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आईआईटी बीएचयू किसानों के सपनों को पंख लगाने को तैयार

कृषि मंत्रालय ने आरकेबीवाई रफ्तार नाम से नई स्कीम शुरू की है. इस स्कीम के अंतर्गत युवा इंजीनियर नई तकनीक के जरिेये किसानों के हित में काम करना चाहते हैं.

आईआईटी बीएचयू किसानों के सपनों को पंख लगाने को तैयार
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Published : Jul 13, 2019, 11:15 PM IST

वाराणसी: आईआईटी बीएचयू किसानों के सपनों को पंख लगाएगा, इसके लिए रसायन अभियांत्रिकी विभाग में कृषि सहकारिता व किसान कल्याण विभाग के सहयोग से एग्री बिजनेस इनक्यूबेटर स्थापित हुआ है.

किसानों का सपना साकार करेगा आईआईटी बीएचयू.

रफ्तार योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली और पश्चिम बंगाल से अब तक ढाई सौ से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. इनमें से कई तरह के नए विचार सामने आए हैं. इनका उपयोग कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों में उत्पादकता बढ़ाने के लिए किया जाएगा.

क्या है आरकेबीवाई रफ्तार स्कीम:

  • रसायन अभियांत्रिकी विभाग में एग्री बिजनेस इनक्यूबेटर स्थापित कर यूपी जैव विकास बोर्ड के साथ किया गया समझौता.
  • भारतीय स्टार्टअप का अर्थ रोजगार सृजन है. विकसित देशों में स्टार्टअप स्वतंत्र रूप से अपने सपनों को पूरा करने का माध्यम है.
  • नीदरलैंड के विशेषज्ञ पीटर वान ने 30 जून से 2 सप्ताह की वर्कशॉप में प्रशिक्षण दिया.
  • यह किसानों के लिए व्यवसायीकरण की नई तकनीक है.
  • जिसके अंतर्गत युवा इंजीनियर तकनीक के द्वारा किसानों की मदद कर सकते हैं.
  • निर्देशक प्रमोद जैन के द्वारा महामना इनक्यूबेटर एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग विभाग में यह प्रेरणा से शुरू की गई.
  • भारत के विभिन्न क्षेत्रों से इनक्यूबेटर में करीब ढाई सौ एप्लीकेशन आ चुके हैं.
  • भारत में आईआईटी खड़गपुर और आईआईटी बीएचयू केवल 2 तकनीकी संस्थान को यह उपलब्धि मिली है.
  • इस स्कीम के तहत 40 लोग चयनित किए जाएंगे.
  • नए उद्यम जो तकनीकि आधार पर स्थापित किए जाएगें, सरकार उनकी 50 हजार से लेकर 25 लाख तक की मदद करेगी.
  • उत्तर प्रदेश और भारत के अन्य भागों में स्टार्टअप इंडिया के तर्ज पर यह काम किया जाएगा.

इनक्यूबेटर के मुख्य पर्यवेक्षक प्रोफेसर प्रदीप कुमार मिश्र ने जानकारी देते हुए बताया कि किसान या कृषि क्षेत्र में कोई भी युवा एग्रीकल्चर के माध्यम से किसानों का सहयोग करना चाहता है और नई-नई टेक्नोलॉजी लाकर नए-नए व्यापार के क्षेत्र के सभी को सहयोग करने के लिए आरकेबीवाई रफ्तार स्कीम शुरू की गई है, जिससे बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा.
प्रदीप कुमार मिश्र, मुख्य पर्यवेक्षक प्रोफेसर

वाराणसी: आईआईटी बीएचयू किसानों के सपनों को पंख लगाएगा, इसके लिए रसायन अभियांत्रिकी विभाग में कृषि सहकारिता व किसान कल्याण विभाग के सहयोग से एग्री बिजनेस इनक्यूबेटर स्थापित हुआ है.

किसानों का सपना साकार करेगा आईआईटी बीएचयू.

रफ्तार योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली और पश्चिम बंगाल से अब तक ढाई सौ से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. इनमें से कई तरह के नए विचार सामने आए हैं. इनका उपयोग कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों में उत्पादकता बढ़ाने के लिए किया जाएगा.

