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अयोध्या में फैसले से पहले काशी में संत समाज ने फूंका बिगुल, कहा- हम ही जीतेंगे - राम मंदिर निर्माण

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में अखिल भारतीय संत समिति के पदाधिकारियों ने अपनी जीत सुनिश्चित कर राम मंदिर निर्माण जल्द किए जाने का दावा किया. समिति के संयुक्त महामंत्री और महामंडलेश्वर राधे बाबा ने कहा कि संत समाज मंदिर निर्माण के लिए पूरी तरह से तैयार है. पत्थर तराशने का काम हो रहा है.

अखिल भारतीय संत समिति ने राम मंदिर निर्माण का दावा किया.
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Published : Oct 22, 2019, 6:23 AM IST

वाराणसी: अयोध्या मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद संत समाज राम मंदिर निर्माण की बातें कर रहा है. अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री आचार्य जितेन्द्रानंद सरस्वती और इंदौर, मध्य प्रदेश से आए महामंडलेश्वर मनमोहन दास ने राम मंदिर निर्माण जल्द किए जाने का दावा किया. उन्होंने लंबी सुनवाई के बाद अब सुप्रीम कोर्ट की तरफ से किसी भी तरह की पंचायत के फैसले की स्थिति में उसे स्वीकार न करने की बात कही.

अखिल भारतीय संत समिति ने राम मंदिर निर्माण का दावा किया.

आचार्य जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि संविधान के दायरे में सुप्रीम कोर्ट तथ्य और कसौटीयों के आधार पर जो भी फैसला सुनाएगा, उसे संत समाज के लोगों को स्वीकार करना होगा. सुप्रीम कोर्ट किसी भी तरीके की पंचायत में न पड़े और यह बेहद जरूरी है. ऐसी पंचायत की स्थिति में कोर्ट का फैसला न ही हिंदू समाज के लोगों को और न ही संत समाज के लोगों को स्वीकार होगा.

उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट तथ्य और तर्क के साथ कानून के आधार पर अपना निर्णय सुनाए. हमें अब किसी तरह की कोई पंचायत नहीं चाहिए, बस निर्णय चाहिए. हाईकोर्ट में हमने लड़ाई लड़ी. 30 में से 29 पार्टियों की याचिका खारिज हो गई, सिर्फ रामलला विराजमान हाईकोर्ट से मुकदमा जीत गए. इसके बाद कौन लोग थे, जिनके षड्यंत्र से दो जज जमीन को तीन हिस्सों में बांट देते हैं.

आचार्य जितेन्द्रानंद सररस्वती ने कहा कि रामलला जीते तो फिर उनको पूरी जमीन क्यों नहीं दी गई. यह सब षड्यंत्र था और हमें यह लग रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में भी कोई ऐसा षड्यंत्र न हो. इसलिए हमारा स्पष्ट मत है कि हम जीतेंगे, क्योंकि तथ्य और प्रमाण हमारे पास है.

अखिल भारतीय संत समिति के संयुक्त महामंत्री और महामंडलेश्वर राधे बाबा ने कहा कि संत समाज मंदिर निर्माण के लिए पूरी तरह से तैयार है. पत्थर तराशने का काम हो रहा है और काशी में गोपनीय तरीके से राम मंदिर निर्माण की तैयारियां संतों ने शुरू भी कर दी है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए संत यात्रा निकालकर अयोध्या पहुंचेंगे.

वाराणसी: अयोध्या मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद संत समाज राम मंदिर निर्माण की बातें कर रहा है. अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री आचार्य जितेन्द्रानंद सरस्वती और इंदौर, मध्य प्रदेश से आए महामंडलेश्वर मनमोहन दास ने राम मंदिर निर्माण जल्द किए जाने का दावा किया. उन्होंने लंबी सुनवाई के बाद अब सुप्रीम कोर्ट की तरफ से किसी भी तरह की पंचायत के फैसले की स्थिति में उसे स्वीकार न करने की बात कही.

अखिल भारतीय संत समिति ने राम मंदिर निर्माण का दावा किया.

आचार्य जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि संविधान के दायरे में सुप्रीम कोर्ट तथ्य और कसौटीयों के आधार पर जो भी फैसला सुनाएगा, उसे संत समाज के लोगों को स्वीकार करना होगा. सुप्रीम कोर्ट किसी भी तरीके की पंचायत में न पड़े और यह बेहद जरूरी है. ऐसी पंचायत की स्थिति में कोर्ट का फैसला न ही हिंदू समाज के लोगों को और न ही संत समाज के लोगों को स्वीकार होगा.

उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट तथ्य और तर्क के साथ कानून के आधार पर अपना निर्णय सुनाए. हमें अब किसी तरह की कोई पंचायत नहीं चाहिए, बस निर्णय चाहिए. हाईकोर्ट में हमने लड़ाई लड़ी. 30 में से 29 पार्टियों की याचिका खारिज हो गई, सिर्फ रामलला विराजमान हाईकोर्ट से मुकदमा जीत गए. इसके बाद कौन लोग थे, जिनके षड्यंत्र से दो जज जमीन को तीन हिस्सों में बांट देते हैं.

