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बनारस में अब बहू बेटियों के नाम पर होगा सड़क, चौराहे और पार्क का नामाकरण - बहू बेटियों के नाम पर होगा सड़क

अभी तक आपने अपने शहर में महापुरुषों और समाजसेवियों के नाम पर संस्थानों, पार्कों और सड़कों का नामाकरण होता आया है. मगर पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में तालाब, चौराहे, पार्क, पुस्तकालय के नामाकरण को लेकर नया ट्रेंड शुरू होने वाला है.

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Published : Feb 15, 2023, 9:16 PM IST

वाराणसी : धर्म नगरी काशी में गांव के तालाब, चौराहे, पार्क, पुस्तकालय अब शहर की बहू बेटियों के नाम पर रखे जाएंगे. प्रदेश और देश में नाम रोशन करने वाली बेटियों और बहुओं का मान बढ़ाने के लिए वाराणसी में प्रशासन काशी की गरिमा प्रोजेक्ट के तहत एक नई शुरुआत करने जा रहा है. जिला प्रोबेशन अधिकारी सुधाकर शरण पांडेय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इसका मकसद महिला शक्ति को लेकर लोगों की सोच को बदलना है.

अगर आप अपने इलाके में आसपास नजर दौड़ाएंगे तो स्कूल-कॉलेज, सड़क और संस्थानों के नाम किसी महापुरुष के नाम पर मिलेंगे. कई जगहों पर स्थानीय नेताओं, कवियों और समाजसेवी के नाम भी दिख जाएंगे. मगर वाराणसी में नामाकरण का जो ट्रेंड शुरू होने वाला है, वह काफी दिलचस्प है. वाराणसी प्रशासन ने देश और प्रदेश में जिले का नाम रोशन करने वाली बहू-बेटियों के नाम पर तालाब, चौराहे, पार्क, पुस्तकालय का नामाकरण किया जाएगा.

बता दें कि इसके पहले मिशन शक्ति के तहत जनपद के सभी स्कूलों की दीवारों पर बेटियों की सफलता सफलता की कहानी लिखकर उन्हें प्रोत्साहित किया गया था, ताकि समाज में बेटियों को लेकर के लोगों की सोच बदल सके. इसी सोच को बदलने के क्रम में अब इसे विस्तृत रूप दिया जा रहा है. नामाकरण के लिए बकायदा अलग-अलग विभागों से बेटियों का आंकड़ा भी जुटाया जा रहा है.

जिला प्रोबेशन अधिकारी सुधाकर शरण पांडेय ने बताया कि, बेटियों के प्रति गांव वालों की सोच को बदलने और अन्य बेटियों को प्रेरित करने के उद्देश्य से काशी की गरिमा प्रोजेक्ट की शुरुआत होने जा रही है. जिसके तहत बहू बेटियों के नाम से अमृत सरोवर, पुस्तकालय, सड़क चौराहे इत्यादि बनाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि इस को लेकर के बकायदा सभी अलग-अलग विभागों को पत्र भेज दिया गया है और उनसे बेटियों के आंकड़े मांगे जा रहे हैं. आंकड़े उपलब्ध होने के बाद इनमें से बेटी और बहुओं को चयनित किया जाएगा और उसके बाद नामकरण होगा.

शहरों में भी होगा नामकरण : सुधाकर शरण पांडेय ने बताया कि पहले फेज के तहत इसे बनारस के पूरे ग्रामीण अंचल में संचालित किया जाएगा. उसके बाद शहरी क्षेत्र में भी संचालित करने की योजना है. शहरी क्षेत्र में वॉर्ड और स्थानों को नए नाम से नवाजा जाएगा. उन्होंने बताया कि पहले प्रमुखता गांव को इसलिए दी गई है, क्योंकि शहर में रहने वाला व्यक्ति वाराणसी के गांव से भी जुड़ा हुआ है. हमें उम्मीद है कि गांव की शुरुआत से लगभग 80 फीसदी बेटियां कवर हो जाएंगी.


इन क्षेत्रों की बेटी बहुओं को मिलेगा सम्मान : उन्होंने बताया कि बेटी और बहू के चयन के लिए अलग-अलग क्षेत्रों का भी निर्धारण किया गया है. जिसमें खेलकूद, शिक्षा, व्यापार, साहित्य, पत्रकारिता, उच्च पद पर कार्यरत, समाज सेवा लगायत अन्य क्षेत्र शामिल रहेंगे. जइस योजना को क्रियान्वित करने के लिए सभी विकासखंड के ग्राम पंचायतों को यह निर्देशित किया गया है कि वह जल्द से जल्द इन सभी क्षेत्रों से संबंधित बहु बेटी की सूची जिला प्रोबेशन कार्यालय में उपलब्ध कराएं.

