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वाराणसी: 101वें दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे अर्थशास्त्री विजय केलकर - indian economist vijay kelkar arrives

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 101वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अर्थशास्त्री विजय केलकर काशी हिंदू विश्वविद्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था के बारे में अपनी बात रखी.

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अर्थव्यवस्था पर बात करते अर्थशास्त्री विजय केलक.
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Published : Dec 24, 2019, 9:04 AM IST

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के 101वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अर्थशास्त्री विजय केलकर पहुंचे. दीक्षांत समारोह के बाद अर्थशास्त्री विजय केलकर ने पत्रकारों से वार्ता की और देश की अर्थव्यवस्था पर अपनी बात रखी.

अर्थव्यवस्था पर बात करते अर्थशास्त्री विजय केलकर.
अर्थव्यवस्था की रीढ़ है सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग
अर्थशास्त्री पद्मभूषण विजय केलकर ने कहा कि सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और निर्यात में इनकी भूमिका है. जीएसटी का और भी सरलीकरण किया जाए ताकि इस महत्वपूर्ण सेक्टर को अधिक से अधिक लाभ मिले. बिजली को भी इसमें शामिल किया जाए ताकि लागत में कमी आए और उसका लाभ एमएसएमई सेक्टर को मिले.

नीतियों में करना होगा बदलाव
अर्थशास्त्री पद्मभूषण विजय केलकर ने कहा अर्थव्यवस्था में सुधार रातों-रात नहीं होगा. इसके लिए नीतियों में बदलाव करना होगा. केंद्रीय राज्य स्तर पर ही नहीं स्थानीय स्तर पर भी खामियां हैं, जिन्हें दूर करना जरूरी है. साथ ही देश में न्याय प्रणाली कर प्रणाली पुलिसिंग और प्राथमिक शिक्षा को ठीक करने की जरूरत है. इन बिंदुओं पर यदि बेहतर तरीके से काम किया जाए, तो भारत को अपने पुराने गौरव को अवश्य प्राप्त करेगा.

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के 101वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अर्थशास्त्री विजय केलकर पहुंचे. दीक्षांत समारोह के बाद अर्थशास्त्री विजय केलकर ने पत्रकारों से वार्ता की और देश की अर्थव्यवस्था पर अपनी बात रखी.

अर्थव्यवस्था पर बात करते अर्थशास्त्री विजय केलकर.
अर्थव्यवस्था की रीढ़ है सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग
अर्थशास्त्री पद्मभूषण विजय केलकर ने कहा कि सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और निर्यात में इनकी भूमिका है. जीएसटी का और भी सरलीकरण किया जाए ताकि इस महत्वपूर्ण सेक्टर को अधिक से अधिक लाभ मिले. बिजली को भी इसमें शामिल किया जाए ताकि लागत में कमी आए और उसका लाभ एमएसएमई सेक्टर को मिले.

नीतियों में करना होगा बदलाव
अर्थशास्त्री पद्मभूषण विजय केलकर ने कहा अर्थव्यवस्था में सुधार रातों-रात नहीं होगा. इसके लिए नीतियों में बदलाव करना होगा. केंद्रीय राज्य स्तर पर ही नहीं स्थानीय स्तर पर भी खामियां हैं, जिन्हें दूर करना जरूरी है. साथ ही देश में न्याय प्रणाली कर प्रणाली पुलिसिंग और प्राथमिक शिक्षा को ठीक करने की जरूरत है. इन बिंदुओं पर यदि बेहतर तरीके से काम किया जाए, तो भारत को अपने पुराने गौरव को अवश्य प्राप्त करेगा.

Intro:स्पेशल वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के 101 वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे अर्थशास्त्री विजय केलकर। दीक्षांत समारोह के बाद पत्रकारों से किया वार्ता। देश की अर्थव्यवस्था पर अपनी बात रखी।


Body:अर्थशास्त्री पद्मभूषण विजय केलकर ने कहा अर्थव्यवस्था में सुधार रातोंरात नहीं होगा। इसके लिए नीतियों में बदलाव करना होगा केंद्रीय राज्य स्तर पर ही नहीं स्थानीय स्तर पर भी खामियां हैं जिन्हें दूर करना जरूरी है।


Conclusion:अर्थशास्त्री ने कहा सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं निर्यात में इनकी भूमिका है। जीएसटी का और भी सरलीकरण किया। जाए ताकि इस महत्वपूर्ण सेक्टर को अधिक से अधिक लाभ मिले बिजली को भी इसमें शामिल किया। जाए ताकि लागत में कमी आए और उसका लाभ एमएसएमई सेक्टर को मिले। विजय केलकर ने कहा देश में न्याय प्रणाली कर प्रणाली पुलिसिंग व प्राथमिक शिक्षा को ठीक करने की जरूरत है इन चार बिंदुओं पर यदि बेहतर तरीके से काम किया। जाए तो भारत को अपने पुराने गौरव को अवश्य प्राप्त करेगा सरकारी कंपनियों के निजी करण को वक्त की जरूरत बताया कहा यह कि फैसला काफी पहले हो जाना चाहिए। बाईट :-- पद्मभूषण विजय केलकर, अर्थशास्त्री। आशुतोष उपाध्याय 7007459303
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