वाराणसी: वैश्विक महामारी कोरोना के कारण उद्घाटन के कुछ ही दिनों बाद महाकाल एक्सप्रेस की सेवा को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था. लेकिन अब 20 महीने के बाद एक बार फिर से यह ट्रेन पटरी पर दौड़ने को तैयार है. वहीं, वाराणसी के कैंट स्टेशन से इसका संचालन शुरू होने जा रहा है. बताया गया कि उद्धाटन के कुछ ही दिनों बाद संक्रमण के खतरों को देखते हुए इसका संचालन अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था, लेकिन अब 20 महीने के बाद फिर से यह ट्रेन पटरी पर दौड़ने को तैयार है और इसका संचालन आज कैंट स्टेशन से किया जाएगा.
शनिवार की शाम को रेलवे बोर्ड ने मंडल मुख्यालय को निर्देश जारी कर दिया है. वहीं, एक बार पुनः चलने के लिए तैयार गाड़ी संख्या-82403/82404 श्रीकाशी-महाकाल एक्सप्रेस के परिचालन को लेकर कुछ बदलाव भी किए गए हैं. महाकाल एक्सप्रेस की परिचालन आईआरसीटीसी (इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन) के बजाय खुद भारतीय रेलवे के जिम्मे होगी. द्विसाप्ताहिक यह ट्रेन वाराणसी से सप्ताह में सिर्फ एक दिन रविवार को चलाई जाएंगी. इंदौर से प्रत्येक मंगलवार को यह ट्रेन वाराणसी के लिए प्रस्थान करेगी.
काशी महाकाल एक्सप्रेस आईआरसीटीसी की तीसरी प्राइवेट ट्रेन है. आईआरसीटीसी की अन्य दो प्राइवेट ट्रेन लखनऊ-नई दिल्ली तेजस, अहमदाबाद-मुंबई तेजस है. काशी-महाकाल सुपरफास्ट वातानुकूलित ट्रेन है, जिसमें स्लीपर क्लास की सुविधा उपलब्ध है. यह ट्रेन तीन ज्योतिर्लिंगों-ओंकारेश्वर (इंदौर), महाकालेश्वर (उज्जैन) और काशी विश्वनाथ (वाराणसी) को जोड़ती है.
महाकाल एक्सप्रेस गाड़ी संख्या-82403 वाराणसी जंक्शन से शाम 3 बजकर 15 मिनट पर प्रस्थान करेगी. साथ ही बताया गया कि शाम पांच बजे यह ट्रेन प्रयागराज पहुंचेगी. रात्रि 8.50 बजे कानपुर सेंट्रल में इसका आगमन होगा. देर रात 12.40 बजे झांसी, 2.35 बजे बीना के रास्ते अगले दिन अलसुबह 4.45 बजे संत हिरदाराम नगर पहुंचेगी.
इसके बाद सुबह 7.05 बजे ठहराव के बाद यह ट्रेन सुबह 9.05 बजे इंदौर पहुंचेगी. वापसी में गाड़ी संख्या-82404 इंदौर से सुबह 10.15 बजे चलकर अगले दिन तड़के सुबह वाराणसी जंक्शन पहुंचेगी.
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