क्या है आरकेबीवाई रफ्तार स्कीम:

  • रसायन अभियांत्रिकी विभाग में एग्री बिजनेस इनक्यूबेटर स्थापित कर यूपी जैव विकास बोर्ड के साथ किया गया समझौता.
  • भारतीय स्टार्टअप का अर्थ रोजगार सृजन है. विकसित देशों में स्टार्टअप स्वतंत्र रूप से अपने सपनों को पूरा करने का माध्यम है.
  • नीदरलैंड के विशेषज्ञ पीटर वान ने 30 जून से 2 सप्ताह की वर्कशॉप में प्रशिक्षण दिया.
  • यह किसानों के लिए व्यवसायीकरण की नई तकनीक है.
  • जिसके अंतर्गत युवा इंजीनियर तकनीक के द्वारा किसानों की मदद कर सकते हैं.
  • निर्देशक प्रमोद जैन के द्वारा महामना इनक्यूबेटर एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग विभाग में यह प्रेरणा से शुरू की गई.
  • भारत के विभिन्न क्षेत्रों से इनक्यूबेटर में करीब ढाई सौ एप्लीकेशन आ चुके हैं.
  • भारत में आईआईटी खड़गपुर और आईआईटी बीएचयू केवल 2 तकनीकी संस्थान को यह उपलब्धि मिली है.
  • इस स्कीम के तहत 40 लोग चयनित किए जाएंगे.
  • नए उद्यम जो तकनीकि आधार पर स्थापित किए जाएगें, सरकार उनकी 50 हजार से लेकर 25 लाख तक की मदद करेगी.
  • उत्तर प्रदेश और भारत के अन्य भागों में स्टार्टअप इंडिया के तर्ज पर यह काम किया जाएगा.

इनक्यूबेटर के मुख्य पर्यवेक्षक प्रोफेसर प्रदीप कुमार मिश्र ने जानकारी देते हुए बताया कि किसान या कृषि क्षेत्र में कोई भी युवा एग्रीकल्चर के माध्यम से किसानों का सहयोग करना चाहता है और नई-नई टेक्नोलॉजी लाकर नए-नए व्यापार के क्षेत्र के सभी को सहयोग करने के लिए आरकेबीवाई रफ्तार स्कीम शुरू की गई है, जिससे बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा.
प्रदीप कुमार मिश्र, मुख्य पर्यवेक्षक प्रोफेसर

Intro: आईआईटी बीएचयू किसानों के सपनों को पंख लगाएगा इसके लिए रसायन अभियंत्रिकी विभाग में कृषि सहकारिता व किसान कल्याण विभाग के सहयोग से एग्री बिजनेस इनक्यूबेटर स्थापित हुआ है। रफ्तार योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश राजस्थान मध्य प्रदेश दिल्ली और पश्चिम बंगाल से अब तक ढाई सौ से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। इनमें से कई तरह के नए विचार सामने आए हैं।इनका उपयोग कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों में उत्पादकता बढ़ाने के लिए किया जाएगा।


Body:रसायन अभियंत्रिकी विभाग में एग्री बिजनेस इनक्यूबेटर स्थापित यूपी जैव विकास बोर्ड के साथ किया गया समझौता।

नीदरलैंड के विशेषज्ञ पीटर वान ने 30 जून से 2 सप्ताह की वर्कशॉप में प्रशिक्षण दिया। पीटर वान ने बताया कि भारतीय स्टार्टअप का अर्थ रोजगार सृजन है विकसित देशों में स्टार्टअप स्वतंत्र रूप से अपने सपनों को पूरा करने का माध्यम हैI


Conclusion:इनक्यूबेटर के मुख्य पर्यवेक्षक प्रोफेसर प्रदीप कुमार मिश्र ने बताया किसान या किसानी के क्षेत्र में कोई भी युवा एग्रीकल्चर के माध्यम से किसानों का सहयोग करना चाहता है और नई-नई टेक्नोलोजी लाकर नए नए व्यापार के क्षेत्र के सभी को सहयोग करने के लिए उस तरह के बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए एक महामना इनक्यूबेटर एग्रीकल्चर कल इंजीनियरिंग विभाग में हमारे माननीय निर्देशक प्रमोद जैन के प्रेरणा से शुरू किया गया है और इस इनक्यूबेटर में करीब ढाई सौ एप्लीकेशन आ चुके हैं भारत के विभिन्न क्षेत्रों से और हमें बताते हुए खुशी महसूस होती हो जब हमने यह प्रोग्राम शुरू किया केवल 2 तकनीकी संस्थान है भारत में आईआईटी खड़कपुर और आईआईटी बीएचयू मिली है। आने वाले दिनों में हम 40 लोग को चयनित करेंगे जिसमें 50 हजार से लेकर 25 लाख तक की सरकार उनका मदद करेगी कुछ नए उद्यम जो तकनीकी आधार पर स्थापित होंगी उत्तर प्रदेश और भारत के अन्य भागों में स्टार्टअप इंडिया के तर्ज पर यह काम करेंगे।


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