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फर्जी नियुक्ति पर बोले काशी विद्यापीठ के चीफ प्रॉक्टर, हर तफ्तीश को हूं तैयार - चीफ डॉक्टर प्रोफेसर संतोष कुमार

वाराणसी का महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ इन दिनों फिर विवादों में है. अबकी बार विवाद चीफ प्रॉक्टर की नियुक्ति को लेकर है.

वाराणसी का महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ इन दिनों फिर विवादों में है
वाराणसी का महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ इन दिनों फिर विवादों में हैवाराणसी का महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ इन दिनों फिर विवादों में है
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Published : Oct 15, 2020, 5:40 AM IST

वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ और विवादों का साथ हमेशा से रहा है. आए दिन किसी न किसी विवाद को लेकर विश्वविद्यालय सुर्खियों में बना रहता है. इन दिनों विद्यापीठ चीफ प्रॉक्टर की नियुक्ति को लेकर चर्चा में है. विश्वविद्यालय के छात्र संघ नेता संदीप यादव ने चीफ प्रॉक्टर के ऊपर फर्जी नियुक्ति का आरोप लगाया है.

जानकारी देते चीफ प्रॉक्टर
छात्र संघ के नेता संदीप यादव का कहना है कि चीफ प्रॉक्टर की नियुक्ति फर्जी तरीके से हुई है. इसको लेकर बीते दिनों से छात्र लगातार धरने पर बैठे हुए हैं. वहीं इस मामले को तूल पकड़ता देख चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर संतोष कुमार ने प्रेस वार्ता कर मीडिया के सामने अपनी बात रखी और साथ ही अपनी नियुक्ति से जुड़े साक्ष्यों को भी दिखाया.
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महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ इन दिनों चीफ प्रॉक्टर की नियुक्ति को लेकर चर्चा में है.
मीडिया से बातचीत में चीफ़ प्रॉक्टर प्रोफेसर संतोष कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय में किसी भी पद पर नियुक्ति एडवर्टाइजमेंट से होती है. विद्यापीठ ने ऐड प्रकाशित किया था, जिसकी संख्या 12002 थी, इसमें एक शब्द भी ऐसा नहीं लिखा हुआ था कि आवेदक यूपी का ही होना चाहिए, तभी उसे आरक्षण का लाभ मिलेगा.
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चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर संतोष कुमार ने प्रेस वार्ता कर मीडिया के सामने अपनी बात रखी और अपने नियुक्ति से जुड़े साक्ष्य को भी सामने रखा.

उन्होंने बताया कि 2/2011 और विज्ञापन संख्या 2/2012 में स्पष्ट लिखा हुआ है कि उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए. उन्होंने बताया कि जब मैंने आवेदन फॉर्म विश्वविद्यालय के लिए भरा था तो मुझे इंटरव्यू के लिए कॉल किया गया था और विश्वविद्यालय की कमेटी ने इंटरव्यू के लिए बुलाया था. उन्होंने बताया कि उस इंटरव्यू में मेरे अपने बैच के विद्यार्थियों को भी कॉल किया गया था, जो विभिन्न राज्यों के रहने वाले थे. मुझ पर जो इल्जाम लगाया जा रहा है, वह पूरी तरीके से गलत है.

कमेटी ने यह आदेश दिया कि जो मेरे ऊपर इल्जाम लगाया गया है, वह निराधार है. मैंने खुद रजिस्ट्रार को पत्र लिखा था कि आप इसकी जांच कराए. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे ऊपर इंक्वायरी बैठी है, लेकिन आज तक प्रोफ़ेसर सुशील कुमार पर इंक्वायरी क्यों नहीं बैठी.

प्रोफेसर संतोष कुमार ने कहा कि संदीप यादव शायद यह कार्य किसी के भड़काने पर कर रहे हैं. लेकिन यह गलत है. मैं हर तरह की इंक्वायरी के लिए तैयार हूं, क्योंकि मेरी नियुक्ति पूरे न्यायोचित तरीके से की गई है.

वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ और विवादों का साथ हमेशा से रहा है. आए दिन किसी न किसी विवाद को लेकर विश्वविद्यालय सुर्खियों में बना रहता है. इन दिनों विद्यापीठ चीफ प्रॉक्टर की नियुक्ति को लेकर चर्चा में है. विश्वविद्यालय के छात्र संघ नेता संदीप यादव ने चीफ प्रॉक्टर के ऊपर फर्जी नियुक्ति का आरोप लगाया है.

जानकारी देते चीफ प्रॉक्टर
छात्र संघ के नेता संदीप यादव का कहना है कि चीफ प्रॉक्टर की नियुक्ति फर्जी तरीके से हुई है. इसको लेकर बीते दिनों से छात्र लगातार धरने पर बैठे हुए हैं. वहीं इस मामले को तूल पकड़ता देख चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर संतोष कुमार ने प्रेस वार्ता कर मीडिया के सामने अपनी बात रखी और साथ ही अपनी नियुक्ति से जुड़े साक्ष्यों को भी दिखाया.
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महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ इन दिनों चीफ प्रॉक्टर की नियुक्ति को लेकर चर्चा में है.
मीडिया से बातचीत में चीफ़ प्रॉक्टर प्रोफेसर संतोष कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय में किसी भी पद पर नियुक्ति एडवर्टाइजमेंट से होती है. विद्यापीठ ने ऐड प्रकाशित किया था, जिसकी संख्या 12002 थी, इसमें एक शब्द भी ऐसा नहीं लिखा हुआ था कि आवेदक यूपी का ही होना चाहिए, तभी उसे आरक्षण का लाभ मिलेगा.
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चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर संतोष कुमार ने प्रेस वार्ता कर मीडिया के सामने अपनी बात रखी और अपने नियुक्ति से जुड़े साक्ष्य को भी सामने रखा.

उन्होंने बताया कि 2/2011 और विज्ञापन संख्या 2/2012 में स्पष्ट लिखा हुआ है कि उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए. उन्होंने बताया कि जब मैंने आवेदन फॉर्म विश्वविद्यालय के लिए भरा था तो मुझे इंटरव्यू के लिए कॉल किया गया था और विश्वविद्यालय की कमेटी ने इंटरव्यू के लिए बुलाया था. उन्होंने बताया कि उस इंटरव्यू में मेरे अपने बैच के विद्यार्थियों को भी कॉल किया गया था, जो विभिन्न राज्यों के रहने वाले थे. मुझ पर जो इल्जाम लगाया जा रहा है, वह पूरी तरीके से गलत है.

कमेटी ने यह आदेश दिया कि जो मेरे ऊपर इल्जाम लगाया गया है, वह निराधार है. मैंने खुद रजिस्ट्रार को पत्र लिखा था कि आप इसकी जांच कराए. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे ऊपर इंक्वायरी बैठी है, लेकिन आज तक प्रोफ़ेसर सुशील कुमार पर इंक्वायरी क्यों नहीं बैठी.

प्रोफेसर संतोष कुमार ने कहा कि संदीप यादव शायद यह कार्य किसी के भड़काने पर कर रहे हैं. लेकिन यह गलत है. मैं हर तरह की इंक्वायरी के लिए तैयार हूं, क्योंकि मेरी नियुक्ति पूरे न्यायोचित तरीके से की गई है.

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