ETV Bharat / state

राजमार्गों के विकास के लिए परिवहन मंत्रालय और IIT BHU मिलकर करेंगे काम - निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन

आईआईटी बीएचयू अब राजमार्गों के विकास, सुरक्षा एवं संचालन में अहम भूमिका निभाएगा. इसको लेकर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बीएचयू और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के मध्य नई दिल्ली में बुधवार 3 फरवरी 2021 को समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुआ.

राजमार्गों के विकास के लिए परिवहन मंत्रालय और IIT BHU मिलकर करेंगे काम
राजमार्गों के विकास के लिए परिवहन मंत्रालय और IIT BHU मिलकर करेंगे काम
author img

By

Published : Feb 3, 2021, 10:51 PM IST

वाराणसी: देश के राजमार्गों के तकनीकी उन्नयन और रखरखाव-संचालन के क्षेत्र में नई तकनीक, अनुसंधान, विकास, शिक्षण और प्रशिक्षण को नए स्तर पर ले जाने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बीएचयू और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के मध्य नई दिल्ली में बुधवार 3 फरवरी 2021 को समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुआ.

एमओयू पर संस्थान के निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन और महानिदेशक सड़क विकास और विशेष सचिव इंद्रेश कुमार पांडेय ने हस्ताक्षर किए. इस अवसर पर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के राज्यमंत्री डॉ. विजय कुमार सिंह ने हस्ताक्षर समारोह की अध्यक्षता की.

संस्थान के निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने कहा कि आईआईटी बीएचयू राजमार्ग क्षेत्र के विकास के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास, शिक्षण और प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करेगा. साथ ही संस्थान में 10 वर्ष के लिए Ministry of Road Transport and Highways (MoRTH) प्रोफेसनल चेयर की स्थापना होगी, जो सड़क परिवहन और राजमार्ग से संबंधित नए क्षेत्रों में मंत्रालय के लिए एक रणनीतिक सलाहकार के रूप में कार्य करेगा और राजमार्गों से संबंधित शोध और विकास, शिक्षण एवं प्रशिक्षण पर केंद्रित रहेगा.

प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने बताया कि संस्थान और भारतीय शिक्षाविद एक साथ राजमार्ग सुरक्षा विकास परियोजना के तहत सड़क सुरक्षा, पर्यावरण और सामाजिक प्रभावों से संबंधित अध्ययन करेंगे. इसके अलावा, संस्थान मानकों, दिशा-निर्देशों, प्रशिक्षण आदि के माध्यम से राजमार्ग विकास के लिए योजना, डिजाइन, निर्माण, संचालन और रखरखाव में प्रौद्योगिकी उन्नयन के प्रसार या सुविधा प्रदान करेगा.

इसके अलावा, संस्थान सुरक्षा पर अपनाए जाने वाले मानकों के विकास/संशोधन को इनपुट प्रदान करेगा. नई प्रौद्योगिकी और मंत्रालय की ओर से आईआरसी के कोड/मैनुअल तैयार करने में भी मदद करेगा. संस्थान नई प्रौद्योगिकी के मूल्यांकन में सहायता करेगा. सड़क सुरक्षा और परिचालन क्षमता में सुधार के लिए मंत्रालय द्वारा चुने गए विषयों पर अनुसंधान कार्यक्रम के लिए पीएचडी कोर्स भी चलाएगा.

संस्थान राजमार्ग इंजीनियरिंग से संबंधित किसी भी क्षेत्र में मंत्रालय को तकनीकी मार्गदर्शन भी प्रदान करेगा. इस एमओयू के तहत संस्थान शोध एवं विकास गतिविधियों की पहचान कर राजमार्ग अनुसंधान बोर्ड को भी सलाह देने और राजमार्ग से संबंधित विषय पर जागरूकता के लिए कार्यशालाओं, संगोष्ठी का आयोजन कराने में मुख्य भमिका निभाएगा. संस्थान मानकों, दिशा-निर्देशों, प्रशिक्षण आदि के माध्यम से राजमार्ग विकास के लिए योजना, डिजाइन, निर्माण और संचालन और रखरखाव में प्रौद्योगिकी उन्नयन के प्रसार या सुविधा प्रदान करेगा.

इसके अलावा, संस्थान में पीएचडी मानक के अनुसार राजमार्ग इंजीनियरिंग के क्षेत्र में मंत्रालय के नामित अधिकारियों सहित 8-10 रिसर्च स्कालर्स को शामिल किया जाएगा. साथ ही मंत्रालय के अधिकारी संस्थान के मानदंडों का पालन करते हुए पीजी पाठ्यक्रमों में भाग लेंगे. संस्थान के मानदंडों के अनुसार मंत्रालय में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अधिकारी अपना शोध प्रबंध भी प्रस्तुत कर सकेंगे. एमटेक और पीएचडी कार्यक्रमों के परिणाम का उपयोग स्टेट ऑफ आर्ट रिपोर्ट तैयार करने, आईआरसी दिशा-निर्देशों के संशोधन/विकास और अभ्यास के कोड, रिसर्च डाइजेस्ट की तैयारी के लिए किया जाएगा.

