ETV Bharat / state

मिशन इंद्रधनुष: जच्चा-बच्चा को रखा जाएगा सुरक्षित, 16 हज़ार बच्चों को इम्यून करने का लक्ष्य

नियमित टीकाकरण से छूटे दो वर्ष तक के बच्चों व गर्भवती को पूर्ण तरह से इम्यून करने के लिए सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 अभियान संचालित किया जा रहा है. इस अभियान में 16,810 बच्चों व 3800 गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण से इम्यून (प्रतिरक्षित) किया जाएगा.

etv bharat
मिशन इंद्रधनुष
author img

By

Published : Apr 6, 2022, 8:24 AM IST

वाराणसी: नियमित टीकाकरण से छूटे दो वर्ष तक के बच्चों व गर्भवती को पूर्ण तरह से इम्यून करने के लिए सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 अभियान संचालित किया जा रहा है. इस अभियान में 16,810 बच्चों व 3800 गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण से इम्यून (प्रतिरक्षित) किया जाएगा. बता दें कि अभियान का पहला चरण आठ मार्च से 16 मार्च तक चला था. अब इस अभियान का दूसरा चरण सात अप्रैल से शुरू होने जा रहा है.


पहले चरण में सौ फीसदी को इम्यून किया: मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि आईएमआई 4.0 के पहले चरण में लक्षित लाभार्थियों के सापेक्ष अधिक बच्चों व गर्भवती को प्रतिरक्षित कर लिया गया है. अब इस अभियान का दूसरा चरण सात अप्रैल से शुरू किया जाएगा, जो अगले सात दिन तक चलेगा. दूसरे चरण के लिए जनपद के 16,810 बच्चों व 3800 गर्भवती को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है. सीएमओ ने बताया कि पहले चरण के लिए जनपद में छूटे हुये 15,734 बच्चों व 3826 गर्भवती का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 21,402 बच्चों व 4829 गर्भवती को टीका लगाया गया. इसके लिए पूरे जनपद में 2,245 टीकाकरण सत्र आयोजित किए गए.

5.43 लाख बच्चों को पिलाई दो बूंद ज़िंदगी की: डॉ. चौधरी ने बताया कि नगर में 618 टीकाकरण सत्र में छूटे हुये 8,431 बच्चों एवं 1,199 गर्भवती को टीका लगाया गया. ग्रामीण क्षेत्र में 1627 सत्र आयोजित किए गए, जिसमें अराजीलाइन में 943 बच्चों व 397 गर्भवती को, बड़ागांव में 989 बच्चों व 518 गर्भवती को, चिरईगांव में 1893 बच्चों व 530 गर्भवती को, चोलापुर में 1491 बच्चों व 347 गर्भवती को, हरहुआ में 1782 बच्चों व 485 गर्भवती को, काशी विद्यापीठ में 2158 बच्चों व 419 गर्भवती को, पिंडरा में 1677 बच्चों व 407 गर्भवती को तथा आदर्श ब्लॉक सेवापुरी में 2038 बच्चों व 527 गर्भवती टीकाकरण किया गया. इसके साथ ही 20 मार्च से 28 मार्च तक चलाये गए पल्स पोलियो अभियान में करीब 5.43 लाख' 98 फीसदी बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई गयी.



गर्भवती को लगेगा टीडी का टीका: गर्भावस्था के दौरान टिटनेस-डिप्थीरिया के दो टीके लगाये जाते हैं. यह टीका गर्भवती को दिये जाने से उनका व उनके गर्भस्थ शिशु का टिटनेस व डिप्थीरिया रोग से बचाव करता है.



अभियान में लगेंगे 11 तरह के टीके: मिशन इंद्रधनुष अभियान में बच्चों के लिए 11 वैक्सीन प्रिवेंटेबल डिज़ीज़ के टीकाकरण शामिल हैं जिनमें डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटेनस, पोलियो, क्षय (टीबी), हेपेटाइटिस-बी, मैनिंजाइटिस, निमोनिया हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप-बी संक्रमण, रोटावायरस वैक्सीन, न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (पीएसवी) और खसरा-रूबेला (एमआर) हैं.

