वाराणसीः काशी में धर्म संसद का आयोजन होने जा रहा है. काशी में धर्मपरायण शासन के निमित्त सनातनी शास्त्रों में दी गयी व्यवस्था पर मंथन के लिए धर्माचार्यों की संसद लगेगी. इसमें जगद्गुरु शंकराचार्य सहित देशभर से 300 से अधिक विद्वानों शामिल होंगे. सोमवार को आनंदवन विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट की बैठक में ये धर्म निर्णय लिया गया. काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ कुलपति तिवारी की अध्यक्षता में आनंदवन महोत्सव की रूपरेखा तैयार हुई.
11 सदस्यीय समिति का गठन
डॉ कुलपति तिवारी ने बताया कि बैठक में आनंदवन महोत्सव की तैयारी पर चर्चा की गई. उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय इस आयोजन के दूसरे दिन धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा. इसमें शिरकत करने वाले अखाड़ों के प्रधानों से संपर्क करने के लिए 11 सदस्यीय समिति गठित करने का प्रस्ताव रखा गया. इस समिति में काशी के विभिन्न विधाओं के सनातनी विद्वानों को शामिल किया जाएगा. विद्वानों की सहमति के बाद समिति के सदस्यों के नामों की घोषणा की जाएगी. समिति गठित करने के लिए वाचस्पति तिवारी और मनोज शर्मा को संयोजक बनाया गया है.
तीन दिवसीय आयोजन
काशी में तीन दिवसीय महोत्सव के पहले दिन शिवयाग का अनुष्ठान होगा. जिसमें 25 हवन कुंडों में सवा सौ ब्राह्मणों द्वारा आहुतियां दी जाएंगी. दूसरे दिन धर्म संसद और तीसरे दिन संस्कृति को समर्पित रहेगा.
काशी में लगेगा विद्वानों का मेला
डॉ कुलपति तिवारी ने बताया कि धर्म संसद में सभी अखाड़ों के महामण्डलेश्वरों को आमंत्रित किया जाएगा. इसमें पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा, श्रीपंचायती अटल अखाड़ा, तपोनिधि पंचायती निरंजनी अखाड़ा, पंचायती आनंद अखाड़ा, पंचदशनाम जूना अखाड़ा, पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा, पंच अग्नि अखाड़ा, अखिल भारतीय पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा, अखिल भारतीय पंच दिगंबर अनी अखाड़ा, अखिल भारतीय पंच निर्मोही अनी अखाड़ा, पंचायती नया उदासीन अखाड़ा, पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण और पंचायती निर्मल अखाड़ा के प्रधानों से संपर्क करने के लिए 11 सदस्यीय समिति गठित करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया है.