वाराणसी: देश के राजमार्गों के तकनीकी उन्नयन और रखरखाव-संचालन के क्षेत्र में नई तकनीक, अनुसंधान, विकास, शिक्षण और प्रशिक्षण को नए स्तर पर ले जाने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बीएचयू और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के मध्य नई दिल्ली में बुधवार 3 फरवरी 2021 को समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुआ.

एमओयू पर संस्थान के निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन और महानिदेशक सड़क विकास और विशेष सचिव इंद्रेश कुमार पांडेय ने हस्ताक्षर किए. इस अवसर पर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के राज्यमंत्री डॉ. विजय कुमार सिंह ने हस्ताक्षर समारोह की अध्यक्षता की.

संस्थान के निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने कहा कि आईआईटी बीएचयू राजमार्ग क्षेत्र के विकास के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास, शिक्षण और प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करेगा. साथ ही संस्थान में 10 वर्ष के लिए Ministry of Road Transport and Highways (MoRTH) प्रोफेसनल चेयर की स्थापना होगी, जो सड़क परिवहन और राजमार्ग से संबंधित नए क्षेत्रों में मंत्रालय के लिए एक रणनीतिक सलाहकार के रूप में कार्य करेगा और राजमार्गों से संबंधित शोध और विकास, शिक्षण एवं प्रशिक्षण पर केंद्रित रहेगा.

प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने बताया कि संस्थान और भारतीय शिक्षाविद एक साथ राजमार्ग सुरक्षा विकास परियोजना के तहत सड़क सुरक्षा, पर्यावरण और सामाजिक प्रभावों से संबंधित अध्ययन करेंगे. इसके अलावा, संस्थान मानकों, दिशा-निर्देशों, प्रशिक्षण आदि के माध्यम से राजमार्ग विकास के लिए योजना, डिजाइन, निर्माण, संचालन और रखरखाव में प्रौद्योगिकी उन्नयन के प्रसार या सुविधा प्रदान करेगा.

इसके अलावा, संस्थान सुरक्षा पर अपनाए जाने वाले मानकों के विकास/संशोधन को इनपुट प्रदान करेगा. नई प्रौद्योगिकी और मंत्रालय की ओर से आईआरसी के कोड/मैनुअल तैयार करने में भी मदद करेगा. संस्थान नई प्रौद्योगिकी के मूल्यांकन में सहायता करेगा. सड़क सुरक्षा और परिचालन क्षमता में सुधार के लिए मंत्रालय द्वारा चुने गए विषयों पर अनुसंधान कार्यक्रम के लिए पीएचडी कोर्स भी चलाएगा.

संस्थान राजमार्ग इंजीनियरिंग से संबंधित किसी भी क्षेत्र में मंत्रालय को तकनीकी मार्गदर्शन भी प्रदान करेगा. इस एमओयू के तहत संस्थान शोध एवं विकास गतिविधियों की पहचान कर राजमार्ग अनुसंधान बोर्ड को भी सलाह देने और राजमार्ग से संबंधित विषय पर जागरूकता के लिए कार्यशालाओं, संगोष्ठी का आयोजन कराने में मुख्य भमिका निभाएगा. संस्थान मानकों, दिशा-निर्देशों, प्रशिक्षण आदि के माध्यम से राजमार्ग विकास के लिए योजना, डिजाइन, निर्माण और संचालन और रखरखाव में प्रौद्योगिकी उन्नयन के प्रसार या सुविधा प्रदान करेगा.

इसके अलावा, संस्थान में पीएचडी मानक के अनुसार राजमार्ग इंजीनियरिंग के क्षेत्र में मंत्रालय के नामित अधिकारियों सहित 8-10 रिसर्च स्कालर्स को शामिल किया जाएगा. साथ ही मंत्रालय के अधिकारी संस्थान के मानदंडों का पालन करते हुए पीजी पाठ्यक्रमों में भाग लेंगे. संस्थान के मानदंडों के अनुसार मंत्रालय में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अधिकारी अपना शोध प्रबंध भी प्रस्तुत कर सकेंगे. एमटेक और पीएचडी कार्यक्रमों के परिणाम का उपयोग स्टेट ऑफ आर्ट रिपोर्ट तैयार करने, आईआरसी दिशा-निर्देशों के संशोधन/विकास और अभ्यास के कोड, रिसर्च डाइजेस्ट की तैयारी के लिए किया जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.