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वाराणसी: निजी अस्पताल में वेंटिलेटर न मिलने से मरीज ने तोड़ा दम

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जो चौंकाने वाली है. यहां एक मरीज की वेंटिलेटर न मिलने के चलते मौत हो गई. मरीज ने कई अस्पतालों के चक्कर लगाए, लेकिन कहीं भी वेंटिलेटर नहीं मिला.

patient dies due to lack of ventilator in varanasi
वाराणसी में वेंटिलेटर न मिलने से मरीज की मौत.
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Published : Sep 7, 2020, 12:26 PM IST

वाराणसी: सरकार भले ही स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर नए-नए वादे करती हो और जनता को हर सुविधाएं देने की बात करती हो, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है. लोगों को सही समय पर सही इलाज नहीं मिल पा रहा है. यही वजह है कि लोगों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटकना पड़ रहा है. ताजा मामला रविंद्रपुरी का है, जहां के रहने वाले विजय भट्टाचार्य (45) की समय पर वेंटिलेटर न मिलने की वजह से मौत हो गई.

महत्वपूर्ण बिंदु

  • स्वास्थ्य सुविधाओं की खुली पोल.
  • वेंटिलेटर ने मिलने से मरीज ने तोड़ा दम.
  • मरीज न्यूरो सम्बन्धी बीमारी से थे ग्रसित.
  • राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन में अधिकारी के पद पर थे मृतक विजय भट्टाचार्य.

बीएचयू के पूर्व कुलसचिव रहे दुर्गा प्रसाद भट्टाचार्य के बेटे विजय भट्टाचार्य न्यूरो सम्बन्धी बीमारी से ग्रसित थे. रविवार देर रात तबीयत बिगड़ने की वजह से परिवार के लोग उन्हें लेकर रविंद्रपुरी स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल में पहुंचे. डॉक्टरों ने वेंटिलेटर न होने की वजह से उन्हें भर्ती नहीं किया. इसके बाद परिवार के लोग भिखारीपुर प्राइवेट हॉस्पिटल पहुंचे, जहां पर डॉक्टर ने वेंटिलेटर खाली न होने की वजह से हॉस्पिटल में भर्ती नहीं किया.

ये भी पढ़ें: वाराणसी: BHU की ओपीडी में आज से हर रोज देखे जाएंगे 50 मरीज

कई निजी अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद विजय भट्टाचार्य को बीएचयू इमरजेंसी वार्ड ले जाया गया, जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. मृतक विजय भट्टाचार्य राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन में अधिकारी के पद पर थे.

निजी अस्पताल में इस तरह की लापरवाही गंभीर है. कोरोना काल में सभी मरीजों का हर संभव इलाज करने का निर्देश पहले ही दिया जा चुका है. लापरवाही बरतने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई होगी.

-डॉक्टर बीपी सिंह, सीएमओ

वाराणसी: सरकार भले ही स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर नए-नए वादे करती हो और जनता को हर सुविधाएं देने की बात करती हो, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है. लोगों को सही समय पर सही इलाज नहीं मिल पा रहा है. यही वजह है कि लोगों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटकना पड़ रहा है. ताजा मामला रविंद्रपुरी का है, जहां के रहने वाले विजय भट्टाचार्य (45) की समय पर वेंटिलेटर न मिलने की वजह से मौत हो गई.

महत्वपूर्ण बिंदु

  • स्वास्थ्य सुविधाओं की खुली पोल.
  • वेंटिलेटर ने मिलने से मरीज ने तोड़ा दम.
  • मरीज न्यूरो सम्बन्धी बीमारी से थे ग्रसित.
  • राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन में अधिकारी के पद पर थे मृतक विजय भट्टाचार्य.

बीएचयू के पूर्व कुलसचिव रहे दुर्गा प्रसाद भट्टाचार्य के बेटे विजय भट्टाचार्य न्यूरो सम्बन्धी बीमारी से ग्रसित थे. रविवार देर रात तबीयत बिगड़ने की वजह से परिवार के लोग उन्हें लेकर रविंद्रपुरी स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल में पहुंचे. डॉक्टरों ने वेंटिलेटर न होने की वजह से उन्हें भर्ती नहीं किया. इसके बाद परिवार के लोग भिखारीपुर प्राइवेट हॉस्पिटल पहुंचे, जहां पर डॉक्टर ने वेंटिलेटर खाली न होने की वजह से हॉस्पिटल में भर्ती नहीं किया.

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कई निजी अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद विजय भट्टाचार्य को बीएचयू इमरजेंसी वार्ड ले जाया गया, जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. मृतक विजय भट्टाचार्य राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन में अधिकारी के पद पर थे.

निजी अस्पताल में इस तरह की लापरवाही गंभीर है. कोरोना काल में सभी मरीजों का हर संभव इलाज करने का निर्देश पहले ही दिया जा चुका है. लापरवाही बरतने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई होगी.

-डॉक्टर बीपी सिंह, सीएमओ

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