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वाराणसी: लोगों की जेब पर डाका डाल रहा स्मार्ट मीटर

वैश्विक महामारी को कोरोना के कारण जहां लोग ठप हो पड़े व्यापार से पहले से ही परेशान हैं, तो वहीं दूसरी ओर पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बिजली विभाग का स्मार्ट मीटर लोगों को अलग दर्द दे रहा है. वाराणसी के लोगों की माने तो बिजली विभाग का स्मार्ट मीटर लोगों की जेब पर डाका डाल रहा है.

स्मार्ट मीटर से बढ़ रखा जेब का खर्च.
स्मार्ट मीटर से बढ़ रखा जेब का खर्च.
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Published : Oct 18, 2020, 9:49 AM IST

वाराणसी: पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में स्मार्ट मीटर लोगों को दर्द दे रहा है. जहां एक तरफ लोग वैश्विक महामारी कोरोना के कारण ठप हो चुके कारोबार से चिंतित हैं तो वहीं दूसरी ओर बिजली विभाग का स्मार्ट मीटर भी उनको परेशान कर रहा है. वाराणसी के लोगों की माने तो बिजली विभाग का स्मार्ट मीटर उनकी जेब ढीली कर रहा है.

स्मार्ट मीटर से बढ़ रखा जेब का खर्च.

स्थानीय रविकांत विश्वकर्मा ने बताया कि जब शहर में आईपीडीएस के तहत बिजली के तारों को अंडरग्राउंड किया गया तो लगा कि लोगों को काफी राहत मिलेगी. लेकिन इसी के साथ-साथ स्मार्ट मीटर लगने से लोगों की परेशानी बढ़ गई. क्योंकि स्मार्ट मीटर लगने के पहले जहां बिल 500 से 1800 रुपया आया करता था, अब वहीं बिजली बिल 2000 और 4800 रुपये आ रहा है. यह बहुत हास्यपद बात है कि परिवार में वही व्यक्ति, वही संसाधन लेकिन बिल में इतने का परिवर्तन कैसे हो गया.

अनिल शर्मा ने कहा कि स्मार्ट मीटर लगने के कारण बिजली का बिल तीन गुना आ रहा आ रहा है. महीने की आधी कमाई सिर्फ बिजली देने में जा रही है. इसकी शिकायत भी लगातार विभाग की जाती है, लेकिन सुनवाई नहीं होती. अनिल शर्मा ने कहा कि पहले हम लोगों के घर की बिजली की बिल 500 से एक हजार रुपये के बीच आती थी. लेकिन अब तीन से चार हजार रुपये बिजली का बिल आ रहा है.

वहीं दुकानदार कुलभूषण अग्रहरी ने बताया कि जब स्मार्ट मीटर नहीं लगा था तब बिजली का बिल 500 रुपये के अंदर आता था. लेकिन अब वहीं स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिल 1000 रुपये के ऊपर आता है. उन्होंने आगे कहा कि जब बढ़े हुए बिजली का बिल लेकर हम भी भाग जाते हैं तब कोई संतोषजनक जवाब भी नहीं मिलता. शासन प्रशासन से निवेदन है कि इस पर ध्यान दें.

वाराणसी: पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में स्मार्ट मीटर लोगों को दर्द दे रहा है. जहां एक तरफ लोग वैश्विक महामारी कोरोना के कारण ठप हो चुके कारोबार से चिंतित हैं तो वहीं दूसरी ओर बिजली विभाग का स्मार्ट मीटर भी उनको परेशान कर रहा है. वाराणसी के लोगों की माने तो बिजली विभाग का स्मार्ट मीटर उनकी जेब ढीली कर रहा है.

स्मार्ट मीटर से बढ़ रखा जेब का खर्च.

स्थानीय रविकांत विश्वकर्मा ने बताया कि जब शहर में आईपीडीएस के तहत बिजली के तारों को अंडरग्राउंड किया गया तो लगा कि लोगों को काफी राहत मिलेगी. लेकिन इसी के साथ-साथ स्मार्ट मीटर लगने से लोगों की परेशानी बढ़ गई. क्योंकि स्मार्ट मीटर लगने के पहले जहां बिल 500 से 1800 रुपया आया करता था, अब वहीं बिजली बिल 2000 और 4800 रुपये आ रहा है. यह बहुत हास्यपद बात है कि परिवार में वही व्यक्ति, वही संसाधन लेकिन बिल में इतने का परिवर्तन कैसे हो गया.

अनिल शर्मा ने कहा कि स्मार्ट मीटर लगने के कारण बिजली का बिल तीन गुना आ रहा आ रहा है. महीने की आधी कमाई सिर्फ बिजली देने में जा रही है. इसकी शिकायत भी लगातार विभाग की जाती है, लेकिन सुनवाई नहीं होती. अनिल शर्मा ने कहा कि पहले हम लोगों के घर की बिजली की बिल 500 से एक हजार रुपये के बीच आती थी. लेकिन अब तीन से चार हजार रुपये बिजली का बिल आ रहा है.

वहीं दुकानदार कुलभूषण अग्रहरी ने बताया कि जब स्मार्ट मीटर नहीं लगा था तब बिजली का बिल 500 रुपये के अंदर आता था. लेकिन अब वहीं स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिल 1000 रुपये के ऊपर आता है. उन्होंने आगे कहा कि जब बढ़े हुए बिजली का बिल लेकर हम भी भाग जाते हैं तब कोई संतोषजनक जवाब भी नहीं मिलता. शासन प्रशासन से निवेदन है कि इस पर ध्यान दें.

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