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मातृ दिवस विशेष: एक तरफ मां की जिम्मेदारी, दूसरी ओर निभा रही हैं खाकी का फर्ज

आज का दिन (9 मई) देशभर में मातृ दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. कुछ मां ऐसी भी हैं जो गर्भावस्था में भी ड्यूटी कर रही हैं. ईटीवी भारत की टीम ने वाराणसी के महिला पुलिसकमियों से बातचीत की, जो गर्भवती हैं लेकिन कोरोना काल में जनता की सेवा के लिए अपनी स्वेच्छा से ड्यूटी पर तैनात हैं...देखें रिपोर्ट-

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Published : May 9, 2021, 12:36 PM IST

मातृ दिवस
मातृ दिवस

वाराणसी : मई के दूसरे रविवार को मातृ दिवस मनाया जाता है. इस बार मातृ दिवस 9 फरवरी को मनाया जा रहा है. इस दिन हम मातृशक्ति को नमन करते हैं. आज भी हम कुछ ऐसे ही मातृशक्तियों को नमन करेंगे, जो वर्तमान में समाज के सामने नजीर बनी हुई हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं उन महिला पुलिसकर्मियों की जो गर्भावस्था के दौरान भी खाकी के फर्ज को निभा रही हैं. वाराणसी में 9 थानों पर कुल 18 ऐसी महिला पुलिसकर्मी हैं, जो गर्भवती हैं. कोई 5 माह का गर्भ लिए है, तो कोई 8 माह का, लेकिन अपने इस दर्द को भूलकर वे महामारी के दौर में लोगों की रक्षा कर रही हैं. ईटीवी भारत उनकी मातृत्व और जज्बे को सलाम करता है.

मातृ दिवस विशेष
अपनों की सकारात्मक ऊर्जा है सहारा

महिला थाने में कार्यरत महिला सिपाही एकता पासवान ने बताया कि वह 6 माह की गर्भवती हैं. इन दिनों में थोड़ी शारीरिक दिक्कतें होती हैं, लेकिन उन्होंने इस विभाग को अपनी स्वेच्छा से चुना है. वह लोगों की मदद करना चाहती हैं, इसलिए वह अपना फर्ज निभा रही हैं. उन्होंने बताया कि लोगों के सकारात्मक सोच से मुझे हिम्मत मिलती है और मैं अपने फर्ज को बखूबी निभा लेती हूं. थोड़ा डर जरूर लगता है लेकिन परिवार और सहकर्मियों की मदद से वह डर भी समाप्त हो जाता है.

कार्यालय में काम करती महिला पुलिसकर्मी
कार्यालय में काम करती महिला पुलिसकर्मी
8 माह के गर्भ के साथ कर रही दूसरों की सेवा

अन्य थानों के साथ-साथ वाराणसी के दशाश्वमेध थाने पर भी 2 महिला पुलिसकर्मी तैनात हैं. जो 8 और 56 माह की गर्भवती हैं. बातचीत में महिला पुलिस कर्मियों ने बताया कि गर्भावस्था के कारण उन्हें शारीरिक और मानसिक तनाव बहुत रहता है. कई बार उन्हें अत्यधिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो जाती हैं, लेकिन खाकी रंग उनके हौसले को टूटने नहीं देता. उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने परेड में लोगों की अधिकारों की रक्षा करने का प्रण लिया था. वह बस अपने उसी कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं. उन्हें डर तो लगता है लेकिन वह प्रिकॉशंस को फॉलो कर अपना ड्यूटी कर रही हैं. उन्होंने बताया कि उनके इस काम में उनके परिवार के साथ-साथ उनके सहकर्मी भी भरपूर मदद करते हैं.

महिला थाना में ड्यूटी करतीं पुलिसकर्मी
महिला थाना में ड्यूटी करतीं पुलिसकर्मी
इसे भी पढ़ें- ताजनगरी में ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी, DM ने दिए जांच के आदेश

हर संभव मदद करने की पूरी कोशिश

एसीपी दशाश्वमेध अवधेश कुमार पांडे ने बताया कि थाने पर तैनात महिला पुलिसकर्मियों के सेहत और वातावरण का पूरा ख्याल रखा जाता है. उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से हर संभव मदद की जाती है, जिससे गर्भवती महिला पुलिसकर्मियों को तनाव न मिले. उन्होंने बताया कि उनकी ड्यूटी उनके सहूलियत के हिसाब से लगाई जाती है, इसके साथ ही यदि कोई समस्या होती है तो उसका समाधान भी किया जाता है.

