वाराणसी: सामाजिक संस्था सुबह ए बनारस क्लब के बैनर तले लोगों ने सोमवार को विशेश्वरगंज चौराहे पर प्रदर्शन किया. प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत जन औषधि केंद्रों पर घोषित सभी जेनेरिक दवाओं को उपलब्ध कराने की मांग की है.
शुगर और ब्लड प्रेशर के ज्यादातर लोग है शिकार
संस्था के अध्यक्ष मुकेश जायसवाल का कहना था कि भारत में शुगर एवं ब्लड प्रेशर ऐसा रोग है, जिसके ज्यादातर लोग शिकार हैं. चाहे वह अमीर हो या गरीब, केंद्र सरकार के अधीन में रहते हुए, दवा की कंपनियां लगातार इसमें वृद्धि करती जा रही हैं. मरीजों को सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पूरे देश में प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत सस्ती जेनेरिक दवा की कई दुकानें खोली गई. जनपद में सरकारी अस्पतालों समेत लगभग 20 जगहों पर जन औषधि केंद्र खोले गए हैं, लेकिन जन औषधि केंद्र पर सभी घोषित दवाइयां उपलब्ध नहीं हो पा रही है.
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मांग थी कि अंग्रेजी दवाओं में जीवन रक्षक सहित ऐसे कई दवाएं जो कि केंद्र सरकार के अधीन में है, जिसमें शुगर, ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी, की दवाओं सहित 364 दवाएं सम्मिलित है. उसमें हो रहे वृद्धि से आम जनता नाराज है.
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ब्लड प्रेशर और शुगर की दवा का अभाव
प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना था कि मानक के अनुसार यहां 650 दवाइयां होनी चाहिए मगर किसी भी केंद्र पर 150 से ज्यादा दवाइयां नहीं है. ब्लड प्रेशर एवं शुगर की दवा का बराबर अभाव बना हुआ रहता है. उच्च गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं बाजार मूल्य से कम दर पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री जन औषधि योजना का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 जुलाई 2015 को शुभारंभ किया था.
कागजों तक ही सिमट गया लाभ
योजना की शुरुआत के बाद पूरे देश में हजारों जन औषधि केंद्र खोले गए, लेकिन इसका लाभ केवल कागजों तक ही सिमट कर रह गया. शहर में मंडलीय अस्पताल कबीर चौरा, दीनदयाल अस्पताल, रामनगर अस्पताल, समेत लगभग 20 जगहों पर जन औषधि केंद्र खुले हैं, लेकिन यहां दवाओं का अभाव है. ज्ञात हो कि गरीब मरीजों को दिन प्रतिदिन महंगी होती जा रही. अंग्रेजी दवाओं के विकल्प के रूप में सस्ती जेनेरिक दवा उपलब्ध कराने की सरकार की मनसा पूर्ण रूप से जेनेरिक दवा ना मिलने के कारण विफल साबित हो रही है.