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...जानें क्यों काशी के इस थाने में रखे गए हैं 100 से अधिक शिवलिंग - lanka police station in varanasi

वाराणसी के लंका थाने में सैकड़ों की संख्या में शिवलिंग बंद हैं. यह शिवलिंग हाल ही में इसी थाना क्षेत्र के रोहित नगर इलाके में एक खाली पड़े प्लाट से मलबे में बरामद किए गए थे.

शिवलिंग का जलाभिषेक करते भक्तगण.
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Published : Jul 31, 2019, 9:53 PM IST

Updated : Jul 31, 2019, 10:52 PM IST

वाराणसी: काशी जिसके कण-कण में शिव का वास है. सावन के पावन महीने में पूरा शहर शिव की भक्ति में डूबा हुआ है. हर शिवालय और हर छोटे-बड़े मंदिरों में विराजमान बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करने लोग दूर-दूर से पहुंच रहे हैं, लेकिन इन सबके बीच एक ऐसी भी है, जहां एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों शिवलिंग जलाअभिषेक से दूर हैं.

मामले की जानकारी देते स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती.

जानें क्या है मामला-

  • मामला वाराणसी के लंका थाने का है.
  • काशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण के दौरान जब मकानों की तोड़फोड़ चल रही थी.
  • मंदिर के विस्तारीकरण के दौरान मलबा निकला था.
  • मलबे को रोहित नगर स्थित एक कॉलोनी के खाली प्लाट पर नाले किनारे फेंका गया था.
  • इस मलबे में सैकड़ों की संख्या में शिवलिंग मौजूद थे.
  • जानकारी होने पर साधु संतों के साथ कई पार्टियों के नेता ने यहां पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया.
  • पुलिस ने इन सारे शिवलिंगों को सुरक्षित थाने में रखवाने की बात कह कर एक कमरे में रखवा कर ताला लगा दिया.
  • इसका मुकदमा आज भी चल रहा है और शिवलिंग किसे सुपुर्द किए जाए यह अब तक तक डिसाइड नहीं हो पाया है.
  • महादेव के थाने में कैद होने के बाद साधु-संतों ने इनके पूजा पाठ की जिम्मेदारी उठा ली है.
  • शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के तरफ से प्रतिदिन एक पुजारी थाने जाता है.
  • थाने जाकर भगवान शिव की पूजा संपन्न करता है.

थाने में 150 से ज्यादा शिवलिंग मौजूद हैं. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के अन्तर्गत लंका थाना क्षेत्र के एक कमरे में ये मूर्ति रखी गई है. सावन का महीना है, इसलिए हम थाने में जाकर इसकी पूजा करते हैं. भले ही थाने में वह रखे गए हों, लेकिन हमारी आस्था और धर्म का विषय है. जिसके लिए हम जब तक या थाने में रहेंगे तब तक और वहां से हटाए जाने के बाद जहां भी जाएंगे वहां भी हम इनकी पूजा करवाते रहेंगे.
- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, शिष्य शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद

वाराणसी: काशी जिसके कण-कण में शिव का वास है. सावन के पावन महीने में पूरा शहर शिव की भक्ति में डूबा हुआ है. हर शिवालय और हर छोटे-बड़े मंदिरों में विराजमान बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करने लोग दूर-दूर से पहुंच रहे हैं, लेकिन इन सबके बीच एक ऐसी भी है, जहां एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों शिवलिंग जलाअभिषेक से दूर हैं.

मामले की जानकारी देते स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती.

जानें क्या है मामला-

  • मामला वाराणसी के लंका थाने का है.
  • काशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण के दौरान जब मकानों की तोड़फोड़ चल रही थी.
  • मंदिर के विस्तारीकरण के दौरान मलबा निकला था.
  • मलबे को रोहित नगर स्थित एक कॉलोनी के खाली प्लाट पर नाले किनारे फेंका गया था.
  • इस मलबे में सैकड़ों की संख्या में शिवलिंग मौजूद थे.
  • जानकारी होने पर साधु संतों के साथ कई पार्टियों के नेता ने यहां पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया.
  • पुलिस ने इन सारे शिवलिंगों को सुरक्षित थाने में रखवाने की बात कह कर एक कमरे में रखवा कर ताला लगा दिया.
  • इसका मुकदमा आज भी चल रहा है और शिवलिंग किसे सुपुर्द किए जाए यह अब तक तक डिसाइड नहीं हो पाया है.
  • महादेव के थाने में कैद होने के बाद साधु-संतों ने इनके पूजा पाठ की जिम्मेदारी उठा ली है.
  • शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के तरफ से प्रतिदिन एक पुजारी थाने जाता है.
  • थाने जाकर भगवान शिव की पूजा संपन्न करता है.