वाराणसी : मई के दूसरे रविवार को मातृ दिवस मनाया जाता है. इस बार मातृ दिवस 9 फरवरी को मनाया जा रहा है. इस दिन हम मातृशक्ति को नमन करते हैं. आज भी हम कुछ ऐसे ही मातृशक्तियों को नमन करेंगे, जो वर्तमान में समाज के सामने नजीर बनी हुई हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं उन महिला पुलिसकर्मियों की जो गर्भावस्था के दौरान भी खाकी के फर्ज को निभा रही हैं. वाराणसी में 9 थानों पर कुल 18 ऐसी महिला पुलिसकर्मी हैं, जो गर्भवती हैं. कोई 5 माह का गर्भ लिए है, तो कोई 8 माह का, लेकिन अपने इस दर्द को भूलकर वे महामारी के दौर में लोगों की रक्षा कर रही हैं. ईटीवी भारत उनकी मातृत्व और जज्बे को सलाम करता है.

मातृ दिवस विशेष
अपनों की सकारात्मक ऊर्जा है सहारा

महिला थाने में कार्यरत महिला सिपाही एकता पासवान ने बताया कि वह 6 माह की गर्भवती हैं. इन दिनों में थोड़ी शारीरिक दिक्कतें होती हैं, लेकिन उन्होंने इस विभाग को अपनी स्वेच्छा से चुना है. वह लोगों की मदद करना चाहती हैं, इसलिए वह अपना फर्ज निभा रही हैं. उन्होंने बताया कि लोगों के सकारात्मक सोच से मुझे हिम्मत मिलती है और मैं अपने फर्ज को बखूबी निभा लेती हूं. थोड़ा डर जरूर लगता है लेकिन परिवार और सहकर्मियों की मदद से वह डर भी समाप्त हो जाता है.

कार्यालय में काम करती महिला पुलिसकर्मी
कार्यालय में काम करती महिला पुलिसकर्मी
8 माह के गर्भ के साथ कर रही दूसरों की सेवा

अन्य थानों के साथ-साथ वाराणसी के दशाश्वमेध थाने पर भी 2 महिला पुलिसकर्मी तैनात हैं. जो 8 और 56 माह की गर्भवती हैं. बातचीत में महिला पुलिस कर्मियों ने बताया कि गर्भावस्था के कारण उन्हें शारीरिक और मानसिक तनाव बहुत रहता है. कई बार उन्हें अत्यधिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो जाती हैं, लेकिन खाकी रंग उनके हौसले को टूटने नहीं देता. उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने परेड में लोगों की अधिकारों की रक्षा करने का प्रण लिया था. वह बस अपने उसी कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं. उन्हें डर तो लगता है लेकिन वह प्रिकॉशंस को फॉलो कर अपना ड्यूटी कर रही हैं. उन्होंने बताया कि उनके इस काम में उनके परिवार के साथ-साथ उनके सहकर्मी भी भरपूर मदद करते हैं.

महिला थाना में ड्यूटी करतीं पुलिसकर्मी
महिला थाना में ड्यूटी करतीं पुलिसकर्मी
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हर संभव मदद करने की पूरी कोशिश

एसीपी दशाश्वमेध अवधेश कुमार पांडे ने बताया कि थाने पर तैनात महिला पुलिसकर्मियों के सेहत और वातावरण का पूरा ख्याल रखा जाता है. उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से हर संभव मदद की जाती है, जिससे गर्भवती महिला पुलिसकर्मियों को तनाव न मिले. उन्होंने बताया कि उनकी ड्यूटी उनके सहूलियत के हिसाब से लगाई जाती है, इसके साथ ही यदि कोई समस्या होती है तो उसका समाधान भी किया जाता है.

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