आचार्य जितेन्द्रानंद सररस्वती ने कहा कि रामलला जीते तो फिर उनको पूरी जमीन क्यों नहीं दी गई. यह सब षड्यंत्र था और हमें यह लग रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में भी कोई ऐसा षड्यंत्र न हो. इसलिए हमारा स्पष्ट मत है कि हम जीतेंगे, क्योंकि तथ्य और प्रमाण हमारे पास है.

अखिल भारतीय संत समिति के संयुक्त महामंत्री और महामंडलेश्वर राधे बाबा ने कहा कि संत समाज मंदिर निर्माण के लिए पूरी तरह से तैयार है. पत्थर तराशने का काम हो रहा है और काशी में गोपनीय तरीके से राम मंदिर निर्माण की तैयारियां संतों ने शुरू भी कर दी है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए संत यात्रा निकालकर अयोध्या पहुंचेंगे.

Intro:वाराणसी: अयोध्या मामले में सुनवाई पूरी हो जाने के बाद अब जल्द ही फैसला आने को लेकर तैयारियां चल रही है इसे लेकर एक तरफ संत समाज राम मंदिर निर्माण की बातें कर रहा है तो दूसरी ओर मुस्लिम पक्षकार भी अपने स्तर पर दावे कर रहे हैं इसके बीच वाराणसी में अखिल भारतीय संत समिति के पदाधिकारियों ने अपनी जीत सुनिश्चित कर राम मंदिर निर्माण जल्द किए जाने का दावा किया वहीं उन्होंने इतनी लंबी सुनवाई के बाद अब सुप्रीम कोर्ट की तरफ से किसी भी तरह की पंचायत के फैसले की स्थिति में उसे स्वीकार ना करने की बात कही. वही संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री जितेन्द्रानंद ने हाईकोर्ट में रामलला विराजमान की जीत के बाद भी विवादित भूमि के तीन हिस्से किए जाने को शनि यंत्र बता कर सुप्रीम कोर्ट में भी ऐसे षड्यंत्र होने की आशंका जताई है.


Body:वीओ-01 इस बारे में अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री आचार्य जितेन्द्रानंद सरस्वती और इंदौर मध्य प्रदेश से आए महामंडलेश्वर मनमोहन दास ने राम मंदिर निर्माण जल्द किए जाने का दावा किया उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय संत समिति श्री राम जन्मभूमि आंदोलन में संतों की प्रतिनिधि संस्था है, बीच में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पूरी होने के बाद जिस तरीके से किसको क्या चाहिए यह बातें सामने आई इसलिए संत समिति अपना पक्ष स्पष्ट करना चाह रही है. हमारा कहना है कि संविधान के दायरे में सुप्रीम कोर्ट तथ्य और कसौटीयो के आधार पर जो भी फैसला सुनाएगा वसंत समाज के लोगों को स्वीकार करना होगा. सुप्रीम कोर्ट किसी भी तरीके की पंचायत में ना पड़े यह बेहद जरूरी है आचार्य जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि ऐसी पंचायत की स्थिति में कोर्ट का फैसला नाही हिंदू समाज के लोगों को ना ही संत समाज के लोगों को स्वीकार होगा. अगर पंचायत करनी ही थी तो भारत के स्वतंत्र इतिहास में 200 घंटे की सुनवाई हो 40 दिन सुप्रीम कोर्ट को खर्च नहीं करने चाहिए थे अगर सब ने अपने तर्क रखे हैं और इतनी देर हुई है तो हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट तथ्य और तर्क के साथ कानून के आधार पर अपना निर्णय सुनाए. हमें अब किसी तरह की कोई पंचायत नहीं चाहिए बस जजमेंट चाहिए वहीं उन्होंने कहा कि हिंदू समाज के पक्ष में फैसला आए या ना आए किंतु परंतु हमें सुनना ही नहीं है हाईकोर्ट में हमने लड़ाई लड़ी 30 में से 29 पार्टियों की याचिका खारिज हो गई सिर्फ रामलला विराजमान हाईकोर्ट से मुकदमा जीत गए. इसके बाद कौन लोग थे जो षड्यंत्र कर दो जजों ने उस जमीन को तीन हिस्सों में बांटा रामलला जीते तो फिर उनको पूरी जमीन क्यों नहीं दी गई? क्या पार्टीशन सूट दाखिल किया गया था? अगर नहीं हुआ तो इसका क्या मतलब था? यह सब षड्यंत्र था और हमें यह लग रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में ऐसा षड्यंत्र ना हो इसलिए हमारा स्पष्ट मत है कि हम जीतेंगे क्योंकि तथ्य और प्रमाण हमारे पास है इसमें लेकिन किंतु परंतु का सवाल ही नहीं उठता है.


Conclusion:वीओ-01 वहीं अखिल भारतीय संत समिति के संयुक्त महामंत्री और महामंडलेश्वर राधे बाबा ने कहा कि संत समाज मंदिर निर्माण के लिए पूरी तरह से तैयार है पत्थर तराशने का काम हो रहा है और काशी में गोपनीय तरीके से राम मंदिर निर्माण की तैयारियां संतों ने शुरू भी कर दी है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए संत यात्रा निकालकर अयोध्या पहुंचेंगे.

बाईट- आचार्य जितेन्द्रानंद सरस्वती, राष्ट्रीय महामंत्री, अखिल भारतीय संत समिति
बाईट- महामंडलेश्वर राधे बाबा, संयुक्त मंत्री, अखिल भारतीय संत समिति
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