वाराणसीः काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (Kashi Hindu University) को शिक्षा की राजधानी कहा जाता है. महामना मदन मोहन मालवीय की बगिया में देश-विदेश से छात्र पढ़ाई करने के लिए आते हैं. इनकी पढ़ाई से लेकर कैंपस में इन छात्रों की सुरक्षा की जिम्मेदारी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय प्रशासन की होती है. बीते कुछ समय से विश्वविद्यालय छात्र-छात्राओं के लिए सुरक्षित नहीं रह गया. महिला प्रोफेसर से छेड़छाड़, छात्राओं से सरेराह अश्लीलता, प्रोफेसर के साथ पिटाई और चोरी की घटनाएं विश्वविद्यालय कैंपस में आम बात हो गई हैं. बड़ी बात तो ये हैं कि लगातार ऐसी घटनाओं के होने के बाद भी सुरक्षा व्यवस्था में कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है. यह हाल तब है जब हर साल विश्वविद्यालय की सुरक्षा पर सात करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं.
1. छात्रा के कपड़े उतरवाकर वीडियो बनाया
बता दें कि बीती 2 नवंबर की रात करीब 1:30 बजे IIT-BHU कैंपस में एक छात्रा के साथ शर्मनाक वारदात को अंजाम दिया गया. छात्रा अपने दोस्त के साथ BHU कैंपस में कर्मन बाबा मंदिर से थोड़ी दूरी पर थी. इस दौरान बाइक से आए तीन लोगों ने उन दोनों को रोक लिया. पुलिस को दी गई शिकायत में पीड़िता ने बताया कि हम दोनों दोस्तों को अलग कर आरोपियों ने मेरा मुंह दबा दिया. इसके बाद मुझे एक कोने पर ले गए जहां अश्लीलता की और कपड़े उतरवाए. इसके बाद वीडियो बनाई और फोटो भी खींचा. करीब 15 मिनट बाद छोड़ दिया.
2. लिफ्ट देने के बहाने छेड़छाड़
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में 25 जनवरी 2023 को बाइक पर लिफ्ट देने के बहाने दिव्यांग छात्रा के साथ छेड़खानी की गई थी. छात्राओं की सुरक्षा और आरोपी पर सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर छात्रों ने कुलपति आवास के बाहर 5 दिनों तक लगातार प्रदर्शन किया था. छात्रों के भारी दवाब और लगातार प्रदर्शन किए जाने के बाद आरोपी को गिरफ्तार लिया गया था, लेकिन बाद में उसे जमानत भी दे दी गई. प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आरोप था कि पुलिस ने आरोपी पर कमजोर धाराएं लगाई थीं, जिससे उसे जमानत आसानी से मिल गई.
3. फरवरी में महिला प्रोफेसर से छेड़खानी
इस साल फरवरी में प्रशांत शर्मा बीएचयू के दर्शन शास्त्र विभाग में एमए पहले सेमेस्टर का छात्र था. उस पर विश्वविद्यालय की महिला प्रोफेसर ने छेड़छाड़ व बदसलूकी का आरोप लगाया. महिला प्रोफेसर की लिखित शिकायत के बाद लंका थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की और आरोपी छात्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. पीड़ित महिला प्रोफेसर ने छात्र द्वारा की जा रही छेड़छाड़ से जुड़े अश्लील मैसेज व अन्य एविडेंस संग विजुअल भी दिखाए थे. उसने 500 से ज्यादा कॉल्स और वाट्सएप मैसेजेस किए थे. यह मामला महिला आयोग के भी सामने गया था, जिसके बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की.
4. कैंपस में ग्रेजुएशन की छात्रा से छेड़छाड़
मामला 21 अगस्त 2023 का है. काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में ग्रेजुएशन की एक छात्रा के साथ छेड़खानी हुई. पीड़िता का आरोप था कि विरोध करने पर छात्रा और उसके दोस्त के साथ मारपीट की गई. प्रकरण को लेकर लंका थाने में इकोनॉमिक्स डिपार्टमेंट के रिसर्च स्कॉलर और ब्रजनाथ हॉस्टल में रहने वाले हर्ष यादव व रंजीत यादव और आनंद यादव के अलावा अज्ञात छात्रों के खिलाफ लंका थाने में मुकदमा दर्ज किया गया. आरोप था कि इन लड़कों ने पहले तो छेड़खानी की उसके बाद अश्लील हरकतें करनी शुरू कर दी थीं.
