वाराणसी: भारतीय ज्योतिष के अनुसार सनातन परम्परा में हिन्दू धर्मावलंबी अपने समस्त शुभ कार्य शुभ मुहूर्त में करते हैं. मान्यता के अनुसार वर्ष में दो बार खरमास होता है. जब सूर्य ग्रह धनु राशि एवं मीन राशि में रहते हैं तो खरमास की स्थिति बनती है. इस कालावधि में वैवाहिक एवं मांगलिक कार्य स्थगित रहते हैं. ज्योतिषविद विमल जैन ने बताया कि ज्योतिष गणना के अनुसार भगवान भाष्कर मकर राशि में आकर उत्तरायण हो जाते हैं, तो समस्त मांगलिक कृत्यों का आयोजन शुरू हो जाता है.
इस वर्ष सूर्यदेव (भगवान भाष्कर) 14 जनवरी, रविवार, पौष शुक्ल चतुर्थी के दिन अर्द्धरात्रि के पश्चात् 2 बजकर 43 मिनट पर धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश कर चुके हैं. जिसके बाद खरमास की समाप्ति हो चुकी है. साथ ही समस्त शुभ कार्य शुभ मुहूर्त में प्रारम्भ हो जाएंगे. 15 जनवरी से फाल्गुन शुक्ल पक्ष की सप्तमी, 16 फरवरी तक समय शुद्ध रहेगा. 14 अप्रैल से 28 अप्रैल तक समय शुद्ध रहेगा. 29 जून से 15 जुलाई तक समय शुद्ध रहेगा, तत्पश्चात् 12 नवम्बर से 14 दिसम्बर तक समय शुद्ध रहेगा.
शुद्ध विवाह मुहूर्त
- जनवरी - 16, 20, 22, 30, 31
- फरवरी-4, 6, 12, 18
- मार्च - 4, 6
- अप्रैल- 18
- जुलाई-9, 11, 15, 22
- नवम्बर-22, 23
- दिसम्बर - 1, 4 व 11
विमल जैन ने बताया कि फाल्गुन शुक्ल अष्टमी, 17 मार्च से चैत्र शुक्ल पंचमी, 13 अप्रैल तक खरमास, होलाष्टक के समय वैवाहिक एवं अन्य शुभ कार्यों का मुहूर्त नहीं बनता है. वैशाख कृष्ण पंचमी, 29 अप्रैल से आषाढ़ कृष्ण सप्तमी, 28 जून तक गुरु, शुक्र अस्त होने के कारण मांगलिक कृत्यों पर विराम लग जाएगा. आषाढ़ शुक्ल दशमी, 16 जुलाई से कार्तिक शुक्ल दशमी, 11 नवम्बर (हरिशयनी एकादशी) तक चातुर्मास्य के कारण भी वैवाहिक एवं अन्य मांगलिक कृत्य सम्पन्न नहीं होंगे. देवप्रबोधिनी एकादशी के पश्चात् 12 नवम्बर से 14 दिसम्बर तक समय शुभ रहेगा.
समस्त मांगलिक कृत्य विवाह, वधू प्रवेश, नामकरण, गृह निर्माण, गृह प्रवेश आदि किए जा सकेंगे. इसके पश्चात् पुनः 15 दिसम्बर से सूर्यग्रह धनु राशि में प्रवेश करेंगे जिससे खरमास प्रारम्भ हो जाएगा. खरमास में वैवाहिक एवं अन्य समस्त मांगलिक कार्य स्थगित रहेंगे. शुभ वैवाहिक मुहूर्त में वर कन्या के जन्म नक्षत्र, जन्मराशि से सूर्य, चन्द्रमा, गुरु एवं शुक्र ग्रह विचारणीय माने गए हैं. इन ग्रहों के शुभाशुभ एवं बलाबल पर विचार करके शुभ मुहूर्त की गणना की जाती है.