हुआ सड़क तक पहुंचने वाला है. अस्सी घाट पर पानी सड़क और गलियों में पहुंच भी चुका है. दशाश्वमेध घाट पर के रास्तों से गंगा लोगों के घरों में घुसने को तैयार हैं. बनारस में गंगा का यह तीव्र वेग और खतरनाक बढोतरी लोगों को डरा रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने वाराणसी प्रशासन से फोन के जरिए बाढ़ के हालात के बारे में जानकारी हासिल की है. इस दौरान प्रधानमंत्री ने मंडलायुक्त से गंगा और वरुणा नदी में बढ़ते जल स्तर और उसकी वजह से लोगों के विस्थापन पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने अधिकारियों को लोगों की सभी संभव सहायता त्वरित रूप से करने हेतु निर्देशित किया है. किसी भी विशेष सहायता की आवश्यकता महसूस हो तो उन्हें सीधे अवगत कराने हेतु भी कहा गया है. मंडलायुक्त द्वारा उन्हें पिछले दिनों से लगातार बढ़ते नदियों के जल स्तर से राहत शिविरों की व्यवस्था और प्रशासनिक तैयारियों की जानकारी दी गई है.
मण्डलायुक्त ने शरणार्थियों का हालचाल जाना
वहीं, वाराणसी में बाढ़ पर मण्डलायुक्त दीपक अग्रवाल (Divisional Commissioner Deepak Agarwal) तथा जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा (DM Kaushal Raj Sharma) द्वारा गुरुवार को सरैया तथा ढ़ेलवरिया क्षेत्र में बाढ़ चौकियों का निरीक्षण किया गया. प्राथमिक विद्यालय सरैया नगर क्षेत्र के बाढ़ राहत शिविर में 44 परिवारों समेत लगभग 300 लोगों ने शरण लिया है. इसी प्रकार ढ़ेलवरिया के प्राथमिक विद्यालय व अन्य आसपास के बाढ़ राहत शिविरों में लगभग 15 परिवारों के 65 लोगों ने शरण लिया हुआ है. मण्डलायुक्त ने शरणार्थियों से उनका हालचाल लिया. उन्होंने सदस्यों से हालचाल पूछा और भोजन मिलने की जानकारी लेकर अपने सामने ही भोजन वितरित कराया. जिलाधिकारी ने कमरों में दरी बिछाने और सफाई कर्मचारी द्वारा नियमित सफाई कराने के निर्देश दिए गए. इसके अलावा राहत शिविरों पर बैनर लगाने के लिए भी कहा गया है.
मंडल स्तर पर टीम गठन
वहीं प्रदेश सरकार के जल शक्ति मंत्री (water power minister) स्वतंत्रदेव सिंह (Swatantradev Singh) के निर्देश पर गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय ने बाढ़ग्रस्त इलाकों में मदद के लिए मंडल स्तर पर टीम गठित किया. गुरुवार को गुलाब बाग कार्यालय में संपन्न परिचयात्मक बैठक में सभी मंडल अध्यक्षों को निर्देश दिया कि बैठक के बाद तत्काल अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर दौरा करें तथा पूरी जानकारी मुझे दें. बाढ़ के हालात को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने भी कार्यकर्ताओं की टीम तैयार कर दी है. जिसमें अलग-अलग इलाकों में कार्यकर्ताओं को लोगों की मदद के लिए लगाया गया है. उन्होंने बताया कि संबंधित क्षेत्रों के मंडल अध्यक्ष के नेतृत्व में 24 घंटे कार्यकर्ता बाढ़ पीड़ितों की सेवा करने में जुटे रहेंगे.
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