यह भी पढ़ें- इस बार सीबीएसई और आईसीएसई परीक्षा में नकल करते पकड़े गए तो कर दिया जाएगा बाहर



जानें कब-कब कौन से टीके लगते हैं:

• जन्म के समय बच्चों को हेपेटाइटिस बी को मैटरनल संक्रमण से बचाने के लिये एवं पोलियो वैक्सीन की जीरो डोज खुराक एवं बीसीजी की वैक्सीन दी जाती है.

• बच्चे की आयु ढेढ़ माह, ढाई माह एवं साढ़े तीन माह होने पर पोलियो, रोटा वायरस, पेन्टा वैक्सीन यानि कि डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस, हेपेटाइटिस बी, हीमोफिलस इन्फ्लूएंजा टाइप- बी के संक्रमण एवं न्यूमोकोकल वैक्सीन फेफड़े के संक्रमण से बचाने के लिये टीका लगाया जाता है.

• नौ महीने की उम्र पूरी होने पर 10वें महीने में मिजिल्स- रूबेला की वैक्सीन तथा 16-24 महीने पर मिजिल्स रूबेला की सेकेण्ड डोज दी जाती है.

• 16 से 24 माह पर डिप्थीरिया, काली खॉसी एवं टिटनेस के संक्रमण से बचाव के लिये डीपीटी वैक्सीन की बूस्टर डोज़ दिया जाता है.
• 5 वर्ष पूर्ण होने पर डीपीटी की दूसरी बूस्टर खुराक दी जाती है.

• किशोर एवं किशोरियों को 10 वर्ष एवं 16 वर्ष की उम्र पर डिप्थीरिया टिटनेस से बचाव के डीटी के टीके दिये जाते हैं.

इस प्रकार एक ही टीकाकरण के विभिन्न वैक्सीन देने का समय निर्धारित किया गया है एवं बच्चे को सभी वैक्सीन मिल जाये इसके लिये उन्हें विभिन्न आयु पर 07 बार टीकाकरण केन्द्र के लिए ले जाना होता है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

वाराणसी: नियमित टीकाकरण से छूटे दो वर्ष तक के बच्चों व गर्भवती को पूर्ण तरह से इम्यून करने के लिए सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 अभियान संचालित किया जा रहा है. इस अभियान में 16,810 बच्चों व 3800 गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण से इम्यून (प्रतिरक्षित) किया जाएगा. बता दें कि अभियान का पहला चरण आठ मार्च से 16 मार्च तक चला था. अब इस अभियान का दूसरा चरण सात अप्रैल से शुरू होने जा रहा है.


पहले चरण में सौ फीसदी को इम्यून किया: मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि आईएमआई 4.0 के पहले चरण में लक्षित लाभार्थियों के सापेक्ष अधिक बच्चों व गर्भवती को प्रतिरक्षित कर लिया गया है. अब इस अभियान का दूसरा चरण सात अप्रैल से शुरू किया जाएगा, जो अगले सात दिन तक चलेगा. दूसरे चरण के लिए जनपद के 16,810 बच्चों व 3800 गर्भवती को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है. सीएमओ ने बताया कि पहले चरण के लिए जनपद में छूटे हुये 15,734 बच्चों व 3826 गर्भवती का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 21,402 बच्चों व 4829 गर्भवती को टीका लगाया गया. इसके लिए पूरे जनपद में 2,245 टीकाकरण सत्र आयोजित किए गए.

