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काशी में कल होगा मणि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का शुभारंभ

यूपी के वाराणसी में दुर्गाकुंड स्थित धर्म संघ के भव्य मणि मंदिर में 23 फरवरी से 28 फरवरी तक प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया गया है. इसमें 33 यज्ञ कुंड में 25 लाख आहुतियां 200 वैदिक भूदेवो द्वारा मंत्रोच्चार के साथ दी जाएंगी.

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Published : Feb 22, 2020, 5:39 PM IST

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कल होगा मणि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का शुभारंभ.

वाराणसी: मंदिरों के शहर कहे जाने वाले बनारस में रविवार को एक और नया अध्याय जुड़ जाएगा. दुर्गाकुंड स्थित धर्म संघ में भव्य मणि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का शुभारंभ 23 फरवरी से प्रारंभ होकर 28 फरवरी को प्राण प्रतिष्ठा के साथ मंदिर दर्शनार्थियों के लिए खोला जाएगा. इस दौरान प्रतिदिन अति रूद्र महायज्ञ के साथ विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा.

मणि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का शुभारंभ कल होगा.

ये है मंदिर की खासियत
सनातन धर्म का पूरी दुनिया में प्रचार करने वाले धर्म सम्राट करपात्री जी महाराज की परिकल्पना अब साकार हो रही है. 43 हजार वर्गफीट में बने विशाल मंदिर के मुख्य गर्भगृह में भगवान श्रीराम, लक्ष्मण, जानकी सहित पूरा दरबार विराजमान है. उसके ठीक दाहिनी और स्फटिक के बने द्वादश ज्योतिर्लिंग का दर्शन होगा. धर्मसंघ पीठाधीश्वर ने बताया कि इस मंदिर के निर्माण में आस्था एवं वास्तु को दृष्टिगत रखा गया. विग्रहों की स्थापना की गई है. मंदिर में अग्नि कोण में भगवान सूर्य, वायब्य कोण में मां दुर्गा, ईशान कोण में राधा कृष्ण एवं भंडार कुंड में प्रवेश गणेश का विग्रह स्थापित किया गया है. मंदिर की खास बात यह है कि यहां 151 नर्मदेश्वर शिवलिंग के दर्शन तो होंगे साथ ही 10 माह विद्या, अर्धनारीश्वर, लक्ष्मी नारायण, काल भैरव, मां अन्नपूर्णा, हनुमान विग्रह के भी दर्शन होंगे. इसके अलावा दो पारदेश्वर महादेव का भी दर्शन होगा.

ऐसे होगा अनुष्ठान
33 यज्ञ कुंड में 25 लाख आहुतियां 200 वैदिक भूदेवो द्वारा मंत्रोच्चार के साथ दी जाएंगी. इसके अलावा 27 फरवरी को नगर भ्रमण का होगा. 28 फरवरी को यज्ञ पूर्णाहुति के साथ प्राण प्रतिष्ठित समारोह आयोजित किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें-वाराणसी: उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने निर्माणाधीन कार्यों का किया निरीक्षण

23 फरवरी से 28 फरवरी तक मणि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया गया है. जिसमें भगवान शंकर का स्फटिक का शिवलिंग है. इस शिवलिंग का पूजा करने का बड़ा महत्व बताया गया है. हर प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती है. इसमें देश के कोने-कोने से भक्तगण सम्मिलित होंगे. धर्म सम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज की परिकल्पना भी साकार होगी.
-स्वामी शंकरदेव चैतन्य ब्रह्मचारी, धर्मसंघ पीठाधीश्वर

वाराणसी: मंदिरों के शहर कहे जाने वाले बनारस में रविवार को एक और नया अध्याय जुड़ जाएगा. दुर्गाकुंड स्थित धर्म संघ में भव्य मणि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का शुभारंभ 23 फरवरी से प्रारंभ होकर 28 फरवरी को प्राण प्रतिष्ठा के साथ मंदिर दर्शनार्थियों के लिए खोला जाएगा. इस दौरान प्रतिदिन अति रूद्र महायज्ञ के साथ विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा.

मणि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का शुभारंभ कल होगा.

ये है मंदिर की खासियत
सनातन धर्म का पूरी दुनिया में प्रचार करने वाले धर्म सम्राट करपात्री जी महाराज की परिकल्पना अब साकार हो रही है. 43 हजार वर्गफीट में बने विशाल मंदिर के मुख्य गर्भगृह में भगवान श्रीराम, लक्ष्मण, जानकी सहित पूरा दरबार विराजमान है. उसके ठीक दाहिनी और स्फटिक के बने द्वादश ज्योतिर्लिंग का दर्शन होगा. धर्मसंघ पीठाधीश्वर ने बताया कि इस मंदिर के निर्माण में आस्था एवं वास्तु को दृष्टिगत रखा गया. विग्रहों की स्थापना की गई है. मंदिर में अग्नि कोण में भगवान सूर्य, वायब्य कोण में मां दुर्गा, ईशान कोण में राधा कृष्ण एवं भंडार कुंड में प्रवेश गणेश का विग्रह स्थापित किया गया है. मंदिर की खास बात यह है कि यहां 151 नर्मदेश्वर शिवलिंग के दर्शन तो होंगे साथ ही 10 माह विद्या, अर्धनारीश्वर, लक्ष्मी नारायण, काल भैरव, मां अन्नपूर्णा, हनुमान विग्रह के भी दर्शन होंगे. इसके अलावा दो पारदेश्वर महादेव का भी दर्शन होगा.

ऐसे होगा अनुष्ठान
33 यज्ञ कुंड में 25 लाख आहुतियां 200 वैदिक भूदेवो द्वारा मंत्रोच्चार के साथ दी जाएंगी. इसके अलावा 27 फरवरी को नगर भ्रमण का होगा. 28 फरवरी को यज्ञ पूर्णाहुति के साथ प्राण प्रतिष्ठित समारोह आयोजित किया जाएगा.

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23 फरवरी से 28 फरवरी तक मणि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया गया है. जिसमें भगवान शंकर का स्फटिक का शिवलिंग है. इस शिवलिंग का पूजा करने का बड़ा महत्व बताया गया है. हर प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती है. इसमें देश के कोने-कोने से भक्तगण सम्मिलित होंगे. धर्म सम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज की परिकल्पना भी साकार होगी.
-स्वामी शंकरदेव चैतन्य ब्रह्मचारी, धर्मसंघ पीठाधीश्वर

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