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ज्ञानवापी मामले में अगली सुनवाई 4 जनवरी को - वाराणसी की ताजा खबर

वाराणसी में ज्ञानवापी मामले में दाखिल पुनरीक्षण याचिका पर अगली सुनवाई चार जनवरी को होगी. सिविल जज के फैसले के खिलाफ अंजुमन इंतजामियां और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने अलग-अलग तारीखों पर जिला जज की अदालत में पुनरीक्षण याचिका दाखिल की है, जिस पर सुनवाई चल रही है.

ज्ञानवापी मामले में अगली सुनवाई 4 जनवरी को.
ज्ञानवापी मामले में अगली सुनवाई 4 जनवरी को.
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Published : Dec 1, 2020, 8:20 PM IST

वाराणसी: काशी विश्वनाथ मंदिर ज्ञानवापी मामले में मंगलवार को जिला जज की अदालत में एक बार फिर से सुनवाई हुई. इस मामले में अंजुमन इंतजामियां मसाजिद के अधिवक्ता की तरफ से याजिका दाखिल की गई थी. सिविल जज के फैसले के खिलाफ सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से पुनरीक्षण याचिका दाखिल की गई है. दोनों याचिका सिविल जज के एक ही फैसले के खिलाफ दाखिल है. ऐसे में दोनों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की जाए. इस अपील पर वाद मित्र ने कोई आपत्ति नहीं जताई, जिस पर जिला जज ने दोनों पुनरीक्षण याचिका को समेकित करते हुए सुनवाई के लिए अगली तिथि 4 जनवरी निर्धारित की है.


साल 1991 से चल रहा है मामला

साल 1991 में प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर नाथ और अन्य पक्षकारों ने ज्ञानवापी में मंदिर के नवनिर्माण और पूजा पाठ के अधिकार को लेकर मुकदमा दायर किया था. मुकदमे की सुनवाई सिविल जज की अदालत में लंबित है. इस मामले में वाद मित्र ने ज्ञानवापी परिसर और विवादित स्थल का भौतिक और पुरातात्विक दृष्टि से सर्वेक्षण भारतीय पुरातत्व विभाग से तकनीकी तौर पर कराए जाने की अपील भी की थी. जिस पर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अंजुमन इंतजामियां मसाजिद ने मुकदमे की सुनवाई करने के लिए सिविल जज के क्षेत्राधिकार को चुनौती दी थी.

क्षेत्राधिकार पर चल रही सुनवाई

सिविल जज ने दोनों पक्षों की बहस सुनने, पत्रावली और उच्च न्यायालयों के नजीरों के अवलोकन के बाद 25 फरवरी 2020 को सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अंजुमन इंतजामियां मसाजिद की चुनौती को खारिज कर दिया था. सिविल जज के इस फैसले के खिलाफ अंजुमन इंतजामियां सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने अलग-अलग तारीखों पर जिला जज की अदालत में पुनरीक्षण याचिका दायर की है, जिसे लेकर सुनवाई चल रही है.

वाराणसी: काशी विश्वनाथ मंदिर ज्ञानवापी मामले में मंगलवार को जिला जज की अदालत में एक बार फिर से सुनवाई हुई. इस मामले में अंजुमन इंतजामियां मसाजिद के अधिवक्ता की तरफ से याजिका दाखिल की गई थी. सिविल जज के फैसले के खिलाफ सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से पुनरीक्षण याचिका दाखिल की गई है. दोनों याचिका सिविल जज के एक ही फैसले के खिलाफ दाखिल है. ऐसे में दोनों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की जाए. इस अपील पर वाद मित्र ने कोई आपत्ति नहीं जताई, जिस पर जिला जज ने दोनों पुनरीक्षण याचिका को समेकित करते हुए सुनवाई के लिए अगली तिथि 4 जनवरी निर्धारित की है.


साल 1991 से चल रहा है मामला

साल 1991 में प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर नाथ और अन्य पक्षकारों ने ज्ञानवापी में मंदिर के नवनिर्माण और पूजा पाठ के अधिकार को लेकर मुकदमा दायर किया था. मुकदमे की सुनवाई सिविल जज की अदालत में लंबित है. इस मामले में वाद मित्र ने ज्ञानवापी परिसर और विवादित स्थल का भौतिक और पुरातात्विक दृष्टि से सर्वेक्षण भारतीय पुरातत्व विभाग से तकनीकी तौर पर कराए जाने की अपील भी की थी. जिस पर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अंजुमन इंतजामियां मसाजिद ने मुकदमे की सुनवाई करने के लिए सिविल जज के क्षेत्राधिकार को चुनौती दी थी.

क्षेत्राधिकार पर चल रही सुनवाई

सिविल जज ने दोनों पक्षों की बहस सुनने, पत्रावली और उच्च न्यायालयों के नजीरों के अवलोकन के बाद 25 फरवरी 2020 को सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अंजुमन इंतजामियां मसाजिद की चुनौती को खारिज कर दिया था. सिविल जज के इस फैसले के खिलाफ अंजुमन इंतजामियां सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने अलग-अलग तारीखों पर जिला जज की अदालत में पुनरीक्षण याचिका दायर की है, जिसे लेकर सुनवाई चल रही है.

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