5.43 लाख बच्चों को पिलाई दो बूंद ज़िंदगी की: डॉ. चौधरी ने बताया कि नगर में 618 टीकाकरण सत्र में छूटे हुये 8,431 बच्चों एवं 1,199 गर्भवती को टीका लगाया गया. ग्रामीण क्षेत्र में 1627 सत्र आयोजित किए गए, जिसमें अराजीलाइन में 943 बच्चों व 397 गर्भवती को, बड़ागांव में 989 बच्चों व 518 गर्भवती को, चिरईगांव में 1893 बच्चों व 530 गर्भवती को, चोलापुर में 1491 बच्चों व 347 गर्भवती को, हरहुआ में 1782 बच्चों व 485 गर्भवती को, काशी विद्यापीठ में 2158 बच्चों व 419 गर्भवती को, पिंडरा में 1677 बच्चों व 407 गर्भवती को तथा आदर्श ब्लॉक सेवापुरी में 2038 बच्चों व 527 गर्भवती टीकाकरण किया गया. इसके साथ ही 20 मार्च से 28 मार्च तक चलाये गए पल्स पोलियो अभियान में करीब 5.43 लाख' 98 फीसदी बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई गयी.



गर्भवती को लगेगा टीडी का टीका: गर्भावस्था के दौरान टिटनेस-डिप्थीरिया के दो टीके लगाये जाते हैं. यह टीका गर्भवती को दिये जाने से उनका व उनके गर्भस्थ शिशु का टिटनेस व डिप्थीरिया रोग से बचाव करता है.



अभियान में लगेंगे 11 तरह के टीके: मिशन इंद्रधनुष अभियान में बच्चों के लिए 11 वैक्सीन प्रिवेंटेबल डिज़ीज़ के टीकाकरण शामिल हैं जिनमें डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटेनस, पोलियो, क्षय (टीबी), हेपेटाइटिस-बी, मैनिंजाइटिस, निमोनिया हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप-बी संक्रमण, रोटावायरस वैक्सीन, न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (पीएसवी) और खसरा-रूबेला (एमआर) हैं.

यह भी पढ़ें- इस बार सीबीएसई और आईसीएसई परीक्षा में नकल करते पकड़े गए तो कर दिया जाएगा बाहर



जानें कब-कब कौन से टीके लगते हैं:

• जन्म के समय बच्चों को हेपेटाइटिस बी को मैटरनल संक्रमण से बचाने के लिये एवं पोलियो वैक्सीन की जीरो डोज खुराक एवं बीसीजी की वैक्सीन दी जाती है.

• बच्चे की आयु ढेढ़ माह, ढाई माह एवं साढ़े तीन माह होने पर पोलियो, रोटा वायरस, पेन्टा वैक्सीन यानि कि डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस, हेपेटाइटिस बी, हीमोफिलस इन्फ्लूएंजा टाइप- बी के संक्रमण एवं न्यूमोकोकल वैक्सीन फेफड़े के संक्रमण से बचाने के लिये टीका लगाया जाता है.

• नौ महीने की उम्र पूरी होने पर 10वें महीने में मिजिल्स- रूबेला की वैक्सीन तथा 16-24 महीने पर मिजिल्स रूबेला की सेकेण्ड डोज दी जाती है.

• 16 से 24 माह पर डिप्थीरिया, काली खॉसी एवं टिटनेस के संक्रमण से बचाव के लिये डीपीटी वैक्सीन की बूस्टर डोज़ दिया जाता है.
• 5 वर्ष पूर्ण होने पर डीपीटी की दूसरी बूस्टर खुराक दी जाती है.

• किशोर एवं किशोरियों को 10 वर्ष एवं 16 वर्ष की उम्र पर डिप्थीरिया टिटनेस से बचाव के डीटी के टीके दिये जाते हैं.

इस प्रकार एक ही टीकाकरण के विभिन्न वैक्सीन देने का समय निर्धारित किया गया है एवं बच्चे को सभी वैक्सीन मिल जाये इसके लिये उन्हें विभिन्न आयु पर 07 बार टीकाकरण केन्द्र के लिए ले जाना होता है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.