5.प्रोफेसर की पिस्टल सटाकर की पिटाई
मामला साल 2023 के अक्टूबर महीने का है. काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में मार्निंग वॉक के दौरान कॉमर्स फैकल्टी के डीन प्रोफेसर जीसीआर जायसवाल पर कुछ छात्रों ने हमला बोल दिया. प्रोफेसर ने आरोप लगाया कि छात्रों ने पिस्टल सटाकर धमकी भी दी थी. इस दौरान चीख पुकार सुनकर जब तक लोग मौके पर पहुंचते तब तक आरोपी छात्र फरार हो गया. आरोप है कि इस दौरान एक छात्र ने उनकी जमकर पिटाई कर दी थी. इस हमले में प्रोफेसर को गंभीर चोटें आईं थी. इसके बाद लोगों ने उन्हें बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया था. प्रोफेसर ने इस मामले में लंका थाने में शिकायत दर्ज कराई थी.
6.कैंपस में छात्र पर बदमाशों ने बरसाई गोली
साल 2019 में विश्वविद्यालय का छात्र गौरव शाम लगभग सात बजे बिड़ला चौराहा पर अपने दोस्तों से बात कर रहा था. इसी दौरान 2 बाइकों पर सवार 4 बदमाश आए और गौरव को निशाना बनाकर 2 पिस्तौलों से 8-10 गोलियां उस पर बरसा दीं. एमएससी के छात्र गौरव को दिसंबर 2017 में BHU में हुए बवाल का आरोपी होने के कारण 2018 में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. इसी के बाद से वह कॉलेज से निष्कासित चल रहा था. BHU परिसर में गोली मारे जाने से गंभीर रूप से घायल छात्र गौरव सिंह की अस्पताल में मौत हो गई थी.
साल 2017 में छात्राओं ने किया था प्रदर्शन
इससे पहले भी हुई एक घटना ने बीएचयू के प्रशासन को शर्मशार कर दिया था. 23 सितंबर साल 2017 को बीएचयू में छेड़खानी से परेशान होकर छात्राओं ने विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान बीएचयू के मुख्यद्वार पर महिला सुरक्षा के मुद्दे पर देश का सबसे बड़ा आंदोलन किया गया था. इस दौरान पुलिस ने विरोध कर रही छात्राओं को जमकर पीटा था. यह मुद्दा देश-विदेश में सुर्खियों में बना हुआ था. इसके बाद मामला बड़ा हुआ तो कैंपस में कई बदलाव किए गए. इसके साथ ही पहली बार महिला चीफ प्रॉक्टर की नियुक्ति की गई. कैंपस में सीसीटी कैमरे लगवाए गए. सुरक्षाकर्मियों में महिलाओं को भी शामिल किया गया.
यूपी कांग्रेस ने इस घटना पर उठाए सवाल
ये घटना कोई सामान्य घटना नहीं है. जिस तरह से विश्वविद्यालय के अंदर ये घटना हुई है वह यहां की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, इसे लेकर कांग्रेस सहित विपक्षियों ने सवाल करना शुरू कर दिया है. यूपी कांग्रेस ने कहा, 'आखिर ये छेड़खानी कौन करता है. BHU प्रशासन उन पर कार्रवाई क्यों नहीं करता है? देश का भविष्य जिस परेशानी के कारण सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गया है. उस पर भी अगर ये सत्ता नहीं सुनेगी तो कब और क्या सुनेगी. महिला सुरक्षा का दावा करने वाले कहां हैं? कहां हैं बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा लगाने वाले. अगर बेटी शोहदों से ही नहीं बचेगी तो पढ़ेगी कैसे?'
सुरक्षा पर खर्च होते हैं करीब 7 करोड़
एक आंकड़े के मुताबिक, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में सुरक्षा के लिए सालाना बजट करीब 7 करोड़ रुपये है. मुख्य कैंपस की सुरक्षा के लिए लगभग 400 सुरक्षाकर्मियों को जिम्मेदारी दी गई है. इसमें एक चीफ प्रॉक्टर और उनके साथ टीम होती है. सुरक्षाकर्मियों को आधा दर्जन जिप्सी, एक वज्र वाहन तथा तीन दर्जन वॉकी टॉकी उपलब्ध कराये गए हैं. मुख्य परिसर समेत बरकछा के दक्षिणी परिसर एवं ट्रामा सेंटर में तैनात 700 सुरक्षाकर्मियों के वेतन, वाहन आदि पर करीब 7 करोड़ से अधिक का खर्च आता है. इसके बाद भी विश्वविद्यालय परिसर में लगातार ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं. छात्राओं के साथ छेड़खानी के सबसे अधिक मामले सामने आ चुके हैं.
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