पढ़ें : एक्वेरियम रखने में कुछ गलतियां आपकी खुशियों पर लगा सकती हैं ग्रहण, जानिए बचाव के उपाय

वाराणसी : धर्म नगरी काशी में गांव के तालाब, चौराहे, पार्क, पुस्तकालय अब शहर की बहू बेटियों के नाम पर रखे जाएंगे. प्रदेश और देश में नाम रोशन करने वाली बेटियों और बहुओं का मान बढ़ाने के लिए वाराणसी में प्रशासन काशी की गरिमा प्रोजेक्ट के तहत एक नई शुरुआत करने जा रहा है. जिला प्रोबेशन अधिकारी सुधाकर शरण पांडेय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इसका मकसद महिला शक्ति को लेकर लोगों की सोच को बदलना है.

अगर आप अपने इलाके में आसपास नजर दौड़ाएंगे तो स्कूल-कॉलेज, सड़क और संस्थानों के नाम किसी महापुरुष के नाम पर मिलेंगे. कई जगहों पर स्थानीय नेताओं, कवियों और समाजसेवी के नाम भी दिख जाएंगे. मगर वाराणसी में नामाकरण का जो ट्रेंड शुरू होने वाला है, वह काफी दिलचस्प है. वाराणसी प्रशासन ने देश और प्रदेश में जिले का नाम रोशन करने वाली बहू-बेटियों के नाम पर तालाब, चौराहे, पार्क, पुस्तकालय का नामाकरण किया जाएगा.

बता दें कि इसके पहले मिशन शक्ति के तहत जनपद के सभी स्कूलों की दीवारों पर बेटियों की सफलता सफलता की कहानी लिखकर उन्हें प्रोत्साहित किया गया था, ताकि समाज में बेटियों को लेकर के लोगों की सोच बदल सके. इसी सोच को बदलने के क्रम में अब इसे विस्तृत रूप दिया जा रहा है. नामाकरण के लिए बकायदा अलग-अलग विभागों से बेटियों का आंकड़ा भी जुटाया जा रहा है.

जिला प्रोबेशन अधिकारी सुधाकर शरण पांडेय ने बताया कि, बेटियों के प्रति गांव वालों की सोच को बदलने और अन्य बेटियों को प्रेरित करने के उद्देश्य से काशी की गरिमा प्रोजेक्ट की शुरुआत होने जा रही है. जिसके तहत बहू बेटियों के नाम से अमृत सरोवर, पुस्तकालय, सड़क चौराहे इत्यादि बनाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि इस को लेकर के बकायदा सभी अलग-अलग विभागों को पत्र भेज दिया गया है और उनसे बेटियों के आंकड़े मांगे जा रहे हैं. आंकड़े उपलब्ध होने के बाद इनमें से बेटी और बहुओं को चयनित किया जाएगा और उसके बाद नामकरण होगा.

शहरों में भी होगा नामकरण : सुधाकर शरण पांडेय ने बताया कि पहले फेज के तहत इसे बनारस के पूरे ग्रामीण अंचल में संचालित किया जाएगा. उसके बाद शहरी क्षेत्र में भी संचालित करने की योजना है. शहरी क्षेत्र में वॉर्ड और स्थानों को नए नाम से नवाजा जाएगा. उन्होंने बताया कि पहले प्रमुखता गांव को इसलिए दी गई है, क्योंकि शहर में रहने वाला व्यक्ति वाराणसी के गांव से भी जुड़ा हुआ है. हमें उम्मीद है कि गांव की शुरुआत से लगभग 80 फीसदी बेटियां कवर हो जाएंगी.


इन क्षेत्रों की बेटी बहुओं को मिलेगा सम्मान : उन्होंने बताया कि बेटी और बहू के चयन के लिए अलग-अलग क्षेत्रों का भी निर्धारण किया गया है. जिसमें खेलकूद, शिक्षा, व्यापार, साहित्य, पत्रकारिता, उच्च पद पर कार्यरत, समाज सेवा लगायत अन्य क्षेत्र शामिल रहेंगे. जइस योजना को क्रियान्वित करने के लिए सभी विकासखंड के ग्राम पंचायतों को यह निर्देशित किया गया है कि वह जल्द से जल्द इन सभी क्षेत्रों से संबंधित बहु बेटी की सूची जिला प्रोबेशन कार्यालय में उपलब्ध कराएं.

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