वाराणसी: पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ, रनिंग शाखा के कर्मचारियों ने कैण्ट स्टेशन स्थित कंप्यूटरीकृत क्रू लाबी के समीप अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मचारियों ने लाइन बॉक्स के स्थान पर ट्रॉली बैग दिए जाने को लेकर अपना विरोध जताया.
लाइन बॉक्स के स्थान पर ट्राली बैग दिए जाने का किया विरोध
इस संबंध में बात करते हुए पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष रमेश मिश्रा ने बताया कि संघ के संज्ञान में आया है कि पूर्वोत्तर रेलवे के तीनों मंडलों में रनिंग कर्मचारियों को लाइन बॉक्स के स्थान पर ट्राली बैग दिए जाने की योजना बनाई गयी है. जिससे व्यावहारिक समस्याएं होने की संभावना है. वहीं उन्होंने कहा कि वर्तमान में लाइन बॉक्स में गार्डों के उपकरण जैसे कि प्राथमिक उपचार पेटी, नियम पुस्तिकाएं, स्पेयर बैटरी, हैण्ड सिग्नल लैंप, रात्रि कालीन परिधान, अतिरिक्त यूनिफॉर्म और अन्य सामान रखा जाता है. जो रनिंग संवर्ग के कर्मचारियों के लिए नितांत आवश्यक है. यह ट्राली बैग में नहीं आ सकता. वहीं उन्होंने कहा कि लोको पायलट के लाइन बॉक्स में बहुत से टूल्स होते हैं, जिनका वजन 20 किलोग्राम से अधिक हो जाता है. साथ ही गार्ड के समान सभी पुस्तक कपड़े इत्यादि भी रहते हैं, जो कि ट्राली बैग में संभव नही है.
बताई समस्याएं
रमेश मिश्रा ने बताया कि रेलवे के कार्य प्रणाली में संरक्षित यात्रा हेतु पटाखा सिग्नल अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि एक मालगाड़ी की औसत लंबाई 680 मीटर होती है. जहां इंजन एवं ब्रेक पर जाने हेतु कोई पाथ-वे नहीं होता, गिट्टियों से चलकर चालक गार्ड चार्ज लेते हैं. अधिकांश स्टेशनों पर रनिंग रूम से क्रू लॉबी की दूरी लगभग 1 किलोमीटर या उससे अधिक होती है. ड्यूटी का चार्ज लेने हेतु नॉन प्लेटफार्म लाइन पर जाना होता है. इतनी दूरी तक ट्राली बैग को प्रत्येक दिन ले जाने के लिए स्मूथ सरफेस की आवश्यकता रहेगी. यदि यह उपलब्ध न हो तो टूटने ,गिरने की आशंका निरंतर बनी रहेगी.