वाराणसी: सोमवार को चंद्रशेखर आज़ाद पार्क में काशी रेडिमेड गारमेंट्स एसोसिएशन की तरफ से विरोध प्रदर्शन किया गया. यह प्रदर्शन कपड़े, रेडीमेड व जूतों पर जीएसटी बढ़ाए जाने के विरोध में किया गया. व्यापारियों ने बताया कि हाल ही में वित्त मंत्री की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसलिंग की बैठक में एक हजार तक के रेडीमेड कपड़ों व फुटवियर की दरों में परिवर्तन किया गया है. 1 जनवरी 2022 से जीएसटी 5% से बढ़ाकर 12% करने का कानून बनाया गया है.
व्यापारियों ने बताया कि जीएसटी की दरों में परिवर्तन से खुदरा व थोक विक्रेताओं के व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. इससे पहले से ही कमजोर व्यापार और कमजोर हो जाएगा. कहा कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन की मार सबसे ज्यादा छोटे व मध्यम वर्ग के व्यापारियों को फर्क पड़ा है. देश की आबादी का एक बहुत बड़ा वर्ग इसी श्रेणी के परिधान व फुटवियर खरीदता है.
महानगर उद्योग व्यापार समिति के अध्यक्ष प्रेम मिश्रा ने बताया कि दो साल पहले जीएसटी की विषमताओं व कठिनाइयों को देखते हुए इन वस्तुओं पर टैक्स की दरों में 12 व 18% से घटाकर 5% किया गया था. इस निर्णय के चलते संग्रह और बिक्री में भारी वृद्धि देखी गई थी. इसके चलते कई कंपनियों को बाध्य होकर एक हजार रुपये तक एमआरपी (MRP) के अंदर उत्पाद बनाने के लिए मजबूर होना पड़ा था. सरकार की तरफ से दी गई इस छूट से निर्माता, व्यापारी व आम जनता सभी को काफी लाभ हुआ था.
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कहा अचानक टैक्स की पुरानी दरों पर पहुंचा दिया गया जोकि निर्माता, व्यापारी व जनता लिए कष्टकारी है. कहा कानून के लागू होने के बाद व्यापारियों को 1 जनवरी 2022 तक बचे हुए स्टॉक पर अपने पास से बढ़ी हुई जीएसटी का भुगतान करना होगा. यह प्रक्रिया न्यायसंगत नही है. कहा संगठन इस बढ़ोतरी का कड़ा विरोध करता है.
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