ETV Bharat / state

सोमवती अमावस्या आज, श्रद्धालु काशी में लगा रहे आस्था की डुबकी - importance of somvati amavasya

वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर आज सोमवती अमावस्या के मौके पर गंगा में पुण्य की डुबकी लगाने वालों की भीड़ दिखाई दे रही है. आज सुबह से ही लोग गंगा में डुबकी लगाकर सोमवती अमावस्या पर पुण्य के भागीदार बन रहे हैं. जानकारों की माने तो सोमवती अमावस्या सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या है, जिसका जिक्र शास्त्रों में भी किया गया है.

सोमवती आमावस्या का स्नान आज
सोमवती अमावस्या काशी में पुण्य की डुबकी
author img

By

Published : Dec 14, 2020, 9:31 AM IST

Updated : Dec 14, 2020, 9:45 AM IST

वाराणसी: मार्गशीर्ष महीने में पढ़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है. सोमवार को पड़ने वाली यह आमवस्या वस्तु विशेष फलदाई मानी जाती है. यही वजह है कि आज काशी में सोमवती अमावस्या के दिन लोग गंगा में पुण्य की डुबकी लगा रहे हैं और महिलाएं पीपल के पेड़ के नीचे पूजन कर रही हैं.

लोग लगा रहे पुण्य की डुबकी
वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर आज सोमवती अमावस्या के मौके पर गंगा में पुण्य की डुबकी लगाने वालों की भीड़ दिखाई दे रही है. आज सुबह से ही लोग गंगा में डुबकी लगाकर सोमवती अमावस्या पर पुण्य के भागीदार बन रहे हैं. जानकारों की माने तो सोमवती अमावस्या सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या है, जिसका जिक्र शास्त्रों में भी किया गया है.

सोमवती अमावस्या काशी में पुण्य की डुबकी

दंतकथा के मुताबिक द्वापर युग में जब महाभारत की लड़ाई में युधिष्ठिर ने अपने तमाम करीबियों और पितरों को खो दिया तो उन्होंने शास्त्रों में वर्णित सोमवती अमावस्या पर अपनों का पिंडदान श्राद्ध कर्म कर उन्हें मोक्ष दिलाने की कोशिश शुरू की, लेकिन द्वापर युग में सोमवार को सोमवती अमावस्या पड़ी ही नहीं, जिससे नाराज होकर युधिष्ठिर ने इसे श्राप दिया कि कलयुग में तुम हर बार सोमवार को पड़ोगी.

होती है पीपल की परिक्रमा

जिसके बाद से इस कथा के अनुसार सोमवती अमावस्या हर सोमवार को पड़ती है और काशी में यह विशेष फलदाई मानी जाती है. इस दिन महिलाएं सौभाग्य की कामना के लिए व्रत रखती हैं और पीपल के पेड़ की परिक्रमा व पूजन करने के बाद उसके नीचे तेल के दीपक जलाती हैं. ऐसी मान्यता है कि तेल के दीपक जलाने से पितरों को शांति मिलती है.

वाराणसी: मार्गशीर्ष महीने में पढ़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है. सोमवार को पड़ने वाली यह आमवस्या वस्तु विशेष फलदाई मानी जाती है. यही वजह है कि आज काशी में सोमवती अमावस्या के दिन लोग गंगा में पुण्य की डुबकी लगा रहे हैं और महिलाएं पीपल के पेड़ के नीचे पूजन कर रही हैं.

लोग लगा रहे पुण्य की डुबकी
वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर आज सोमवती अमावस्या के मौके पर गंगा में पुण्य की डुबकी लगाने वालों की भीड़ दिखाई दे रही है. आज सुबह से ही लोग गंगा में डुबकी लगाकर सोमवती अमावस्या पर पुण्य के भागीदार बन रहे हैं. जानकारों की माने तो सोमवती अमावस्या सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या है, जिसका जिक्र शास्त्रों में भी किया गया है.

सोमवती अमावस्या काशी में पुण्य की डुबकी

दंतकथा के मुताबिक द्वापर युग में जब महाभारत की लड़ाई में युधिष्ठिर ने अपने तमाम करीबियों और पितरों को खो दिया तो उन्होंने शास्त्रों में वर्णित सोमवती अमावस्या पर अपनों का पिंडदान श्राद्ध कर्म कर उन्हें मोक्ष दिलाने की कोशिश शुरू की, लेकिन द्वापर युग में सोमवार को सोमवती अमावस्या पड़ी ही नहीं, जिससे नाराज होकर युधिष्ठिर ने इसे श्राप दिया कि कलयुग में तुम हर बार सोमवार को पड़ोगी.

होती है पीपल की परिक्रमा

जिसके बाद से इस कथा के अनुसार सोमवती अमावस्या हर सोमवार को पड़ती है और काशी में यह विशेष फलदाई मानी जाती है. इस दिन महिलाएं सौभाग्य की कामना के लिए व्रत रखती हैं और पीपल के पेड़ की परिक्रमा व पूजन करने के बाद उसके नीचे तेल के दीपक जलाती हैं. ऐसी मान्यता है कि तेल के दीपक जलाने से पितरों को शांति मिलती है.

Last Updated : Dec 14, 2020, 9:45 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.