वाराणसी : अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. इस दिन भगवान राम के बाल स्वरूप को गर्भ गृह में स्थापित किया जाएगा. काशी के विद्वान पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ की तरफ से 84 सेकेंड का मुहूर्त प्राण प्रतिष्ठा के लिए निकाला गया है. कई बड़े ग्रह का एक साथ होना इस मुहूर्त को खास बना रहा है. इस मुहूर्त में जन्म लेने वाले बच्चे भी खास होंगे. इस मुहूर्त में अपने बच्चे की डिलीवरी कराने के लिए काफी लोग प्रयासरत हैं. विशेष बुकिंग कर डॉक्टर से परामर्श भी ले रहे हैं. प्रख्यात ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी ने ईटीवी भारत से इस मामले पर खास बातचीत की.
इसलिए बन रहा अद्भुत संयोग : ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी ने बताया कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के लिए निकाला गया 84 सेकेंड का विशेष मुहूर्त 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकेंड से लेकर 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकेंड तक है. इस मुहूर्त में मेष लग्न और मिथुन राशि में जन्म लेने वाला बच्चा अपने आप में अति उत्तम माना जाता है. मृगशिरा नक्षत्र और चंद्र का साथ होना एक राज योग का निर्माण कर रहा है. उस समय की जो ग्रह स्थिति है बृहस्पति के साथ शनि और कई अन्य ग्रह अपने उच्च योग पर होंगे, क्योंकि बृहस्पति अपने आप में सब ग्रहों का गुरु माना जाता है और जब बृहस्पति उच्च स्थान पर होता है तो उसे महाराजाधिराज योग माना जाता है.
किया गया हर कार्य होगा उत्तम : पंडित ऋषि द्विवेदी ने बताया कि 84 सेकंड के इस मुहूर्त में इंद्रयोग अभिजीत मुहूर्त के साथ ही मेष लग्न और मृगशिरा नक्षत्र के साथ चंद्रमा का सहयोग और एक दिन पहले ही पूर्ण होने वाला एकादशी का दिन इस पूरे सहयोग को और भी अद्भुत बना देगा. जो भी कार्य इस समय किया जाएगा वह अति उत्तम दिशा में आगे बढ़ेगा. लोगों की तरफ से यदि इस दिन अपने नए मेहमान के स्वागत की तैयारी है तो वह अति उत्तम कार्य है. ऐसा योग यदा कदा ही मिलता है. इस वक्त यदि प्लान करके घर में नए मेहमान के आगमन के कार्य को पूर्ण किया जाएगा तो उसे मेहमान यानी नन्हे बच्चे का भविष्य भी अति उत्तम होगा. उसे जीवन में कभी किसी कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा. जो भी इच्छाएं होंगी वह सोचने के साथ ही पूर्ण होंगी. शिक्षा से लेकर व्यापार और अन्य चीजों में भी अति उत्तम दिशा में कार्य आगे बढ़ेगा.
अति उत्तम स्थिति में होंगे नक्षत्र : पंडित द्विवेदी ने बताया कि ऐसी स्थिति में अति उत्तम योग में इस 84 सेकंड के अंदर यदि कोई भी बालक या बालिका जन्म लेता है तो उसकी कुंडली में कई नक्षत्र अपने अति उत्तम स्थिति में होंगे. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि इस समय कई बड़े राजयोग को मिलाकर महाराज योग वाला समय होगा. इस समय जो भी बच्चे जन्म लेंगे. वह बच्चे अपने जीवन में गौरव को प्रभु को ऐश्वर्या को प्राप्त करते हुए महाराजाधिराज योग इस वक्त पैदा हुए बच्चों में बनेगा.
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