ETV Bharat / state

वाराणासी में सहेजी जाएंगीं बापू की यादें, बनेगा म्यूजियम

वाराणासी में विद्यापीठ परिसर में बापू (Mahatma Gandhi) की यादों को हेरिटेज के रूप में विकसित किया जाएगा. इस स्थान को पर्यटन के केंद्र के रूप में स्थापित किया जाएगा. इससे लोग बापू को वृहद स्वरूप में जान सकेंगे.

वाराणासी में सहेजी जाएंगीं बापू की यादें.
वाराणासी में सहेजी जाएंगीं बापू की यादें.
author img

By

Published : Sep 16, 2021, 10:10 AM IST

Updated : Sep 16, 2021, 7:22 PM IST

वाराणासी: महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के बारे में अब तक किताबों में पढ़ा जाता था, लेकिन पहली बार होगा जब वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के गांधी अध्ययन पीठ सभागार में बापू के ऊपर अध्ययन, अध्यापन, शोध के साथ-साथ उन्हें सुना और देखा भी जा सकेगा. उनकी जीवनी के बारे में जाना जा सकेगा. इसको लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से सांस्कृतिक मंत्रालय और सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है. हरी झंडी मिलने के बाद विद्यापीठ परिसर में बापू की यादों को हेरिटेज के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे लोग बापू को और वृहद स्वरूप में जान सके और इस स्थान को पर्यटन के केंद्र के रूप में स्थापित किया जाएगा.

विद्यापीठ के 100 साल पूरे होने पर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से लगातार तमाम कवायद की जा रही है. इसी क्रम में परिसर के गांधी अध्ययन पीठ सभागार को एक हेरिटेज कल्चर के रूप में विकसित किए जाने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे बापू से जुड़े शोध, अध्ययन, अध्यापन का कार्य विद्यार्थी व आम जनमानस कर सके. इसके लिए यहां पर शॉर्ट टर्म कोर्स भी शुरू करने की व्यवस्था की जा रही है. इसके साथ ही यहां मौजूद बापू की याद व उनके कमरे को म्यूजियम के रूप में बनाने की कवायद की जा रही है.

वाराणासी में सहेजी जाएंगीं बापू की यादें.

कुलपति प्रो. एके त्यागी ने बताया कि यह देश का ऐसा केंद्र होगा जहां पर बापू पर अध्ययन अध्यापन शोध के साथ ही ऑडियो और वीडियो के माध्यम से बापू के जीवन से जुड़ी घटनाएं, कहानियां के बारे में लोग जान सकेंगे. उन्होंने बताया कि शोध केंद्र बनाने व यहां मौजूद म्यूजियम को विकसित करने का प्रस्ताव तैयार कर संस्कृति मंत्रालय को भेजा गया है. जैसे ही इस पर स्वीकृति होगी आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी.

बनेगा म्यूजियम
बनेगा म्यूजियम

इसे भी पढ़ें: राजभवन में स्थापित होगी भगवान शिव की भव्य प्रतिमा

विद्यापीठ परिसर में 1934 में जब बापू बनारस आए थे तो 7 दिन यहां कमरे में ठहरे थे. बापू के उस कमरे को बेहद सहेज के रखा गया है, जहां पर बापू की फोटो और उनकी कुछ यादें मौजूद है. यहां विश्वविद्यालय की ओर से अभी से एक वृहद म्यूजियम बनाने की तैयारी की जा रही है, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र होगा. कुलपति ने बताया कि अध्ययन पीठ सभागार में लाइब्रेरी है, जहां पर उनसे जुड़ी तमाम किताबें मौजूद हैं. लाइब्रेरी और म्यूजियम को डिजिटल बनाया जाएगा, जिससे आमजन सहजता से बापू को पढ़ व समझ सके.

वाराणासी: महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के बारे में अब तक किताबों में पढ़ा जाता था, लेकिन पहली बार होगा जब वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के गांधी अध्ययन पीठ सभागार में बापू के ऊपर अध्ययन, अध्यापन, शोध के साथ-साथ उन्हें सुना और देखा भी जा सकेगा. उनकी जीवनी के बारे में जाना जा सकेगा. इसको लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से सांस्कृतिक मंत्रालय और सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है. हरी झंडी मिलने के बाद विद्यापीठ परिसर में बापू की यादों को हेरिटेज के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे लोग बापू को और वृहद स्वरूप में जान सके और इस स्थान को पर्यटन के केंद्र के रूप में स्थापित किया जाएगा.

विद्यापीठ के 100 साल पूरे होने पर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से लगातार तमाम कवायद की जा रही है. इसी क्रम में परिसर के गांधी अध्ययन पीठ सभागार को एक हेरिटेज कल्चर के रूप में विकसित किए जाने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे बापू से जुड़े शोध, अध्ययन, अध्यापन का कार्य विद्यार्थी व आम जनमानस कर सके. इसके लिए यहां पर शॉर्ट टर्म कोर्स भी शुरू करने की व्यवस्था की जा रही है. इसके साथ ही यहां मौजूद बापू की याद व उनके कमरे को म्यूजियम के रूप में बनाने की कवायद की जा रही है.

वाराणासी में सहेजी जाएंगीं बापू की यादें.

कुलपति प्रो. एके त्यागी ने बताया कि यह देश का ऐसा केंद्र होगा जहां पर बापू पर अध्ययन अध्यापन शोध के साथ ही ऑडियो और वीडियो के माध्यम से बापू के जीवन से जुड़ी घटनाएं, कहानियां के बारे में लोग जान सकेंगे. उन्होंने बताया कि शोध केंद्र बनाने व यहां मौजूद म्यूजियम को विकसित करने का प्रस्ताव तैयार कर संस्कृति मंत्रालय को भेजा गया है. जैसे ही इस पर स्वीकृति होगी आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी.

बनेगा म्यूजियम
बनेगा म्यूजियम

इसे भी पढ़ें: राजभवन में स्थापित होगी भगवान शिव की भव्य प्रतिमा

विद्यापीठ परिसर में 1934 में जब बापू बनारस आए थे तो 7 दिन यहां कमरे में ठहरे थे. बापू के उस कमरे को बेहद सहेज के रखा गया है, जहां पर बापू की फोटो और उनकी कुछ यादें मौजूद है. यहां विश्वविद्यालय की ओर से अभी से एक वृहद म्यूजियम बनाने की तैयारी की जा रही है, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र होगा. कुलपति ने बताया कि अध्ययन पीठ सभागार में लाइब्रेरी है, जहां पर उनसे जुड़ी तमाम किताबें मौजूद हैं. लाइब्रेरी और म्यूजियम को डिजिटल बनाया जाएगा, जिससे आमजन सहजता से बापू को पढ़ व समझ सके.

Last Updated : Sep 16, 2021, 7:22 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.