थाने में 150 से ज्यादा शिवलिंग मौजूद हैं. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के अन्तर्गत लंका थाना क्षेत्र के एक कमरे में ये मूर्ति रखी गई है. सावन का महीना है, इसलिए हम थाने में जाकर इसकी पूजा करते हैं. भले ही थाने में वह रखे गए हों, लेकिन हमारी आस्था और धर्म का विषय है. जिसके लिए हम जब तक या थाने में रहेंगे तब तक और वहां से हटाए जाने के बाद जहां भी जाएंगे वहां भी हम इनकी पूजा करवाते रहेंगे.
- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, शिष्य शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद

Intro:वाराणसी: काशी जिस के कण कण में शिव का वास है सावन के पावन महीने में पूरा शहर शिव की भक्ति में डूबा हुआ है हर शिवालय और हर छोटे-बड़े मंदिरों में मौजूद बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करने लोग दूर-दूर से पहुंच रहे हैं लेकिन इन सबके बीच एक ऐसी जहां भी है जहां एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों शिवलिंग जलाअभिषेक से दूर हैं यह सुनकर आश्चर्य होगा लेकिन यह वजह है जिसे लोग पुलिस थाना कहते हैं जी हां वाराणसी के लंका थाने में सैकड़ों की संख्या में शिवलिंग बंद है या शिवलिंग हाल ही में इसी थाना क्षेत्र के रोहित नगर इलाके में एक खाली पड़े प्लाट से मलबे में बरामद किए गए थे आरोप लगे थे कि यह शिवलिंग विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर निर्माण के दौरान निकले मलबे में मिले और इनको यहां पर फेंक दिया गया जिसके बाद मामले को शांत कराने के लिए पुलिस ने इनको इस थाने में रखवा दिया है.


Body:वीओ-01 पुलिस थाना जहां पर आमतौर पर अपराधियों या फिर उन से बरामद सामानों को रखने का काम होता है लेकिन अगर किसी थाने में बाबा भोलेनाथ को कैद करके रखा जाए तो निश्चित तौर पर यह आश्चर्य करने वाली बात होगी और कुछ ऐसा ही हाल वाराणसी के लंका थाने का है. दरअसल काशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण के दौरान जब मकानों की तोड़फोड़ चल रही थी उस वक्त वहां मलबे को शहर के अलग-अलग इलाकों में सीखने का काम चल रहा था उसमें ही मंदिर विस्तारीकरण के दौरान निकला मलबा लंका थाना क्षेत्र के रोहित नगर स्थित एक कॉलोनी के खाली प्लाट पर नाले किनारे फेंका गया था. जिसमें सैकड़ों की संख्या में शिवलिंग मौजूद थे जानकारी होने पर साधु संतों के साथ कई पार्टियों के नेता यहां पहुंचे और हंगामा शुरू हो गया जिसके बाद पुलिस ने इन सारे शिवलिंगों को सुरक्षित थाने में रखवा ने की बात कह कर पहले इसे एक शौचालय के पास रखवा या फिर उसके बाद विरोध होने पर एक कमरे में रखवा कर ताला जड़ दिया. जिसका मुकदमा आज भी चल रहा है और शिवलिंग किसे सुपुर्द किए जाएं यह अबतक तक डिसाइड नहीं हो पाया है.

बाइट- अनिल कुमार, सीओ, भेलूपुर


Conclusion:वीओ-02 फिलहाल महादेव के खाने में कैद होने के बाद साधु संतों ने इनके पूजा पाठ की जिम्मेदारी उठा ली है शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के तरफ से प्रतिदिन एक पुजारी यहां जाकर भगवान शिव की पूजा संपन्न कर आता है. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का कहना है कि औरंगजेब ने मंदिर तोड़े लेकिन वर्तमान सरकार इस रोल को निभा रही है और भगवान को मलबे में फेंका जा रहा है, जो हम संतों को बर्दाश्त नहीं है. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का कहना है कि थाने में 150 से ज्यादा शिवलिंग मौजूद हैं और सावन का महीना है इसलिए हम थाने में जाकर इसकी पूजा करते हैं भले ही थाने में वह रखे गए हो लेकिन हैं हमारी आस्था और धर्म का विषय है जिसके लिए हम जब तक या थाने में रहेंगे तब तक और वहां से हटाए जाने के बाद जहां भी जाएंगे वहां भी हम इनकी पूजा करवाते रहेंगे.

बाईट- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, शिष्य शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद

गोपाल मिश्र

9839809074
Last Updated : Jul 31, 2019, 10:52 PM IST
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