बिल्ली पालने का बढ़ा क्रेज तो शून्य से सीधे 30 फीसदी पहुंचा कारोबार वाराणसी: आज का दौर सोशल मीडिया का दौर है. हर कोई सोशल मीडिया पर मौजूद है. अगर किसी की जिंदगी में कोई अच्छी खुशी का पल आया तो उसे वो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर देता है. ऐसे ही दुख और नई शुरुआत के क्षण भी लोग सोशल मीडिया पर शेयर करते रहते हैं. ऐसे ही कुछ लोग हैं जो पेट्स लवर हैं. वे लोग अपने पेट्स के तरह-तरह के फोटो या वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते रहते हैं. इनमें से ही एक है बिल्लियों को पालना. लोग बिल्लियों के साथ खेलते हुए अपनी पोस्ट शेयर करते रहते हैं.
एक ऐसे ही तस्वीर इन दिनों वाराणसी में नजर आ रही है. जहां सोशल मीडिया के असर ने लोगों में बिल्लियों के पालने के क्रेज को बढ़ा दिया है. इस क्रेज ने बिल्लियों के व्यापार को लगभग 30 फीसदी का उछाल भी दिया है. लोगों का कहना है कि कोरोना काल में समय बिताने में यह सॉफ्ट पेट एनिमल उनके बेहतर साथी साबित हुए.
बिल्लियां साफ-सुथरी होने के कारण लोग अधिक पालते हैं: पेट कारोबारी जैकी ने बताया कि आजकल लोग अपने घरों में पेट्स पालना चाहते हैं. घरों में डॉग, खरगोश, बिल्ली. डॉग लोगों के लिए एक स्टेटस सिंबल की तरह है. कुछ लोग इन्हें अपना समय बिताने के लिए भी पालते हैं. वहीं, बिल्लियां साफ-सुथरी रहती हैं. उनके लिए पॉट आता है, जिसमें वह टॉयलेट करती हैं. बिल्लियां प्यारी होने के साथ चूजी भी होती हैं. घर में बिल्ली रखना कोई बुरी बात नहीं होती है.
फेवरेट एक्टर या एक्ट्रेस को देख करते है ट्रेंड फॉलो: जैकी ने बताया कि जब लोग सोशल मीडिया पर देखते हैं कि उनका फेवरेट एक्टर या एक्ट्रेस ने बिल्ली या बिल्ला पाला हुआ है. उनमें भी जानवर पालने की इच्छा होती है. सोशल मीडिया जैसा ट्रेंड चल रहा होता है. लोग उसे फॉलो करने लगते हैं. ऐसे में सोशल मीडिया पर बिल्लियां पालने का ट्रेंड देखकर लोगों के मन में एक स्टेट्स सिंबल बन गया है. इसलिए बहुत से लोग अपने घरों में बिल्लियों को पालना शुरू कर रहे हैं. एक कारण ये भी है कि जब भी कोई अपने काम से परेशान घर पर आता है. इस पर अगर वह अपने पेट्स के साथ खेलेगा, तो उसका मानसिक तनाव भी कम होता है. वहीं, इससे कई मानसिक बीमारियां भी दूर होती हैं.
25 से 30 फीसदी तक बढ़ी बिल्लियों की डिमांड: जैकी ने बताया कि पहले तो बिल्लियों को कोई पूछता नहीं था. लेकिन, अब बाजार में 25 से 30 फीसदी तक बिल्लियों की मांग बढ़ गई है. इसका मुख्य कारण लॉकडाउन को माना जा सकता है. जब लॉकडाउन लगा था, तब लोग अपने घरों में शांति से रह रहे थे. लोगों ने अपना अकेलापन दूर करने के लिए बिल्लियों को पालना शुरू कर दिया. इसी के साथ समाज में एक दूसरे को देखकर भी लोगों में बिल्लियां पालने का चलन बढ़ रहा है.
सोशल मीडिया के ट्रेंड ने किया प्रभावित: चौकाघाट के रहने वाले दिव्यांशु चौबे कहते हैं कि बिल्लियां पालना हमारे घर में पहले मना था. फिर धीरे-धीरे समाज में बदलाव शुरू हुए. कई लोग अपने घरों में बिल्लियां पालने लगे, जिससे कि हर किसी को इसका शौक लग गया. उन्होंने इस बात पर भी सहमति जताई कि सोशल मीडिया में ट्रेंड ने भी उनको और साथ के लोगों को काफी प्रभावित किया है. क्योंकि जब कोई सेलिब्रिटी पेट्स (जानवारों) का शोऑफ करता है, तो उनको फॉलो करने वाले भी उनके ही जैसा बनना चाहते हैं. ऐसे में वे भी लोग बिल्लियां पालने लगते हैं.
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